सतना। 2014 के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोरदार मुकाबला नजर आ रहा है. जिले में 15 साल से सांसद रहे बीजेपी के गणेश सिंह का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी से है. गणेश सिंह को लेकर एंटी इनकंबेंसी का फायदा राजाराम त्रिपाठी को मिलता दिख रहा है. इस सीट से कौन विजयी होगा, ये तो 23 मई को ही पता चलेगा.
जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं. इन सातों विधानसभा सीटों में से 5 विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है, तो वहीं 2 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इस लोकसभा चुनाव में 15 साल से बीजेपी के सांसद गणेश सिंह के खिलाफ लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है. इसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है.
वरिष्ठ पत्रकार अशोक शुक्ला ने बताया कि जिले में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोरदार मुकाबला है. उन्होंने बताया कि यहां के सांसद गणेश सिंह के खिलाफ 15 वर्षों का जन आक्रोश है. यह देखना होगा कि यह आक्रोश मोदी फैक्टर को कितना प्रभावित करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि जाति समीकरण भी इस चुनाव में साफ नजर आ रहा है जिसका फायदा कांग्रेस के पक्ष में जाता दिख रहा है.
जिले के 7 विधानसभा सीटों में से रैगांव, नागौद, अमरपाटन इन तीन सीटों में बीजेपी की बढ़त नजर आ रही है, तो वहीं रामपुर, सतना, चित्रकूट इन तीन सीटों पर कांग्रेस की बढ़त नजर आ रही है. सतना जिले की सबसे अहम सीट मैहर विधानसभा है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.