सतना। जिले में प्याज कीमत नियंत्रण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को प्याज भंडार गृह बनवाया गया. जिसके बाद एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नहीं दिखाई. सरकार की 3 करोड़ 45 लाख रुपये पर पानी फिर गया.
दरअसल पूरे देश में प्याज की कीमत सौ रुपये प्रति किलो पार हो चुकी. सरकार ने आम उपभोक्ता के लिए प्याज की आपूर्ति के लिए स्टॉल खोले. इसके बाबजूद भी प्याज लोगों की थाली से दूर हो रही. तात्कालीन सरकार ने पूरे प्रदेश में 2011 से किसानों को प्याज के उचित दाम और कीमत नियंत्रण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को बनाया लेकिन एक भी किसान ने प्याज के भंडारण में रुचि नहीं दिखाई.
वहीं इस मामले में कृषि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि किसानों को उत्पादन के समय समुचित दाम मिला इसलिए भंडारण नहीं हुआ. और ऐसी कोई कानूनी बाध्यता भी नहीं और ना ही कोई अधिकार जो इन अनुदान प्राप्त भंडार गृह में प्याज के भंडारण के लिए बाध्य किया जा सके.