सतना। मध्य प्रदेश सरकार की शिक्षा नीति के अंतर्गत लाखों का वेतन पाने वाले कुछ शिक्षक घर बैठे वेतन का लुफ्त उठा रहे हैं. दरअसल, यह मामला सतना जिला मुख्यालय से करीब 45 बिरसिंहपुर तहसील के शासकीय माध्यमिक विद्यालय हरदुआ का है, जहां पर छात्र संख्या शून्य है, लेकिन शिक्षक की संख्या 3 है और न तो यह विद्यालय खुलता है, न ही इस विद्यालय में कोई शिक्षक आता है. बड़ी बात यह है कि इस विद्यालय में पदस्थ तीनों शिक्षक अपने घर बैठे ही लाखों रुपये के वेतन का लुफ्त उठा रहे हैं. इस विद्यालय में पदस्थ प्राध्यापक के रूप में विनीता सिंह और इसके अलावा दो शिक्षक अशोक तिवारी एवं राम प्रभा त्रिपाठी हैं.
स्कूल में छात्र की संख्या शून्यः बता दें कि विगत वर्ष भी इस विद्यालय में छात्र संख्या 2 थी, लेकिन 2 छात्र इस विद्यालय में पढ़ने नहीं आते थे और तब भी यह विद्यालय नहीं खुला, अब छात्र संख्या शून्य हो चुकी है, लेकिन विद्यालय फिर भी संचालित है. ऐसे में सरकार की शिक्षा नीति में पतीला लगाने वाले इन शिक्षकों के बारे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरीके से यह घर बैठे मौज-मस्ती करते हुए वेतन का लुफ्त उठा रहे हैं. लेकिन जिम्मेदार शिक्षा विभाग के अधिकारी जानकारी के बावजूद भी मौन हैं.
शिक्षकों को आवश्यकता अनुसार भेजने के दिए निर्देशः इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित का कहना है कि, ''यह प्रकरण गत वर्ष भी संज्ञान में आया था, जब वहां पर दो बच्चे अध्ययनरत थे, अब स्कूल प्राचार्य से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि अब दोनों बच्चे अन्यत्र अध्ययन करने लगे हैं. उच्च विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों को आवश्यकता अनुसार संकुल के अंतर्गत भेजने के निर्देश संकुल प्राचार्य को दिए गए हैं.''