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शर्मनाक तस्वीर: पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने पर शव को स्ट्रेचर पर ले गए परिजन

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Published : Oct 5, 2020, 7:16 AM IST

Updated : Oct 5, 2020, 8:59 AM IST

सीहोर जिले के बुदनी में मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है, जहां एक शव को पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर पर रखकर परिजनों को पैदल अपने घर तक ले जाना पड़ा.

Relatives carrying dead bodies
शव को ले जाते परिजन

सीहोर। जिले के बुधनी में मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है, जहां एक शव को पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर पर रखकर परिजनों को पैदल घर तक ले जाना पड़ा. मृतक की मां का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद किसी अधिकारी ने उनकी मदद नहीं की.

शव को स्ट्रेचर पर ले गए परिजन

मामला रविवार का है, जब पुलिस को सूचना मिली थी कि बुधनी में राधाकृष्ण मंदिर के पास रहने वाले बबलू कुमरे ने अपने घर में फांसी लाकर खुदकुशी कर ली है. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए बुधनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया. जहां शव का पोस्टमार्टम कर उसे परिजनों को सौंप दिया. इस दौरान परिजनों ने शव को ले जाने के लिए वाहन की मांग की, लेकिन उन्हें कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया.

ये भी पढ़े- इंदौर में होगा अनूठी रेस का आयोजन, सबसे आखरी तक दौड़ने वाला होगा विजेता

वाहन उपलब्ध नहीं होने पर परिजनों को मजबूरन शव को स्ट्रेचर पर रखकर पैदल घर तक ले जाना पड़ा. बता दें कि बुदनी विधानसभा प्रदेश के मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, लेकिन ना तो यहां शव वाहन है और ना ही किसी तरह की सुविधाएं हैं. जो एक बड़े सवाल को जन्म देती हैं कि अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का हाल ऐसा है, तो बाकी क्षेत्रों का हाल कैसा होगा ?

सीहोर। जिले के बुधनी में मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है, जहां एक शव को पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर पर रखकर परिजनों को पैदल घर तक ले जाना पड़ा. मृतक की मां का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद किसी अधिकारी ने उनकी मदद नहीं की.

शव को स्ट्रेचर पर ले गए परिजन

मामला रविवार का है, जब पुलिस को सूचना मिली थी कि बुधनी में राधाकृष्ण मंदिर के पास रहने वाले बबलू कुमरे ने अपने घर में फांसी लाकर खुदकुशी कर ली है. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए बुधनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया. जहां शव का पोस्टमार्टम कर उसे परिजनों को सौंप दिया. इस दौरान परिजनों ने शव को ले जाने के लिए वाहन की मांग की, लेकिन उन्हें कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया.

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वाहन उपलब्ध नहीं होने पर परिजनों को मजबूरन शव को स्ट्रेचर पर रखकर पैदल घर तक ले जाना पड़ा. बता दें कि बुदनी विधानसभा प्रदेश के मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, लेकिन ना तो यहां शव वाहन है और ना ही किसी तरह की सुविधाएं हैं. जो एक बड़े सवाल को जन्म देती हैं कि अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का हाल ऐसा है, तो बाकी क्षेत्रों का हाल कैसा होगा ?

Last Updated : Oct 5, 2020, 8:59 AM IST
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