BUDHNI VIJAYPUR BY ELECTION 2024: मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवम्बर को आ जाएंगे. कांग्रेस छोड़कर गए कांग्रेस के कद्दावर नेता राम निवास रावत के लिए ये चुनाव नतीजे उनके राजनीतिक जीवन के सबसे अहम नतीजे होंगे. उधर बुधनी सीट पर 18 साल बाद शिवराज उममीदवार नहीं हैं, लेकिन प्रतिष्ठा उन्हीं की दांव पर हैं. बुधनी सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ है. इस सीट से शिवराज सिंह चौहान पांच बार विधायक चुने गए थे.
विजयपुर सीट पर अब तक रामनिवास रावत की मजबूत पकड़ रही है, लेकिन क्या पार्टी बदल लेने के उनके फैसले को जनता का समर्थन मिल पाएगा. ये नतीजे इस बात की भी गवाही होंगे. विजयपुर के मुकाबले बुधनी में बीजेपी मजबूत स्थिति में बताई जा रही है.
बुधनी बीजेपी का मजबूत गढ़, शिवराज की प्रतिष्ठा दांव पर
बुधनी सीट पर बीजेपी से उम्मीदवार भले 71 बरस के रमाकांत भार्गव रहे हों, लेकिन ये पूरा उपचुनाव शिवराज सिंह चौहान के नाम पर ही बीजेपी ने लड़ा है. झारखंड के चुनाव प्रभारी होने के बावजूद शिवराज ने बुधनी सीट पर भरपूर सभाएं और रोड शो किए. जहां वे नहीं पहुंचे, वहां उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने मोर्चा संभाला. जिस बुधनी ने पांच बार विधायक बनाकर शिवराज को विधानसभा में पहुंचाया और एमपी का सीएम बनाया. क्या वो बुधनी अब शिवराज के कहने पर रमाकांत भार्गव को अपना प्रतिनिधि चुनेगी.
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, बुधनी सीट शिवराज का गढ़ मानी जाती है. वहां बीजेपी एकदम कंफर्टेबल पोजीशन में है. बावजूद इसके पार्टी ने जोखिम नहीं लिया. इतने के बावजूद भी क्षेत्र में शिवराज की भरपूर सभाएं हुई. रोड शो हुए. सीएम डॉ मोहन यादव ने लाड़ली बहनों की राशि 5 हजार तक किए जाने का वादा भी बुधनी की जनता के बीच में दोहराया, तो मजबूत स्तिथि होने के बाद भी बीजेपी ने जोखिम नहीं लिया. कांग्रेस से इस सीट से राजकुमार पटेल को उम्मीदवार बनाया है. जो 1992 में इसी सीट से विधायक भी बन चुके हैं. राजकुमार पटेल किरार समाज से आते हैं, जो कि करीब 50 हजार के लगभग का वोटर इलाके में है, हालांकि शिवराज भी उसी समाज से हैं.
नतीजे बताएंगे विजयपुर बदलाव के साथ या खिलाफ
राम निवास रावत कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं. उनके लिए मैदान वही है. जहां से साल भर पहले उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी बदल गई है और इसी बदलाव का फैसला भी इन्हीं नतीजों के साथ होगा. विजयपुर सीट पर आए उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता उनके इस फैसले के साथ है या नहीं. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, 'रावत मंत्री बन चुके हैं, ये एक दबाव भी जनता पर होता है. प्रत्याशी भी प्रचार के दौरान इसी अंदाज में प्रचार करता है कि आप वोट मंत्री को दे रहे हैं, जो आपके क्षेत्र की तकदीर बदल देगा.
फिर बीजेपी ने रणनीति के साथ काम किया है. चुनाव के पहले विजयपुर में विकास की गंगा दिखाने की कोशिश की है. बाकी ये तय है कि जनता को ये कितना रास आया ये नतीजे बताएंगे. कांग्रेस ने इस सीट से मुकेश मल्होत्रा को उम्मीदवार बनाया है. लो प्रोफाईल मुकेश जमीनी नेता के तौर पर गिने जाते हैं.'
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आंकड़े भी दिलचस्प 13 को वोटिंग, 23 को नतीजे, वोट 77 फीसदी
बुधनी और विजयपुर इन दोनों विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को हुए मतदान में 77 फीसदी के करीब वोटिंग हुई थी. बुधनी में 77.32 फीसदी मतदान हुआ तो विजयपुर में 77.85 प्रतिशत मतदान हुआ. दोनों सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने ए़ड़ी चोटी का जोर लगाया. जीतू पटवारी और वीडी शर्मा की साख तो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर लगी ही थी. शिवराज और सीएम डॉ मोहन यादव की भी प्रतिष्ठा इन चुनावों में दांव पर है. मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ मोहन यादव के कार्यकाल के ये पहले दो उपचुनाव हैं.