सतना। सन् 1988 में सिंध प्रांत से हिंदुस्तान आए लोगों को नागरिकता के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिल रही थी. केंद्र सरकार के बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पीड़ित लोगों ने आज समाज सेवी संस्था के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. और इस कानून का विरोध ना करने का आग्रह किया.
सिंध प्रांत से हिंदुस्तान आये लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून का किया समर्थन - Social service organization
1988 में सिंध प्रांत से सतना आए लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए अपनी परेशानियां बताईं. साथ ही इस कानून को बड़ी सफलता माना है.
नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन
सतना। सन् 1988 में सिंध प्रांत से हिंदुस्तान आए लोगों को नागरिकता के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिल रही थी. केंद्र सरकार के बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पीड़ित लोगों ने आज समाज सेवी संस्था के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. और इस कानून का विरोध ना करने का आग्रह किया.
Intro:एंकर --
सन 1988 में सिंध प्रांत से हिंदुस्तान आए लोगों को नागरिकता के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिल रही थी. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पीड़ित लोगों ने आज समाज सेवी संस्था के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की और नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. विरोध करने वालों के लिए उन्होंने विरोध ना करने का आग्रह किया ।
Body:Vo --
नागरिकता संशोधन कानून के तहत 2014 से जो पीड़ित अन्य देशों में अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त करते हैं पीड़ा झेल रहे थे उन्हें नागरिकता प्रदान करने वाला यह कानून रामबाण का प्रावधान है. सिंध प्रांत के रहने वाले सन 1988 से हिंदुस्तान आए लोगों को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त था जो नागरिकता पाने के लिए आज तक कई परेशानियों का सामना करते रहे लेकिन केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्हीं पीड़ित लोगों ने आज समाज सेवी संस्था के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की और इस कानून का समर्थन करते हुए बताया कि जिस तरीके से हमें नागरिकता के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था आज यह कानून आने से हमारे लिए एक बड़ी सफलता है.हम इस कानून का समर्थन करते हैं. हम सभी 1988 से सिंध प्रांत से हिंदुस्तान सतना आए हुए थे और तब से लेकर आज तक नागरिकता पाने के लिए इधर-उधर भटक रहे अब यह कानून हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहते हैं और जो इसका विरोध करते हैं उन्हें यही कहूंगा कि वह इसका विरोध ना करें हम जैसे कई लोग हैं जिन्हें इस कानून का लाभ मिलेगा।
इस बारे में समाजसेवी संस्था के प्रमुख से बात की गई तो उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह कानून से जो लोग नागरिकता पाने के लिए परेशान थे आज नहीं बड़ी सफलता प्राप्त हुई है सतना जिले में ऐसे 35 से 40 लोग हैं जो इस कानून के आने के बाद नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे और इसके लिए 12 जनवरी को सतना शहर में कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा रैलियों के माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करेंगे और इसके बाद आम जन सभा के माध्यम से लोगों को इस कानून के बारे में जागरूक करेंगे ।
Conclusion:byte --
कन्हैयालाल -- पीड़ित ।
byte --
घनश्याम सोनी -- समाजसेवी सतना ।
सन 1988 में सिंध प्रांत से हिंदुस्तान आए लोगों को नागरिकता के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिल रही थी. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पीड़ित लोगों ने आज समाज सेवी संस्था के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की और नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. विरोध करने वालों के लिए उन्होंने विरोध ना करने का आग्रह किया ।
Body:Vo --
नागरिकता संशोधन कानून के तहत 2014 से जो पीड़ित अन्य देशों में अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त करते हैं पीड़ा झेल रहे थे उन्हें नागरिकता प्रदान करने वाला यह कानून रामबाण का प्रावधान है. सिंध प्रांत के रहने वाले सन 1988 से हिंदुस्तान आए लोगों को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त था जो नागरिकता पाने के लिए आज तक कई परेशानियों का सामना करते रहे लेकिन केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्हीं पीड़ित लोगों ने आज समाज सेवी संस्था के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की और इस कानून का समर्थन करते हुए बताया कि जिस तरीके से हमें नागरिकता के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था आज यह कानून आने से हमारे लिए एक बड़ी सफलता है.हम इस कानून का समर्थन करते हैं. हम सभी 1988 से सिंध प्रांत से हिंदुस्तान सतना आए हुए थे और तब से लेकर आज तक नागरिकता पाने के लिए इधर-उधर भटक रहे अब यह कानून हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहते हैं और जो इसका विरोध करते हैं उन्हें यही कहूंगा कि वह इसका विरोध ना करें हम जैसे कई लोग हैं जिन्हें इस कानून का लाभ मिलेगा।
इस बारे में समाजसेवी संस्था के प्रमुख से बात की गई तो उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह कानून से जो लोग नागरिकता पाने के लिए परेशान थे आज नहीं बड़ी सफलता प्राप्त हुई है सतना जिले में ऐसे 35 से 40 लोग हैं जो इस कानून के आने के बाद नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे और इसके लिए 12 जनवरी को सतना शहर में कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा रैलियों के माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करेंगे और इसके बाद आम जन सभा के माध्यम से लोगों को इस कानून के बारे में जागरूक करेंगे ।
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कन्हैयालाल -- पीड़ित ।
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घनश्याम सोनी -- समाजसेवी सतना ।
Last Updated : Jan 11, 2020, 3:09 PM IST