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भड़काऊ भाषण देने पर वनरक्षक निलंबित, धारा 144 के तहत हुई कार्रवाई - मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965

सीहोर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने और भड़काऊ भाषण देने पर डीएफओ ने एक वनरक्षक को निलंबित कर दिया है. वन मंडलाधिकारी रमेश गनावा द्वारा धारा 144 के तहत वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है.

Forest guard suspended for making inflammatory speech
भड़काऊ भाषण देने पर वनरक्षक निलंबित
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Published : Dec 22, 2019, 10:59 PM IST

सीहोर । नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने और भड़काऊ भाषण देने पर डीएफओ ने एक वनरक्षक को निलंबित कर दिया है. वन मंडलाधिकारी रमेश गनावा द्वारा धारा 144 के तहत वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है.

भड़काऊ भाषण देने पर वनरक्षक निलंबित


जानकारी के अनुसार शहर के कस्बा क्षेत्र में शनिवार को एक वर्ग विशेष द्वारा नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर मस्जिद में विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें वनरक्षक ने कार्यक्रम में शामिल होकर भड़काऊ भाषण दिया. इसके बाद वन मंडलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए वनरक्षक को निलंबित कर दिया. वन मंडलाधिकारी द्वारा भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई है.


इस मामले में वन रक्षक का कहना है कि मुझ पर जो कार्रवाई की गई है वह गलत है, मेरे द्वारा ऐसा कोई कृत्य नहीं किया गया, जिसके कारण मेरे ऊपर कार्रवाई की जा सके. मैंने ना सड़क पर कोई आंदोलन किया है और ना ही मैंने धारा 144 का उल्लंघन किया है. मैं मुख्यमंत्री को भी इस मामले से अवगत कराऊंगा, क्योंकि वो भी इसका विरोध कर रहे हैं. मैंने प्रशासन का हमेशा सहयोग किया है.

सीहोर । नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने और भड़काऊ भाषण देने पर डीएफओ ने एक वनरक्षक को निलंबित कर दिया है. वन मंडलाधिकारी रमेश गनावा द्वारा धारा 144 के तहत वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है.

भड़काऊ भाषण देने पर वनरक्षक निलंबित


जानकारी के अनुसार शहर के कस्बा क्षेत्र में शनिवार को एक वर्ग विशेष द्वारा नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर मस्जिद में विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें वनरक्षक ने कार्यक्रम में शामिल होकर भड़काऊ भाषण दिया. इसके बाद वन मंडलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए वनरक्षक को निलंबित कर दिया. वन मंडलाधिकारी द्वारा भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई है.


इस मामले में वन रक्षक का कहना है कि मुझ पर जो कार्रवाई की गई है वह गलत है, मेरे द्वारा ऐसा कोई कृत्य नहीं किया गया, जिसके कारण मेरे ऊपर कार्रवाई की जा सके. मैंने ना सड़क पर कोई आंदोलन किया है और ना ही मैंने धारा 144 का उल्लंघन किया है. मैं मुख्यमंत्री को भी इस मामले से अवगत कराऊंगा, क्योंकि वो भी इसका विरोध कर रहे हैं. मैंने प्रशासन का हमेशा सहयोग किया है.

Intro:
सीहोर- CAA और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम मैं शामिल होने और भड़काऊ भाषण देने पर वनरक्षक निलंबित


सीहोर- CAA और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम मैं शामिल होने और भड़काऊ भाषण देने पर वनरक्षक को डीएफओ ने निलंबित कर दिया है। वन मंडलाधिकारी रमेश गनावा द्वारा भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत शासकीय अधिकारी वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत निलंबन की कार्यवाही की गई है।

बाईट-कमलेश दोहरे, निलंबित आरक्षकBody:जानकरी के अनुसार शहर के कस्बा क्षेत्र में शनिवार को एक वर्ग विशेष द्वारा एनआरसी और सीए को लेकर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम मस्जिद में रखा गया था जिसमें वनरक्षक कमलेश दोहरे विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होकर भड़काऊ भाषण दिया। जिसके बाद वन मंडल अधिकारी रमेश कनावाने कार्रवाई करते हुए वनरक्षक को निलंबित कर दिया है। रमेश गनावा द्वारा भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत शासकीय अधिकारी वनरक्षक कमलेश दोहरे के विरुद्ध मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत निलंबन की कार्यवाही की गई है।

मामले में वन रक्षक का कहना है कि मुझ पर जो कार्रवाई की गई है वह गलत है मेरे द्वारा ऐसा कोई कृत्य नहीं किया गया जिस पर प्रशासन मुझ पर कार्रवाई करता। नहीं मैंने कोई सड़क पर आंदोलन किया है ना ही मैंने धारा 144 का उल्लंघन किया है। मैने एलएलबी किया है में कानूनी जानकरी रखता हूं एक विरोध प्रदर्शन होना था जंहा मुझे सलाह के लिए बुलाया जिस पर मैने अपनी सलाह रखी थी। कानून पूरी तरह से गलत है में इसका अभी भी विरोध करता हूं। मेरे खिलाफ जो कार्रवाई की गई है वह पूरी तरह से गलत है मेरे द्वारा ऐसा कोई कृत्य नहीं किया गया जो इस तरह की कार्रवाई की जाएमें मुख्यमंत्री को भी अवगत कराऊंगा क्यों कि मप्र सरकार भी इसका विरोध कर रही है। जो कार्यक्रम था शांति पूर्ण था मैंने प्रशासन का हमेशा सहयोग किया है। मेरे द्वारा ऐसा कोई कृत्य नही किया गया जो इतनी बड़ी कार्रवाही की गई है यह पूरी तरह से गलत है।Conclusion:
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