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हादसों को आमंत्रण दे रही जर्जर इमारतें, चैन की नींद सो रहे जिम्मेदार

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Published : Jun 17, 2020, 8:19 PM IST

सतना में बीते दिनों दो जर्जर बिल्डिंगें गिरने के बाद भी स्थानीय प्रशासन की नींद नहीं खुली है. जर्जर इमारतें लगातार हादसों को आमंत्रण दे रही हैं, लेकिन प्रशासन चैन की नींद सो रहा है.

Shabby buildings inviting accidents
हादसों को आमंत्रण दे रही जर्जर बिल्डिंगें

सतना। नगर निगम क्षेत्र में शहर के बीच जर्जर इमारतें हादसों को आमंत्रण दे रही हैं. शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जर्जर बिल्डिंगों के छज्जे बद से बदतर हालात में हैं. इसके बावजूद नगर निगम आंख मूंदकर बैठा है और शायद किसी हादसे का इंतजार कर रहा है. नगर निगम की अनदेखी के चलते यहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बता दें कि बीते दिनों सतना में दो बिल्डिंगें गिर गई थी, जिसमें दो लोग घायल भी हो गए थे.

सतना कैसे बनेगा स्मार्ट

नगर निगम जर्जर बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने की बजाय मूकदर्शक बना हुआ है. एक तरफ बारिश का आगमन हो चुका है और अभी तक जर्जर इमारतों को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है. इन दिनों तेज हवा और बारिश होने से स्थानीय बस स्टैंड पर बने रैन बसेरा का छज्जा गिरने से करीब 12 मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गई थीं. इसके अलावा नगर निगम के करीब 100 मीटर दूरी पर स्थित एक जर्जर बिल्डिंग का छज्जा गिरने से 2 लोग घायल हो गए थे. इस तरह लगातार हो रहे हादसों के बाद भी प्रसाशन नजरअंदाज करते हुए मूकदर्शक बना हुआ है.

हो रही कागजी कार्रवाई

नगर निगम द्वारा चलाई जा रही जर्जर बिल्डिंग गिराने की मुहिम सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह गई. शहर में आए दिन हादसों को दावत दे रही यह जर्जर बिल्डिंगें लोगों की जान ले सकती है. किसी भी समय हादसा होने की आशंका बनीं रहती है. सतना शहर के स्थानीय जयस्तंभ चौक, सुभाष पार्क, हनुमान चौक, पन्नीलाल चौक, स्टेशन रोड, चौक बाजार सभी जगह बीच बाजार में अधिकांश बिल्डिंग वर्षों पुरानी है, जो जर्जर हालात में टिकी हुई है.

शहर में आधा सैकड़ा जर्जर बिल्डिंग

बताया जा रहा है कि शहर में अभी करीब 15 जर्जर बिल्डिंग चिह्नित हैं, लेकिन हकीकत में करीब आधा सैकड़ा इमारतें जर्जर हालात में हैं. हाल ही में हुए दो हादसों के बावजूद प्रशासन नींद से नहीं जागा. इस बारे में नगर निगम क्षेत्र के पूर्व पार्षद ने बताया कि नगर निगम में भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्रवाई नहीं की जा रही है. पूरे बाजार में अधिकांश बिल्डिंग जर्जर हालत में हैं, कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन सुनने के लिए तैयार नहीं है.

प्रशासन को देना चाहिए ध्यान

मामले को लेकर भाजपा सांसद गणेश सिंह ने बताया कि शासन का स्टेंडिंग आर्डर है कि जो बिल्डिंग जर्जर हो जाएं, उसे ध्वस्त कर नव निर्माण कराया जाना चाहिए. सतना में बीते दिनों हुई दो घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. नगर निगम प्रशासन को इस पर कड़ी निगरानी करनी चाहिए. जहां पर भी जर्जर बिल्डिंग हो, उसे गिराकर नव निर्माण करना चाहिए. इसके लिए मैं नगर निगम को निर्देशित करूंगा. वैसे भी सतना स्मार्ट सिटी के लिए घोषित शहर है, ऐसे में जो जर्जर बिल्डिंगों को तुरंत गिराकर नया निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए.

सतना। नगर निगम क्षेत्र में शहर के बीच जर्जर इमारतें हादसों को आमंत्रण दे रही हैं. शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जर्जर बिल्डिंगों के छज्जे बद से बदतर हालात में हैं. इसके बावजूद नगर निगम आंख मूंदकर बैठा है और शायद किसी हादसे का इंतजार कर रहा है. नगर निगम की अनदेखी के चलते यहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बता दें कि बीते दिनों सतना में दो बिल्डिंगें गिर गई थी, जिसमें दो लोग घायल भी हो गए थे.

सतना कैसे बनेगा स्मार्ट

नगर निगम जर्जर बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने की बजाय मूकदर्शक बना हुआ है. एक तरफ बारिश का आगमन हो चुका है और अभी तक जर्जर इमारतों को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है. इन दिनों तेज हवा और बारिश होने से स्थानीय बस स्टैंड पर बने रैन बसेरा का छज्जा गिरने से करीब 12 मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गई थीं. इसके अलावा नगर निगम के करीब 100 मीटर दूरी पर स्थित एक जर्जर बिल्डिंग का छज्जा गिरने से 2 लोग घायल हो गए थे. इस तरह लगातार हो रहे हादसों के बाद भी प्रसाशन नजरअंदाज करते हुए मूकदर्शक बना हुआ है.

हो रही कागजी कार्रवाई

नगर निगम द्वारा चलाई जा रही जर्जर बिल्डिंग गिराने की मुहिम सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह गई. शहर में आए दिन हादसों को दावत दे रही यह जर्जर बिल्डिंगें लोगों की जान ले सकती है. किसी भी समय हादसा होने की आशंका बनीं रहती है. सतना शहर के स्थानीय जयस्तंभ चौक, सुभाष पार्क, हनुमान चौक, पन्नीलाल चौक, स्टेशन रोड, चौक बाजार सभी जगह बीच बाजार में अधिकांश बिल्डिंग वर्षों पुरानी है, जो जर्जर हालात में टिकी हुई है.

शहर में आधा सैकड़ा जर्जर बिल्डिंग

बताया जा रहा है कि शहर में अभी करीब 15 जर्जर बिल्डिंग चिह्नित हैं, लेकिन हकीकत में करीब आधा सैकड़ा इमारतें जर्जर हालात में हैं. हाल ही में हुए दो हादसों के बावजूद प्रशासन नींद से नहीं जागा. इस बारे में नगर निगम क्षेत्र के पूर्व पार्षद ने बताया कि नगर निगम में भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्रवाई नहीं की जा रही है. पूरे बाजार में अधिकांश बिल्डिंग जर्जर हालत में हैं, कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन सुनने के लिए तैयार नहीं है.

प्रशासन को देना चाहिए ध्यान

मामले को लेकर भाजपा सांसद गणेश सिंह ने बताया कि शासन का स्टेंडिंग आर्डर है कि जो बिल्डिंग जर्जर हो जाएं, उसे ध्वस्त कर नव निर्माण कराया जाना चाहिए. सतना में बीते दिनों हुई दो घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. नगर निगम प्रशासन को इस पर कड़ी निगरानी करनी चाहिए. जहां पर भी जर्जर बिल्डिंग हो, उसे गिराकर नव निर्माण करना चाहिए. इसके लिए मैं नगर निगम को निर्देशित करूंगा. वैसे भी सतना स्मार्ट सिटी के लिए घोषित शहर है, ऐसे में जो जर्जर बिल्डिंगों को तुरंत गिराकर नया निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए.

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