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घनी आबादी के बीच बना डंपिंग यार्ड, सांस लेना हुआ मुश्किल, प्रशासन ने फेरी निगाहें

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Published : Jun 13, 2021, 10:44 AM IST

नगर निगम द्वारा शहर के टिकुरिया टोला इलाके के पास डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. कचरे के इस डंपिंग यार्ड की वजह से आसपास के करीब 5 वार्डों में रहने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वार्डवासियों ने इस समस्या के निराकरण के लिए कई बार प्रशासन से शिकायत की लेकिन, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

Satna Municipality
सतना नगर पालिका

सतना। नगर निगम द्वारा शहर के टिकुरिया टोला इलाके के पास लगी बस्ती के बीच कचरे का डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. कचरे के इस डंपिंग यार्ड की वजह से आसपास के करीब 5 वार्डों में रहने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह डंपिंग यार्ड नगर निगम सीमा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 43 के अंतर्गत बनाया गया है, जिससे लगे 5 वार्ड, वार्ड नंबर 22, 23, 43, 44, 45 के वार्ड वासियों को अब जीना मुहाल हो चुका है.

सतना नगर पालिका

बीच शहर में हजारों टन कचरे से भरा डंपिंग यार्ड
बता दें कि पूरे शहर का हजारों टन कचरा इस डंपिंग यार्ड में रखा गया है. कचरे के डंपिंग यार्ड से निकलने वाली दुर्गंध के कारण आसपास के वार्ड वासियों का दम घुटने लगा है. वहीं, इस कचरे को आवारा पशु न सिर्फ खा रहे हैं, बल्कि और आगे तक फैला भी रहे हैं, जिसे कोई देखने-सुनने वाला नहीं है, आम इंसान तो ठीक अब आवारा पशु भी इस डंपिंग यार्ड की चपेट में आ रहे हैं. इससे भी बड़ी समस्या की बात ये है कि कोरोना महामारी के दौरान यह डंपिंग यार्ड घनी आबादी के बीच बना हुआ है.

झुग्गी-झोपड़ी वालों का सांस लेना मुश्किल
देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के बीच कचरे का संक्रमण भी आने वाले दिनों में एक विकराल रूप ले सकता है. अगर इसकी वजह से आसपास के इलाके में संक्रमण फैला दो लोगों को जीना मुहाल हो जाएगा, डंपिंग यार्ड से लगे आसपास के झुग्गी झोपड़ी वाले भी हैं बेहद परेशान हैं. उनकी मानें तो वह बेहद गरीब है और ऐसे में उनके पास तो रहने के लिए मकान तक नहीं है. किसी तरीके से झुग्गी झोपड़ी बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन यह डंपिंग यार्ड गरीबों के लिए एक मुसीबत बना हुआ है.

पार्षद ने स्थानीय लोगों के साथ की शिकायत
वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो सुबह से लेकर शाम तक इसकी बदबू से लोग बेहद परेशान रहते हैं, सांस लेने में भी बहुत तकलीफ होती है, सुबह टहलने के लिए लोग अपने घरों से नहीं निकल पाते हैं, कचरे की बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, इसकी शिकायत लोगों ने वार्ड पार्षद से की है. वार्ड पार्षद ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कई जगह इसकी शिकायतें की हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इस कचरे के डंपिंग यार्ड को यहां से नहीं हटाया गया है.

