सतना। जिले में एक आरोपी की पैरोल की सिफारिश लेकर थाने पहुंचे सरपंच को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं जमानत के बाद छूटे सरपंच की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. इससे पहले सिंहपुर थाने में टीआई की रिवाल्वर से संदेही आरोपी की मौत का मामला भी सामने आया था. वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है.
- परिजनों ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप
दरअसल, ताला थाने में ककलपुर ग्राम पंचायत के सरपंच राममिलन कोल अपने दो ग्रामीणों वीरेंद्र द्विवेदी, अखिलेश साकेत के साथ थाने गए थे. जहां जेल में बंद वीरेंद्र द्विवेदी के भाई शिवेंद्र द्विवेदी के पैरोल की सिफारिश ताला थाने में की. इस दौरान उनका पुलिस से विवाद हो गया था और पुलिस ने सरपंच सहित 3 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज कर न्यायालय पेश किया. जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने रिश्वत की मांग की. रिश्वत न देने पर तीनों को लॉकअप में बंद करके जमकर पीटा और थाने में हंगामा करने का मामला दर्ज कर दिया. इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया. जेल से 7 दिन पहले छूटकर आए सरपंच की अचानक तबीयत बिगड़ गई. सरपंच को उपचार के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर इलाज के दौरान सरपंच की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
- दोषी के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई
वहीं इस मामले पर सतना पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि 26 फरवरी को ताला थाने में एक मामला दर्ज किया गया था. उस मामले पर 27 फरवरी को आरोपियों को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया था, जिसमें 1 तारीख को आरोपियों की जमानत हुई थी. इसके बाद तीनो लोग घर पर थे, दिनांक 8 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था और बीती रात सरपंच राममिलन कोल की मौत हो गई. इस मामले पर कोई भी लिखित शिकायत अभी तक नहीं की गई है, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से जो जानकारी हमें मिली है, उसके आधार पर एक जांच आदेशित की गई है. इसकी जांच डीएसपी हेडक्वार्टर द्वारा की जाएगी और इस जांच में अगर ऐसी कोई भी बात सामने आती है, तो निश्चित रूप से जो भी दोषी होगा. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस कस्टडी में TI की गोली से आरोपी की मौत पर बवाल, पथराव के बाद लाठीचार्ज
- इससे पहले भी सामने आ चुका है ऐसा ही मामला
इसके पहले भी सतना पुलिस पर एक बड़ा दाग लगा हुआ है, जहां 27 सितंबर 2020 को जिले के सिंहपुर टीआई विक्रम पाठक की रिवाल्वर से एक संदेही आरोपी राजपति कुशवाहा की मौत हुई थी और मौत के बाद जमकर बवाल हुआ था. इस मामले में मृतक के परिजनों एवं ग्रामीणों ने पत्थरबाजी भी की थी. जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. पूरे प्रदेश में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ था और पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े हो रहे थे.