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किसान को जिंदा चबा गया आदमखोर टाइगर, मध्यप्रदेश के बालाघाट में दिल दहला देने वाली घटना - TIGER EATS MAN IN BALAGHAT

मवेशियों को चराने और खेत में हल चलाने गया था 55 वर्षीय आदिवासी किसान सुखराम, टाइगर ने किया हमला.

TIGER EATS MAN IN BALAGHAT
किसान को जिंदा चबा गया आदमखोर टाइगर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 23, 2024, 6:42 AM IST

Updated : Dec 23, 2024, 5:43 PM IST

बालाघाट : मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां रविवार को एक टाइगर एक शख्स को जिंदा चबा गया. बाघ ने एक आदिवासी किसान को अपना शिकार बनाया और उसकी कमर के नीचे का पूरा हिस्सा खा गया. किसान के शव को देख ग्रामीणों के होश उड़ गए. बता दें कि ये घटना बालाघाट के तिरोड़ी क्षेत्र के खैरलांजी सिलारी गांव की है.

खेत में हल चलाने गया था, फिर नहीं लौटा

ग्रामीणों व मृतक के परिजनों ने बताया कि किसान सुखराम उइके रबी की फसल का काम करने खेत में गया था. वह मवेशियों को साथ ले गया था और हल चलाने के बाद घर लौटने वाला था. लेकिन जब मवेशी भागकर अकेले घर आ पहुंचे तो परिजनों को शक हुआ और ग्रामीणों के साथ सुखराम की खोज शुरू हई.

Man killed farmer in balaghat
पिछले कई दिनों से यहां टाइगर की मौजूदगी (Etv Bharat)

सुखराम का शव नोंच रहा था बाघ

ग्रामीणों की मदद से जब खैरलांजी गांव के अन्य लोगों को सूचना दी गई तो दोपहर 3 बजे के आसपास खेत में जाकर देखा गया. वहां सुखराम की चप्पल और गमछा गिरा मिला. इसके बाद पास की झाड़ियों में घसीटने के निशान मिले. एक ग्रामीण ने बताया कि, "पास में लगी गन्ना बाड़ी में एक आदमखोर बाघ ने सुखराम के शव को नोंचा. जिस पर पास के ही ग्रामीणों ने शोर मचाया और बाघ वहां से भाग निकला." हालांकि, इसके बाद का मंजर भयावह था, सुखराम के सिर व गर्दन पर गहरे घाव थे और उसके कमर के नीचे का पूरा हिस्सा गायब था.

पिछले कई दिनों से यहां टाइगर की मौजूदगी

ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी फॉरेस्ट टीम को दी. जानकारी मिलते ही फॉरेस्ट गार्ड ओमप्रकाश धुर्वे और डिप्टी रेंजर ज्ञानीराम घोटफोड़े अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और बाघ की सर्चिंग शुरू कर दी. डिप्टी रेंजर ज्ञानीराम घोटफोड़े के मुताबिक, ''दो दिन पहले ही एक शावक ने गाय के बछड़े पर हमला कर दिया था. शनिवार से ही फॉरेस्ट की टीम ड्रोन कैमरे से सर्चिंग कर रही थी मगर बाघ का कोई सुराग नहीं मिला था और ये घटना घट गई. ग्रामीणों को लगातार चेतावनी देते हुए कहा गया था कि शाम के बाद घर से न निकलें, रात में अति आवश्यक होने पर ही बाहर जाएं. दिन में अकेले खेतों में न जाएं और हो सके तो शाम होते ही घरों के सामने पटाखे फोड़ें.''

वन विभाग पर उठ रहे सवाल

एक और वन विभाग ग्रामीणों को लगातार जंगली इलाकों से दूर रहने की सलाह दे रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इस घटना से ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. उनका मानना है कि विभागीय अमला ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार नहीं है.

    बालाघाट : मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां रविवार को एक टाइगर एक शख्स को जिंदा चबा गया. बाघ ने एक आदिवासी किसान को अपना शिकार बनाया और उसकी कमर के नीचे का पूरा हिस्सा खा गया. किसान के शव को देख ग्रामीणों के होश उड़ गए. बता दें कि ये घटना बालाघाट के तिरोड़ी क्षेत्र के खैरलांजी सिलारी गांव की है.

    खेत में हल चलाने गया था, फिर नहीं लौटा

    ग्रामीणों व मृतक के परिजनों ने बताया कि किसान सुखराम उइके रबी की फसल का काम करने खेत में गया था. वह मवेशियों को साथ ले गया था और हल चलाने के बाद घर लौटने वाला था. लेकिन जब मवेशी भागकर अकेले घर आ पहुंचे तो परिजनों को शक हुआ और ग्रामीणों के साथ सुखराम की खोज शुरू हई.

    Man killed farmer in balaghat
    पिछले कई दिनों से यहां टाइगर की मौजूदगी (Etv Bharat)

    सुखराम का शव नोंच रहा था बाघ

    ग्रामीणों की मदद से जब खैरलांजी गांव के अन्य लोगों को सूचना दी गई तो दोपहर 3 बजे के आसपास खेत में जाकर देखा गया. वहां सुखराम की चप्पल और गमछा गिरा मिला. इसके बाद पास की झाड़ियों में घसीटने के निशान मिले. एक ग्रामीण ने बताया कि, "पास में लगी गन्ना बाड़ी में एक आदमखोर बाघ ने सुखराम के शव को नोंचा. जिस पर पास के ही ग्रामीणों ने शोर मचाया और बाघ वहां से भाग निकला." हालांकि, इसके बाद का मंजर भयावह था, सुखराम के सिर व गर्दन पर गहरे घाव थे और उसके कमर के नीचे का पूरा हिस्सा गायब था.

    पिछले कई दिनों से यहां टाइगर की मौजूदगी

    ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी फॉरेस्ट टीम को दी. जानकारी मिलते ही फॉरेस्ट गार्ड ओमप्रकाश धुर्वे और डिप्टी रेंजर ज्ञानीराम घोटफोड़े अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और बाघ की सर्चिंग शुरू कर दी. डिप्टी रेंजर ज्ञानीराम घोटफोड़े के मुताबिक, ''दो दिन पहले ही एक शावक ने गाय के बछड़े पर हमला कर दिया था. शनिवार से ही फॉरेस्ट की टीम ड्रोन कैमरे से सर्चिंग कर रही थी मगर बाघ का कोई सुराग नहीं मिला था और ये घटना घट गई. ग्रामीणों को लगातार चेतावनी देते हुए कहा गया था कि शाम के बाद घर से न निकलें, रात में अति आवश्यक होने पर ही बाहर जाएं. दिन में अकेले खेतों में न जाएं और हो सके तो शाम होते ही घरों के सामने पटाखे फोड़ें.''

    वन विभाग पर उठ रहे सवाल

    एक और वन विभाग ग्रामीणों को लगातार जंगली इलाकों से दूर रहने की सलाह दे रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इस घटना से ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. उनका मानना है कि विभागीय अमला ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार नहीं है.

      Last Updated : Dec 23, 2024, 5:43 PM IST
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