सतना। शहर के मारुति नगर शारदा कॉलोनी में चल रहे सीवर लाइन के काम के दौरान करीब 25 फुट खोदे गए गड्ढे में अचानक मिट्टी धसने से मजदूर उसके नीचे दब गया. घटना गुरुवार करीब शाम 5:00 बजे की है. रात्रि करीब 12:30 बजे मजदूर को मृत अवस्था में बाहर निकल गया. इसके साथ ही मृतक के बड़े भाई ने संविदाकार पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं, इस मामले पर प्रशासन अपना अलग राग अलाप रहा है.
मिट्टी में दब गया था मजदूर: मध्य प्रदेश से सतना शहर के नगर निगम सीमा के अंतर्गत सिविल लाइन प्रोजेक्ट के अंतर्गत पाइप लाइन और चेंबर बनाने का काम किया जा रहा है. जिसके तहत शहर के 1 से लेकर 45 वार्डों के अंदर सड़क को खोदकर सीवर लाइन का कार्य किया जा रहा है. इसी के तहत शहर के मारुति नगर शारदा कॉलोनी में चल रहे, सीवर लाइन कर के दौरान खोदे गए करीब 25 फीट गड्ढे में गुरुवार की शाम करीब 5:00 बजे मजदूर राम खिलाड़ी कुशवाहा उम्र 25 वर्ष निवासी ग्वालियर के द्वारा पाइपलाइन डालने का काम किया जा रहा था. इसी दौरान अचानक खोदे गए गड्ढे की मिट्टी धसक गई और मजदूर उसे मिट्टी के नीचे दब गया.
ठेकेदार ने नहीं थी अधिकारियों को सूचना: एक घंटे तक ठेकेदार और उसके मजदूरों द्वारा किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को सूचना नहीं दी गई और खुद ही मजदूर को बाहर निकलने का प्रयास किया गया. लेकिन जब असंभव लगा तब अधिकारी कर्मचारियों को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर कार्य करने वाली जेसीबी मशीन के अलावा दो चैन माउंटेन की जेसीबी मशीन मंगाई गई. करीब 6:00 बजे से इस घटनाक्रम का रेस्क्यू ऑपरेशन चालू कर दिया गया. यह रेस्क्यू ऑपरेशन रात्रि 12:35 बजे तक किया गया. जिसके बाद मजदूर को बाहर निकाला गया. उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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परिजनों ने लगाए ठेकेदार पर आरोप: इस मामले पर मृतक के बड़े भाई रामनरेश कुशवाह ने संविदाकार पर आरोप लगाया है कि ''उसके द्वारा जबरदस्ती मेरे भाई को पाइप डालने के लिए गड्ढे में उतारा गया, जबकि हम लोग चेंबर बनाने का कार्य करते हैं. इस मामले पर हम ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.'' वहीं, इस मामले पर एसडीएम नीरज खरे का कहना है कि ''सीवर लाइन के कार्य के दौरान मिट्टी धसने से मजदूर उसके नीचे दब गया था. उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मामले में कंपनी से बात की जाएगी और सुरक्षा नियमों का पालन करवाया जाएगा. कंपनी ने सिक्योरिटी पाइंट का ध्यान रखा है या नहीं, जांच के बाद कंपनी पर एक्शन लिया जाएगा.'' इतना कहकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया.