ETV Bharat / state

शिवराज सरकार की नई शराब नीति का 'घर' में ही विरोध, सीएम के गृह जिले में हुआ विवाद - शिवराज सरकार की नई शराब नीति

नई शराब नीति (New wine polcy) के तहत 1 अप्रैल से मध्यप्रदेश में अंग्रेजी और देसी शराब सस्ती हो जाएगी. नई शराब नीति का विरोध भी शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री के गृह जिले के शराब ठेकेदार इस शराब नीति का विरोध कर रहे हैं. (New wine polcy of shivraj goverment) (Opposition to the new liquor policy)

mp new liquor policy
मप्र की नई शराब नीति
author img

By

Published : Mar 21, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Mar 23, 2022, 2:15 PM IST

सीहोर। नई शराब नीति के तहत 1 अप्रैल से प्रदेशभर में अंग्रेजी और देसी शराब के दाम सस्ते हो जाएंगे. सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से एक और जहां सुरा प्रेमियों में उत्साह है तो वहीं नई शराब नीति का विरोध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के शराब ठेकेदार करने लगे हैं. लाइसेंसी ठेकेदार और लिक्वर एसोशिएशन नई शराब नीति का लगातार विरोध कर रहे हैं.

... तो शराब ठेकेदारों को होगा भारी घाटा
मप्र लिक्वर एसोशिएन के अध्यक्ष और सीहोर जिले के शराब कोरोबारी अखलेख राय ने इस संबंध में प्रमुख सचिव और सीएम के समक्ष अपनी बात रखी है. उनका कहना है कि सरकार यदि सस्ती शराब बिकवाना चाहती है तो उसे रिन्युअल फीस कम करना चाहिए. नई नीति में सिर्फ सरकार को ही फायदा है, जबकि लाइसेंसी दुकानदारों को बेहद घाटा है. ऐसी स्थिति में धंधा करना मुश्किल है. यह नीति ठेकेदारों के विरुद्ध है. शराब के दाम तो सस्ते कर दिए गए लेकिन रिन्युअल फीस बढ़ा दी गई है. बीते साल की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत तक अधिक फीस वसूली जा रही है. कम दाम पर शराब बेचना कैसे मुमकिन होगा. घाटा खाकर धंधा कैसे कर सकते हैं. सरकार को तो राजस्व मिल जाएगा, लेकिन ठेकेदार बर्बाद हो जाएंगे. इस नीति पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए.

ई टेंडर में नहीं आया कोई ठेकेदार
उल्लेखनीय है कि सीहोर जिला रिन्युअल पॉलिसी में शामिल है. मार्च माह में रिन्युअल की तैयारियां की जा रही हैं. आष्टा, इछावर, रेहटी और नसरूल्लागंज की लाइसेंसी दुकानों के लिए रिन्युअल हो चुके हैं, जबकि फीस अधिक होने के कारण ठेकेदार ने सीहोर शहर के दो समूहों की 6 दुकानों पर रिन्युअल नहीं कराया है. इस कारण 10 , 15 और 19 मार्च को ई- टेंडर के जरिए ठेकेदारों को आमंत्रित किया गया. लेकिन ई टेंडर में किसी भी ठेकेदार ने भाग नहीं लिया. अब 22 मार्च को चौथी बार टेंडर बुलाए गए हैं.

शहडोल में युवती से हैवानियत: गैंगरेप के बाद हत्या कर अस्पताल के बाहर फेंका, तीन संदेही हिरासत में

इस वर्ष ठेके की राशि 246 करोड़ रुपये होगी

जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022- 23 में शराब दुकानों के लिए लगभग 23 प्रतिशत फीस बढाई गई है. वर्तमान में जिले में कुल 71 दुकानें हैं. देसी की 57 और 14 विदेशी शराब की दुकानें हैं. दुकानों की संख्या नहीं बढाई जा रही है. बीते वर्ष ठेका 198 करोड रुपए का था. इस वर्ष ठेके की राशि 246 करोड के लगभग आंकी गई है. देसी शराब दुकानों पर 25 प्रतिशत, जबकि अंग्रेजी दुकानों पर 15 फीसदी की वृद्धि की गई है. इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी कीर्ति दुबे का कहना है कि दो समूह पर रिन्युअल न होने के कारण टेंडर बुलाए गए थे, कोई भी नहीं आया. अब 22 मार्च को टेंडर होंगे. (New wine polcy of shivraj goverment) (Opposition to the new liquor policy)

