सतना। शहर में रहने वाले शिक्षक आलोक सिंह कई मायनों में बिल्कुल आंनद कुमार की तरह काम कर रहे हैं. जो पिछले तीन सालों से शहर के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को फ्री में कोचिंग दे रहे हैं. उनकी कोचिंग में करीब 1600 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी निशुक्ल कोचिंग की जानकारी दी.
सतना ईटीवी भारत से बात करते हुए आलोक सिंह ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा कानपुर के पंडित दीन दयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय के प्राचार्य ओम शंकर त्रिपाठी से मिली, आलोक सिंह ओमशंकर त्रिपाठी को अपना आदर्श मानते हैं, उन्होंने बताया यह कोचिंग की फ्री सुविधा अपनी खुशी से करते हैं और निस्वार्थ भाव से बच्चों को शिक्षा देते हैं.
क्योंकि उन्हें शिक्षा देने में बेहद खुशी प्राप्त होती है और इसी भाव से वह लगातार तीन वर्षों से गरीब मध्यम वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करते चले आ रहे हैं. आलोक सिंह की प्रशंसा उनके साथी शिक्षक भी कर रहे हैं और उन्हें अपना एक आदर्श मानते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.
करीब 16 सौ छात्र करते हैं पढ़ाई
वर्तमान समय में आलोक सिंह के पास करीब 16 सौ बच्चे उनके कोचिंग सेंटर में अध्ययनरत हैं, यह ऐसे बच्चे हैं जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से जुड़े हुए हैं. जिनके पास कोचिंग सेंटर की फीस देने की सुविधा नहीं होती है, आलोक सिंह ने तीन साल पहले इस निशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रारंभ की थी.
पहले वर्ष इनके पास करीब 7 सौ बच्चे अध्ययनरत थे, दूसरे वर्ष 1 हजार बच्चे हुए, तीसरे वर्ष करीब 16 बच्चे आलोक सिंह के कोचिंग सेंटर में अध्ययनरत हैं. इस साल कोरोना काल में भी उन्होंने अपनी कोचिंग बंद नहीं की. वह बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा देते हैं.
आलोक सिंह के छात्र भी उनकी प्रशंसा करते हैं. उनकी कोचिंग में पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि उनकी शिक्षा से हमें बेहद प्रेरणा मिलती है. हम सभी लगातार आलोक सर की कोचिंग सेंटर में पढ़ने आते हैं जिससे हमें अच्छी शिक्षा और शिक्षा के साथ कैरियर की भी अच्छी जानकारी मिल जाती है.