सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले के पहले पर्वतारोही रत्नेश पांडेय एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया है. जानकारी के मुताबिक, 14 जुलाई 2021 को 14980 फीट ऊंचे माउंट मेरु और 21 जुलाई 2021 को 19340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो को फतह करने के बाद रत्नेश पांडेय ने प्रदेश में नया रिकॉर्ड बनाया है. करीब 8 दिन की यात्रा के दौरान रत्नेश सबसे कठिन चढ़ाई को चढ़ने में सफल रहे.
बता दें, इन्दौर जिला खेल अधिकारी जोसेफ बक्सला ने 6 जुलाई को एक्सपीडिशन फ्लैग ऑफ किया था. ऐसे में किलिमंजारो शिखर पर रत्नेश पाण्डेय ने खेल और युवा कल्याण विभाग का झंडा फहराया.
कई चोटियों को किया फतह
साल 2015 में रत्नेश पांडेय को प्रदेश सरकार ने प्रथम आधिकारिक पर्वतारोही घोषित किया था. इसके बाद उन्होंने सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह कर जन-गण-मन राष्ट्रगान गाया. अब तक वह 7 देशों में भारत, नेपाल, रूस, ईरान, किर्गिस्तान, इटली, स्विटजरलैंड की चोटियों पर फतह पा चुके हैं. रत्नेश ने माउंट एवरेस्ट, दमावंड, सबलन, लाबूचे, स्टोक कांगरी, फ्रेंडशिप पीक समेत दूसरे पर्वतों की सफलता पूर्वक चढ़ाई की.
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पर्वतों में चढ़ने की शुरुआत
रत्नेश पाण्डेय भारत, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका और नेपाल के संयुक्त तत्वावधान में गठित और एशियन ट्रेकिंग कंपनी नेपाल की संरक्षण में नेपाल के माउंट एवरेस्ट में ट्रैकिंग करने के इरादे से काठमांडू पहुंचे थे. 2015 में नेपाल में भूकंप आने की वजह से एवरेस्ट चढ़ने का सपना पूरा नहीं हुआ था. तूफान में फंसने से उनका दल से संपर्क टूट गया. यहां घर-परिवार वाले भी चिंतित थे. उस दौरान हुए हादसे में 21 विदेशी पर्वतारोहियों ने जान गंवाई थी. तीन दिन बाद नेपाल सेना का हेलीकॉप्टर रत्नेश को सुरक्षित बेस कैंप ले आया था. बावजूद इसके रत्नेश ने अपना हौसला नहीं खोया, और दोबारा प्रयास के बाद फतह हासिल कर ली.