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प्याज कीमत नियंत्रण के लिए बनाया गया प्याज भंडार गृह, किसानों ने नहीं दिखाई रुचि - प्याज भंडार गृह

सतना में किसानों को प्याज भंडार गृह बनवाकर दिया गया. जिसके बाद किसानों ने कोई रुचि नहीं दिखाई दी. जानिए आखिर क्या है पूरा मामला.

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प्याज भंडार गृह को लेकर किसानों में रुचि नहीं
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Published : Dec 12, 2019, 8:12 PM IST

सतना। जिले में प्याज कीमत नियंत्रण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को प्याज भंडार गृह बनवाया गया. जिसके बाद एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नहीं दिखाई. सरकार की 3 करोड़ 45 लाख रुपये पर पानी फिर गया.

दरअसल पूरे देश में प्याज की कीमत सौ रुपये प्रति किलो पार हो चुकी. सरकार ने आम उपभोक्ता के लिए प्याज की आपूर्ति के लिए स्टॉल खोले. इसके बाबजूद भी प्याज लोगों की थाली से दूर हो रही. तात्कालीन सरकार ने पूरे प्रदेश में 2011 से किसानों को प्याज के उचित दाम और कीमत नियंत्रण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को बनाया लेकिन एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नहीं दिखाई.

प्याज भंडार गृह को लेकर किसानों में रुचि नहीं

वहीं इस मामले में कृषि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि किसानों को उत्पादन के समय समुचित दाम मिला इसलिए भंडारण नहीं हुआ. और ऐसी कोई कानूनी बाध्यता भी नहीं और ना ही कोई अधिकार जो इन अनुदान प्राप्त भंडार गृह में प्याज के भंडारण के लिए बाध्य किया जा सके.

सतना। जिले में प्याज कीमत नियंत्रण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को प्याज भंडार गृह बनवाया गया. जिसके बाद एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नहीं दिखाई. सरकार की 3 करोड़ 45 लाख रुपये पर पानी फिर गया.

दरअसल पूरे देश में प्याज की कीमत सौ रुपये प्रति किलो पार हो चुकी. सरकार ने आम उपभोक्ता के लिए प्याज की आपूर्ति के लिए स्टॉल खोले. इसके बाबजूद भी प्याज लोगों की थाली से दूर हो रही. तात्कालीन सरकार ने पूरे प्रदेश में 2011 से किसानों को प्याज के उचित दाम और कीमत नियंत्रण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को बनाया लेकिन एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नहीं दिखाई.

प्याज भंडार गृह को लेकर किसानों में रुचि नहीं

वहीं इस मामले में कृषि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि किसानों को उत्पादन के समय समुचित दाम मिला इसलिए भंडारण नहीं हुआ. और ऐसी कोई कानूनी बाध्यता भी नहीं और ना ही कोई अधिकार जो इन अनुदान प्राप्त भंडार गृह में प्याज के भंडारण के लिए बाध्य किया जा सके.

Intro:एंकर
पूरे देश मे प्याज के दाम ने लोगो को रुला रहे हैं.प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो पार हो चुकी.सरकार ने आम उपभोक्ता के लिए प्याज की आपूर्ति के लिए स्टाल खोले इसके बाबजूद भी प्याज लोगो की थाली से दूर हो रही.तात्कालिक सरकार ने पूरे प्रदेश में 2011 से किसानों को प्याज के उचित दाम और कीमत नियंत्रण के लिए पचास प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को ब्याज भंडार गृह बनाया मगर एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नही दिखाई.सरकार की 3 करोड़ 45 लाख रुपये पर पानी फिर गया ।

Body:Vo 1--
पूरे देश के साथ साथ सतना जिले में प्याज के कीमत नियंत्रण के लिए सरकार ने किसानों को रबड़ी की तरह अनुदान बांटा.सतना जिले में कृषि उद्दनिकी विभाग ने 2011 से 2019 तक 92 प्याज भंडार गृह के लिए 3 करोड़ 45 लाख की भारी भरकम राशी अनुदान में बांटी.जिले में 4600 मैट्रिक टन प्याज के भंडारण की कागजी घोड़ा दौड़ा मगर जमीनी हकीकत में एक भी किसान प्याज का भंडारण नही कर रहा.किसानों ने भंडार गृह तो बनाये पर भंडारण में रुचि नही दिखाई न किसान को प्याज का उचित दाम मिला और न ही सरकार के कीमत नियंत्रण की मंशा पूरी हुई.किसान नेता भी स्वीकार कर रहे कि इस योजना में जमकर भृस्टाचार हुआ.कुछ कागजो में ही भंडार गृह बने और जो बने उनमे प्याज का भंडारण ही नही हो रहा ।

Vo 2--
वही इस मामले में कृषि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का जवाब सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे.उनका तर्क है कि किसानों को उत्पादन के समय समुचित दाम मिला इस लिए भंडारण नही हुया और ऐसी कोई कानूनी बाध्यता भी नही और न ही कोई अधिकार जो इन अनुदान प्राप्त भंडार गृह में प्याज के भंडारण के लिए बाध्य किया जा सके.।

Byte --
महेंद्र सिंह -- किसान ।
Byte --
जी.के. द्विवेदी -- कृषि उपसंचालक सतना ।

Conclusion:Vo 3--
बहरहाल प्याज की बढ़ी कीमतों ने आम आदमी का जायका ही विगाड़ दिया है.प्याज गरीब और सामान्य परिवारों की थाली से दूर हो चुकी.हालांकि भले ही अब किसान भंडारण न करने और पछता रहा हो मगर उन व्यापरियों की चाँदी है जो प्याज का भंडार कर मुनाफा कमा रहे ।
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