सतना। मध्यप्रदेश में घटिया चावल वितरण को लेकर प्रदेश में आये भूचाल के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाने के आदेश जारी कर दिए हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी साफ तौर पर दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कह दी है. अब जिला प्रशासन ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है और सिर्फ चेंबर में बैठे रहने वाले अधिकारी जमीनी हकीकत जानने के लिए वेयर हाउसों में पहुंच रहे हैं.
सतना जिले में जिला प्रशासन की जांच में लगभग 8 करोड़ रुपये का चावल अमानक स्तर का पाया गया, जो मनुष्य के खाने लायक नहीं है. 2900 टन चावल को नागरिक आपूर्ति निगम ने रिजेक्ट कर दिया है, जो मिलरों द्वारा वेयर हाउस में जमा किया गया था. नागरिक आपूर्ति निगम ने इस मामले में जिले के 25 राइस मिलर को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने धान की मिलिंग कर अमानक स्तर का चावल जमा किया था.
दरअसल, गुणवत्ता युक्त धान लेकर मिलरों ने अमानक स्तर के चावल जमा किये थे, इस चावल को जब्त किया गया है और वितरण पर रोक लगा दी गई है. गौरतलब है कि अमानक स्तर के चावल वितरण मामले में EOW ने FIR मिलरों के खिलाफ दर्ज कर लिया है और इसकी सख्ती से जांच भी शुरू हो गई है, एजेंसी की जांच में जल्द ही बड़े खुलासे होंगे. लोग भली भांति जानते हैं कि उपचुनाव सिर पर हैं और ऐसे में उचुनाव से पहले ही कोई बड़ा खुलासा किया जा सकता है. बरहाल जिन जिलों ये मामला बड़े पैमाने पर सामने आया है, उनमें से कुछ जिलों में उपचुनाव होना है. लिहाजा सरकार अपनी छवि बनाने के लिए कुछ न कुछ बड़ा तो करेगी, ऐसा माना जा रहा है.