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करंट लगने के घायल साथी को बंदर ने पहुंचाया अस्पताल, देखें वीडियो

एक बंदर ने अपने साथी को घायल अवस्था में सीहोर पशु चिकित्साल पहुंचाया. इसके बाद भी उसकी जान नहीं बच सकी. माूसम बंदर हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से झुलस गया था, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.

घायल साधी को हॉस्पिटल ले जाते बंदर
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Published : Nov 6, 2019, 3:36 PM IST

सीहोर। शहर में बुधवार को एक अलग ही नजारा देखने मिला. इस नजारे में बेजुवान जानवरों ने इंसानों को बड़ी सीख दी है. हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से बंदर के बच्चे को उसके साथी बंदर ने हॉस्पिटल पहुंचाया. हाईटेंशन तार की चपेट में आने के बाद बंदर जोरदार धमाके के साथ एक नाली में जा गिरा. जिसके बाद उसका साथी पास पहुंचा और उसे सीने से चिपकाकर पशु चिकित्साल ले गया, हालांकि बंदर की जान नहीं बच सकी.

घायल साथी को बंदर ले गया हॉस्पिटल

पशु चिकित्सालय के डॉक्टर ने बताया कि इस तरह का यह पहला मामला है, जब बंदर किसी दूसरे बंदर को अस्पताल पहुंचाया हो. हालांकि बंदर गुस्से में था, इसलिए उसने किसी को हाथ तक लगाने नहीं दिया. इसी बजह से समय पर उसका इलाज नहीं किया जा सका. जब घायल बंदर के साथी का गुस्सा शांत हुआ, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.


सीने से लगाकर मासूम बंदर को हॉस्पिटल ले जाते वक्त का सीन लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया है. हालांकि जब बंदर को कंरट लगा तो लोगों ने उसकी मदद नहीं की. बेजुबान बंदर ने घटना स्थल पर मौजूद लोगों को मानवता की सीख दी है, अमूमन देखा जाता है कि घटना के बाद लोग दूसरों की मदद करने की बजाय वीडियो बनाते रहते हैं, लेकिन सीहोर में घटी इस घटना से जानवरों की संवेदना जगजाहिर हुई है.

सीहोर। शहर में बुधवार को एक अलग ही नजारा देखने मिला. इस नजारे में बेजुवान जानवरों ने इंसानों को बड़ी सीख दी है. हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से बंदर के बच्चे को उसके साथी बंदर ने हॉस्पिटल पहुंचाया. हाईटेंशन तार की चपेट में आने के बाद बंदर जोरदार धमाके के साथ एक नाली में जा गिरा. जिसके बाद उसका साथी पास पहुंचा और उसे सीने से चिपकाकर पशु चिकित्साल ले गया, हालांकि बंदर की जान नहीं बच सकी.

घायल साथी को बंदर ले गया हॉस्पिटल

पशु चिकित्सालय के डॉक्टर ने बताया कि इस तरह का यह पहला मामला है, जब बंदर किसी दूसरे बंदर को अस्पताल पहुंचाया हो. हालांकि बंदर गुस्से में था, इसलिए उसने किसी को हाथ तक लगाने नहीं दिया. इसी बजह से समय पर उसका इलाज नहीं किया जा सका. जब घायल बंदर के साथी का गुस्सा शांत हुआ, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.


सीने से लगाकर मासूम बंदर को हॉस्पिटल ले जाते वक्त का सीन लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया है. हालांकि जब बंदर को कंरट लगा तो लोगों ने उसकी मदद नहीं की. बेजुबान बंदर ने घटना स्थल पर मौजूद लोगों को मानवता की सीख दी है, अमूमन देखा जाता है कि घटना के बाद लोग दूसरों की मदद करने की बजाय वीडियो बनाते रहते हैं, लेकिन सीहोर में घटी इस घटना से जानवरों की संवेदना जगजाहिर हुई है.

Intro:____________________________
सीहोर में मार्मिक दृश्य ने इंसान से ज्यादा जानवरो में मानवता जिंदा होने की बात को किया साबित,

-करंट की चपेट में आए एक मासूम बंदर को बचाने दूसरे बंदर ने दिखाई मानवता,

- घायल बंदर साथी को बंदर द्वारा पास ही स्थित पशु चिकित्सालय मैं घसीट के सीने से लगा कर ले जाया गया,
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बाइट- डा.संदीप श्रीवास्तव, जिला पशुचिकित्सालय
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एंकर-सीहोर- नगर में एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जहां मानवता हुई शर्मसार, लेकिन जानवरों द्वारा इंसानों को सीख देखने को मिली, 11 केवी हाईटेंशन लाइन की चपेट में जैसे ही एक मासूम बंदर का बच्चा चपेट में आया वैसे ही साथी बंदरों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई, और जोरदार धमाके के साथ बंदर का बच्चा लंबी हाइट से सीधा नाली में गिरा, 

Body:घायल बंदर साथी को बंदर द्वारा पास ही स्थित पशु चिकित्सालय मैं बंदर द्वारा घसीट के सीने से लगा कर ले जाया गया, ताकि उसका इलाज हो सके लेकिन इस मार्मिक दृश्य का असर ना ही इंसान और ना ही डॉक्टर के प्रति देखने को मिला,

-एक टक साथी बंदर मायूसी से हॉस्पिटल और आसपास इंसानों को देखकर मदद की भीख मांग रहे थे लेकिन, किसी को भी इस मार्मिक कृत्य पर शर्म महसूस नहीं हुई ना ही किसी ने बंदरों की भावनाओं को समझा जिससे घायल हुए बंदर के बच्चे ने तड़प तड़प कर अपने प्राण पखेरू उड़ गए,

पशु चिकित्सालय के डॉक्टर से इस मार्मिक दृश्य और घटना की चर्चा की तो उन्होंने बताया कि इस तरह का यह पहला मामला है जब बंदर किसी को लाया जब हम वँहा गया तो बंदरिया आक्रमक थी जिसने हाथ नही लगाने दिया। आक्रोश रूप धर लिया था जिसकी वजह से हम बंदर का इलाज नहीं कर पा रहे थे। बाद में जब घायल बंदर को चेक किया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी, इस दृश्य से मानवो को प्रेणा लेना चाहिए।Conclusion:
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