सीहोर। नई शराब नीति के तहत 1 अप्रैल से प्रदेशभर में अंग्रेजी और देसी शराब के दाम सस्ते हो जाएंगे. सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से एक और जहां सुरा प्रेमियों में उत्साह है तो वहीं नई शराब नीति का विरोध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के शराब ठेकेदार करने लगे हैं. लाइसेंसी ठेकेदार और लिक्वर एसोशिएशन नई शराब नीति का लगातार विरोध कर रहे हैं.

... तो शराब ठेकेदारों को होगा भारी घाटा
मप्र लिक्वर एसोशिएन के अध्यक्ष और सीहोर जिले के शराब कोरोबारी अखलेख राय ने इस संबंध में प्रमुख सचिव और सीएम के समक्ष अपनी बात रखी है. उनका कहना है कि सरकार यदि सस्ती शराब बिकवाना चाहती है तो उसे रिन्युअल फीस कम करना चाहिए. नई नीति में सिर्फ सरकार को ही फायदा है, जबकि लाइसेंसी दुकानदारों को बेहद घाटा है. ऐसी स्थिति में धंधा करना मुश्किल है. यह नीति ठेकेदारों के विरुद्ध है. शराब के दाम तो सस्ते कर दिए गए लेकिन रिन्युअल फीस बढ़ा दी गई है. बीते साल की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत तक अधिक फीस वसूली जा रही है. कम दाम पर शराब बेचना कैसे मुमकिन होगा. घाटा खाकर धंधा कैसे कर सकते हैं. सरकार को तो राजस्व मिल जाएगा, लेकिन ठेकेदार बर्बाद हो जाएंगे. इस नीति पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए.

ई टेंडर में नहीं आया कोई ठेकेदार
उल्लेखनीय है कि सीहोर जिला रिन्युअल पॉलिसी में शामिल है. मार्च माह में रिन्युअल की तैयारियां की जा रही हैं. आष्टा, इछावर, रेहटी और नसरूल्लागंज की लाइसेंसी दुकानों के लिए रिन्युअल हो चुके हैं, जबकि फीस अधिक होने के कारण ठेकेदार ने सीहोर शहर के दो समूहों की 6 दुकानों पर रिन्युअल नहीं कराया है. इस कारण 10 , 15 और 19 मार्च को ई- टेंडर के जरिए ठेकेदारों को आमंत्रित किया गया. लेकिन ई टेंडर में किसी भी ठेकेदार ने भाग नहीं लिया. अब 22 मार्च को चौथी बार टेंडर बुलाए गए हैं.

शहडोल में युवती से हैवानियत: गैंगरेप के बाद हत्या कर अस्पताल के बाहर फेंका, तीन संदेही हिरासत में

इस वर्ष ठेके की राशि 246 करोड़ रुपये होगी

जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022- 23 में शराब दुकानों के लिए लगभग 23 प्रतिशत फीस बढाई गई है. वर्तमान में जिले में कुल 71 दुकानें हैं. देसी की 57 और 14 विदेशी शराब की दुकानें हैं. दुकानों की संख्या नहीं बढाई जा रही है. बीते वर्ष ठेका 198 करोड रुपए का था. इस वर्ष ठेके की राशि 246 करोड के लगभग आंकी गई है. देसी शराब दुकानों पर 25 प्रतिशत, जबकि अंग्रेजी दुकानों पर 15 फीसदी की वृद्धि की गई है. इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी कीर्ति दुबे का कहना है कि दो समूह पर रिन्युअल न होने के कारण टेंडर बुलाए गए थे, कोई भी नहीं आया. अब 22 मार्च को टेंडर होंगे. (New wine polcy of shivraj goverment) (Opposition to the new liquor policy)

Last Updated : Mar 23, 2022, 2:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.