तबादले के बाद कुछ कर्मचारियों को नहीं किया रिलीव, निगम आयुक्त ने कही ये बात

आंदोलन की चेतावनी
वार्ड पार्षद का कहना है कि डंपिंग यार्ड के बगल से आम रास्ता भी जाता है, लेकिन इसकी दुर्गंध की वजह से लोग रास्ते में निकल नहीं पा रहे हैं. यह बीमारी का सबसे बड़ा खतरा है, डंपिंग यार्ड को हटाने के लिए पार्षद ने वार्ड वासियों के साथ मिलकर कई बार नगर निगम प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की है, लेकिन आज तक इस शिकायत का निराकरण नहीं किया गया. पार्षद का कहना है कि अगर यह डंपिंग यार्ड नहीं हटाया गया तो, वार्ड वासियों के साथ मिलकर वह एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

सतना। नगर निगम द्वारा शहर के टिकुरिया टोला इलाके के पास लगी बस्ती के बीच कचरे का डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. कचरे के इस डंपिंग यार्ड की वजह से आसपास के करीब 5 वार्डों में रहने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह डंपिंग यार्ड नगर निगम सीमा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 43 के अंतर्गत बनाया गया है, जिससे लगे 5 वार्ड, वार्ड नंबर 22, 23, 43, 44, 45 के वार्ड वासियों को अब जीना मुहाल हो चुका है.

सतना नगर पालिका

बीच शहर में हजारों टन कचरे से भरा डंपिंग यार्ड
बता दें कि पूरे शहर का हजारों टन कचरा इस डंपिंग यार्ड में रखा गया है. कचरे के डंपिंग यार्ड से निकलने वाली दुर्गंध के कारण आसपास के वार्ड वासियों का दम घुटने लगा है. वहीं, इस कचरे को आवारा पशु न सिर्फ खा रहे हैं, बल्कि और आगे तक फैला भी रहे हैं, जिसे कोई देखने-सुनने वाला नहीं है, आम इंसान तो ठीक अब आवारा पशु भी इस डंपिंग यार्ड की चपेट में आ रहे हैं. इससे भी बड़ी समस्या की बात ये है कि कोरोना महामारी के दौरान यह डंपिंग यार्ड घनी आबादी के बीच बना हुआ है.

झुग्गी-झोपड़ी वालों का सांस लेना मुश्किल
देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के बीच कचरे का संक्रमण भी आने वाले दिनों में एक विकराल रूप ले सकता है. अगर इसकी वजह से आसपास के इलाके में संक्रमण फैला दो लोगों को जीना मुहाल हो जाएगा, डंपिंग यार्ड से लगे आसपास के झुग्गी झोपड़ी वाले भी हैं बेहद परेशान हैं. उनकी मानें तो वह बेहद गरीब है और ऐसे में उनके पास तो रहने के लिए मकान तक नहीं है. किसी तरीके से झुग्गी झोपड़ी बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन यह डंपिंग यार्ड गरीबों के लिए एक मुसीबत बना हुआ है.

पार्षद ने स्थानीय लोगों के साथ की शिकायत
वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो सुबह से लेकर शाम तक इसकी बदबू से लोग बेहद परेशान रहते हैं, सांस लेने में भी बहुत तकलीफ होती है, सुबह टहलने के लिए लोग अपने घरों से नहीं निकल पाते हैं, कचरे की बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, इसकी शिकायत लोगों ने वार्ड पार्षद से की है. वार्ड पार्षद ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कई जगह इसकी शिकायतें की हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इस कचरे के डंपिंग यार्ड को यहां से नहीं हटाया गया है.

तबादले के बाद कुछ कर्मचारियों को नहीं किया रिलीव, निगम आयुक्त ने कही ये बात

आंदोलन की चेतावनी
वार्ड पार्षद का कहना है कि डंपिंग यार्ड के बगल से आम रास्ता भी जाता है, लेकिन इसकी दुर्गंध की वजह से लोग रास्ते में निकल नहीं पा रहे हैं. यह बीमारी का सबसे बड़ा खतरा है, डंपिंग यार्ड को हटाने के लिए पार्षद ने वार्ड वासियों के साथ मिलकर कई बार नगर निगम प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की है, लेकिन आज तक इस शिकायत का निराकरण नहीं किया गया. पार्षद का कहना है कि अगर यह डंपिंग यार्ड नहीं हटाया गया तो, वार्ड वासियों के साथ मिलकर वह एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

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