सतना (Agency, PTI)। मध्यप्रदेश में 7 माह बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटों को साधने के लिए बीजेपी लगातार प्रयास कर रही है. इसी के तहत सतना में शबरी माता जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर आयोजित 'कोल महाकुंभ' को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए मोदी सरकार 89 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. जबकि इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान केवल 24 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए जाते थे. अमित शाह ने कहा कि शीर्ष पद एक गरीब आदिवासी परिवार की महिला को मिला है.
देश के शीर्ष पद पर आदिवासी महिला : गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल 25 जुलाई को भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. वह आदिवासी समुदाय से पहली और देश की शीर्ष पद धारण करने वाली दूसरी महिला हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आदिवासियों के सम्मान में स्मारक का निर्माण कर रही है. उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कदम का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने शंकर शाह और रघुनाथ शाह को समर्पित एक स्मारक बनावाया.
शाह ने मोदी सरकार की उपल्ब्धियां बताईं : गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि कोल जनजाति से जुड़े 'कोल गढ़ी' को 3.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा. कमलनाथ के नेतृत्व वाली राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने तो सीएम शिवराज चौहान द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को रोक दिया था. बता दें कि कमलनाथ सरकार दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक सत्ता में रही. इसके साथ ही अमित शाह ने मोदी सरकार की योजनाएं गिनवाईं. 5 किलो अनाज मुफ्त, 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को घर, 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज और भवन मुहैया कराए गए. मोदी सरकार आदिवासियों, अनुसूचित जातियों, गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. शाह ने कहा कि 10 करोड़ घरों में शौचालय हैं. इससे पहले समारोह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व राज्य भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा ने भी संबोधित किया.
विंध्य क्षेत्र में AAP ने बढ़ाई बीजेपी की चिंता : बता दें कि सतना मध्य प्रदेश में विंध्य के सात जिलों में से एक है. भाजपा ने इस क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनावों में 30 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी. उस समय सत्ता में आई कांग्रेस को सिर्फ छह सीटें मिली थीं, जबकि वह चार जिलों में अपना खाता नहीं खोल सकी थी. भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने इस क्षेत्र में अपनी पैठ बना ली है. आप ने सिंगरौली में मेयर का चुनाव जीता था और विधानसभा चुनाव में अच्छा खासा वोट हासिल किया था.