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नर्मदा के घाट पर दिखा मगरमच्छ, जिला प्रशासन ने लगाई रोक, तो विरोध में उतरे व्यापारी

सीहोर जिले के बुधनी में नर्मदा घाट पर करीब 10 दिन पहले मगरमच्छ दिखा था, जिसकी खबर ETV भारत पर दिखाए जाने के बाद एसडीएम ने घाट पर प्रतिबंध लगा दिया था, वहीं अभी तक स्थिति साफ नहीं होने के चलते प्रतिबंध जारी है.

Budhni
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Published : Jul 29, 2020, 5:51 PM IST

सीहोर। बुधनी के नर्मदा घाट पर पिछले दिनों मगरमच्छ दिखाई देने की खबर के बाद से बुधनी एसडीएम शैलेन्द्र हनोतिया ने घाट को नहाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया. इस बात से नाराज स्थानीय व्यापारियों ने एसडीएम से घाट को प्रतिबंध मुक्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा. मामले को संज्ञान में लेते हुए वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू टीम के साथ बुधनी घाट पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया.

Budhni
जायजा लेने पहुंची टीम

जहां स्थानीय निवासी राजेश मांझी ने बताया कि, पिछले 10 दिनों से मगरमच्छ का कोई भी मूवमेंट यहां देखने को नहीं मिली है. एक नाविक ने बताया कि, चार- पांच दिन पहले सिंधी कॉलोनी के पास मगरमच्छ का मूवमेंट देखा गया. एक ओर जहां स्थानीय व्यापारी घाट को खुलवाने की मांग कर रहे हैं, जिससे कई बेरोजगार परिवार अपनी रोजी- रोटी चला सके, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन के लिए मगरमच्छ द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका में घाट खोलना किसी चुनौती से कम नहीं है, जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है.

हालांकि एसडीएम शैलेन्द्र हनोतिया ने बताया कि, मगरमच्छ की मूवमेंट को देखने के बाद घाट को प्रतिबन्ध मुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन सवाल उठता है कि, क्या मगरमच्छ के पानी में रहने से घाट यू ही प्रतिबंधित रहेगा. जिससे ये कहा जा सकता है कि, बंद से कई परिवारों की रोजी-रोटी विभागीय स्तर पर छीनी जा रही है. नर्मदा घाट पर भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले लोगों के सामने भी भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.

सीहोर। बुधनी के नर्मदा घाट पर पिछले दिनों मगरमच्छ दिखाई देने की खबर के बाद से बुधनी एसडीएम शैलेन्द्र हनोतिया ने घाट को नहाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया. इस बात से नाराज स्थानीय व्यापारियों ने एसडीएम से घाट को प्रतिबंध मुक्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा. मामले को संज्ञान में लेते हुए वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू टीम के साथ बुधनी घाट पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया.

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जायजा लेने पहुंची टीम

जहां स्थानीय निवासी राजेश मांझी ने बताया कि, पिछले 10 दिनों से मगरमच्छ का कोई भी मूवमेंट यहां देखने को नहीं मिली है. एक नाविक ने बताया कि, चार- पांच दिन पहले सिंधी कॉलोनी के पास मगरमच्छ का मूवमेंट देखा गया. एक ओर जहां स्थानीय व्यापारी घाट को खुलवाने की मांग कर रहे हैं, जिससे कई बेरोजगार परिवार अपनी रोजी- रोटी चला सके, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन के लिए मगरमच्छ द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका में घाट खोलना किसी चुनौती से कम नहीं है, जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है.

हालांकि एसडीएम शैलेन्द्र हनोतिया ने बताया कि, मगरमच्छ की मूवमेंट को देखने के बाद घाट को प्रतिबन्ध मुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन सवाल उठता है कि, क्या मगरमच्छ के पानी में रहने से घाट यू ही प्रतिबंधित रहेगा. जिससे ये कहा जा सकता है कि, बंद से कई परिवारों की रोजी-रोटी विभागीय स्तर पर छीनी जा रही है. नर्मदा घाट पर भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले लोगों के सामने भी भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.

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