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सीहोर में भोलेनाथ का अनोखा मंदिर: 1000 शिवलिंग से बना सहस्त्रलिंगम

आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है. भारत में शिवजी के बहुत से चमत्कारिक और अद्भुत मंदिर हैं जो लोगों की आस्था का प्रतीक हैं. आज हम आपको ऐसे ही अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, यह मंदिर मध्यप्रदेश के सीहोर में स्थित है. (Amazing Shivling in Sehore) (Sahastralingam Mahadeva Temple in Sehore)

Sahastralingam Mahadeva Temple in sehore
सहस्त्रलिंगम महादेव का मंदिर
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Published : Mar 1, 2022, 6:06 AM IST

सीहोर। राजधानी भोपाल के नजदीकी जिला मुख्यालय सीहोर में आस्था और विश्वास के धार्मिक स्थानों की संख्या काफी अधिक है, जहां महाशिवरात्रि पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं. शहर के बडियाखेड़ी में सबसे पुराना शिवालय स्थित है, जिसे सहस्त्रलिंगम (Sahastra Lingam) के नाम से जाना जाता है. बताया गया है कि यहां एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित हैं. इतिहासकार बताते हैं कि इस प्रकार के शिवलिंग पूरे देश में मात्र तीन ही हैं. उन्होंने बताया कि शहर में यह सबसे पुराना शिवालय है. इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है और देशभर के श्रद्धालु यहां आते रहे हैं.

सीवन नदी में खुदाई के दौरान मिला था शिवलिंग
भक्तों का मानना है कि शिवलिंग के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर पर देश भर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर प्राचीन आस्था का केंद्र है. मंदिर के पुजारी ने बताया है कि करीब 200 साल पहले अंग्रेजों के समय सीवन नदी (siwan river) में खुदाई के दौरान यह शिवलिंग मिला था. इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां बड़ी बावड़ी भी है, जो हमेशा जीवित रहती है.. इसके बनाने का उद्देश्य संभवता यही रहा होगा कि रोजाना बावड़ी के पानी से भगवान शिवजी का अभिषेक किया जाए.

(amazing shivling in sehore) (Sahastralingam Mahadeva Temple in sehore) (One thousand Shivling contained in Shivling)

सीहोर। राजधानी भोपाल के नजदीकी जिला मुख्यालय सीहोर में आस्था और विश्वास के धार्मिक स्थानों की संख्या काफी अधिक है, जहां महाशिवरात्रि पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं. शहर के बडियाखेड़ी में सबसे पुराना शिवालय स्थित है, जिसे सहस्त्रलिंगम (Sahastra Lingam) के नाम से जाना जाता है. बताया गया है कि यहां एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित हैं. इतिहासकार बताते हैं कि इस प्रकार के शिवलिंग पूरे देश में मात्र तीन ही हैं. उन्होंने बताया कि शहर में यह सबसे पुराना शिवालय है. इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है और देशभर के श्रद्धालु यहां आते रहे हैं.

सीवन नदी में खुदाई के दौरान मिला था शिवलिंग
भक्तों का मानना है कि शिवलिंग के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर पर देश भर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर प्राचीन आस्था का केंद्र है. मंदिर के पुजारी ने बताया है कि करीब 200 साल पहले अंग्रेजों के समय सीवन नदी (siwan river) में खुदाई के दौरान यह शिवलिंग मिला था. इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां बड़ी बावड़ी भी है, जो हमेशा जीवित रहती है.. इसके बनाने का उद्देश्य संभवता यही रहा होगा कि रोजाना बावड़ी के पानी से भगवान शिवजी का अभिषेक किया जाए.

(amazing shivling in sehore) (Sahastralingam Mahadeva Temple in sehore) (One thousand Shivling contained in Shivling)

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