सतना। जिले में देर रात से हो रही लगातार बारिश ने किसानों और गरीबों के निवाले पर पानी फेर दिया. अमरपाटन ओपन कैम्प में रखी हजारों क्विंटल धान पानी में भीग कर खराब हो गई. जबकि इस मामले पर कोई बयान देने के बजाए प्रशासनिक अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
मध्यप्रदेश सरकार एक ओर किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. अमरपाटन के किरहाई और चोरहटा गांव में बनाए गए ओपन वेयर हाउस धान खरीदी केंद्र में सरकारी सिस्टम की लापरवाही तस्वीर सामने आई है. खरीदी केंद्रों में रखा हजारों मैट्रिक टन धान बारिश में भीग कर खराब हो गया.
धान का रखरखाव समय से प्रबंधक द्वारा नहीं किया गया, जिसकी लापरवाही की वजह से आज गरीबों तक पहुंचने वाला निवाला पानी में भीग कर खराब हो गया. यह उन किसानों की मेहनत है. मौसम विभाग द्वारा बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया था. उसके बावजूद भी समिति प्रबंधक नहीं चेते, और नतीजा नुकसान का सामने आया. इस तरह 40 से ज्यादा ओपन खरीदी केंद्र बनाये गए हैं. जिसमें अधिकांश खरीदी केंद्रों का हाल यही है. खरीदी केंद्र से जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. इस मामले पर नागरिक आपूर्ति विभाग निगम के अधिकारी विख्यात हिडोलिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह समिति प्रबंधक की जवाबदारी है. जो भी अनाज खराब होता है उसका हम यहां से पेमेंट नहीं करेंगे.