सागर। दिल्ली के शारदा विश्वविद्यालय में आयोजित हुए पांचवे राष्ट्रीय कव्वाली प्रतियोगिता "महफ़िल-ए-ख़ास" में सागर के डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की टीम ने कमाल दिखाया है. कव्वाली प्रतियोगिता में देश भर के 25 विश्वविद्यालयों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में सागर विश्वविद्यालय के 12 छात्रों के दल ने हिस्सा लिया था. छात्रों के दल की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने खुशी जताई है. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने छात्रों को बधाई दी है.
सागर विश्वविद्यालय का शानदार प्रदर्शन: प्रतियोगिता में डॉ.हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक समन्वयक डॉ.राकेश सोनी के निर्देशन में गए 12 छात्रों के दल के द्वारा 2 क़व्वाली प्रस्तुत की गई. एक कव्वाली मशहूर सूफी गायक नुसरत फतेह अली खान की और दूसरी स्वरचित थी. दो कव्वालियों के प्रदर्शन के साथ पूरे देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया.
इनका रहा अहम योगदान: विश्वविद्यालय के दल में अतुल पथरोल,गगन राज,संजय कोरी, यश पाठक, गोलू कुशवाहा,आशुतोष श्रीवास्तव,शिवांश विश्वकर्मा, मैक्लिन सिंह,निखिल सोनी,विधान चौबे, पंकज खरारे शामिल थे. संगीत विभाग द्वारा इस प्रस्तुति की तैयारी डॉ.अवधेश तोमर एवं डा.राहुल स्वर्णकार के मार्गदर्शन में शोधार्थी यश गोपाल श्रीवास्तव ने क़व्वाली का निर्देशन किया एवं छात्रों सहित प्रस्तुति भी दी.इस राष्ट्रीय उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलगुरू प्रो. नीलिमा गुप्ता, रजिस्ट्रार संतोष सोहगोरा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो ए. डी शर्मा एवं विभागाध्यक्ष डा.ललित मोहन ने बधाई दी.
मुंबई यूनिवर्सिटी पहले स्थान पर: केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के सांस्कृतिक समन्वय राकेश सोनी ने बताया कि, दिल्ली के शारदा विश्वविद्यालय में हुई राष्ट्रीय कव्वाली प्रतियोगिता में पहला स्थान मुंबई यूनिवर्सिटी को हासिल हुआ है. कड़े मुकाबले में सागर विश्वविद्यालय को मिली यह बड़ी उपलब्धि है. छात्रों के दल ने लगातार मेहनत करके इस उपलब्धि को हासिल किया है. प्रतिभागी छात्रों ने प्रतियोगिता में एक कव्वाली महान सूफी गायक नुसरत फतेह अली खान की पेश की थी. इसके अलावा एक कव्वाली स्वरचित कव्वाली थी. सागर विश्वविद्यालय के दल की दोनों प्रस्तुतियों को काफी सराहा गया है. छात्रों का प्रदर्शन राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रभावशाली रहा.