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चित्रकूट में कामदगिरि शिला की हुई पूजा, अयोध्या भेजी जाएगी शिला - चित्रकूट के रामघाट में दीपदान

अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास मौके पर सतना जिले के चित्रकूट में भी कामदगिरि के कामता नाथ स्वामी मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया गया है. कामदगिरि ट्रस्ट के पुरोहितों ने कामदगिरि की शिला का विधि विधान के साथ पूजन किया.

Kamadagiri
अयोध्या भेजी जाएगी कामदगिरि शिला
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Published : Aug 6, 2020, 5:46 AM IST

सतना। देशभर में अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के निर्माण को लेकर हुए भूमिपूजन पर लोगों ने दीपोत्सव मनाया. सतना जिले के चित्रकूट को भी फूलों और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया गया. कामतानाथ मंदिर और कामदगिरि में शिला की विधी विधान से पूजा की गई. कामदगिरि की यह शिला अयोध्या जाएगी.इस शिला का उपयोग अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा. वहीं शाम होते ही चित्रकूट के रामघाट में दीपदान किया गया.

कामदगिरि शिला जाएगी अयोध्या

गौरतलब है कि 14 वर्ष के वनवास काल में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 11 बरस 5 महीने और 28 दिन चित्रकूट में ही बिताए थे. भगवान राम को मनाने के लिए भरत अयोध्या की जनता तीनों माताएं, भाई शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ के साथ चित्रकूट आए थे. जिस जगह भरत मिलाप हुआ उसके आज भी चिन्ह विद्यमान हैं, इस बारे में चित्रकूट कामदगिरि ट्रस्ट के महंत रामानंदाचार्य ने कहा कि अयोध्या में जिस समय पर राम जन्मभूमि में प्रधानमंत्री द्वारा पूजन कार्यक्रम चल रहा था. उसी समय चित्रकूट धाम में राम जी की तपोस्थली में उन लोगों ने पूजन किया है.

सतना। देशभर में अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के निर्माण को लेकर हुए भूमिपूजन पर लोगों ने दीपोत्सव मनाया. सतना जिले के चित्रकूट को भी फूलों और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया गया. कामतानाथ मंदिर और कामदगिरि में शिला की विधी विधान से पूजा की गई. कामदगिरि की यह शिला अयोध्या जाएगी.इस शिला का उपयोग अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा. वहीं शाम होते ही चित्रकूट के रामघाट में दीपदान किया गया.

कामदगिरि शिला जाएगी अयोध्या

गौरतलब है कि 14 वर्ष के वनवास काल में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 11 बरस 5 महीने और 28 दिन चित्रकूट में ही बिताए थे. भगवान राम को मनाने के लिए भरत अयोध्या की जनता तीनों माताएं, भाई शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ के साथ चित्रकूट आए थे. जिस जगह भरत मिलाप हुआ उसके आज भी चिन्ह विद्यमान हैं, इस बारे में चित्रकूट कामदगिरि ट्रस्ट के महंत रामानंदाचार्य ने कहा कि अयोध्या में जिस समय पर राम जन्मभूमि में प्रधानमंत्री द्वारा पूजन कार्यक्रम चल रहा था. उसी समय चित्रकूट धाम में राम जी की तपोस्थली में उन लोगों ने पूजन किया है.

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