सतना। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार किसानों की समस्या को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है, सतना जिले के सोहावल जनपद कार्यालय में बनाए गए कृषि केंद्र में किसानों को खरीफ की फसलों के बीज नहीं मिल रहे हैं, वितरण केंद्र द्वारा किसानों को रसीद भी नहीं दी जा रही है, इसके अलावा कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन अधिकारियों,कर्मचारियों सहित किसानों द्वारा भी नहीं किया जा रहा है, अधिकारी मीडिया का कैमरा देखने के बाद मास्क पहनते नजर आ रहे हैं.
किसानों को नहीं मिल रहे बीज
जनपद पंचायत कार्यालय में बनाए गए कृषि वितरण केंद्र में किसानों के लिए बीज वितरण किया जा रहा है, बारिश की इस मौसम में खरीफ फसलों के बीज यहां पर उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन बीज पर्याप्त मात्र में ना होना किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. यहां पर कुछ ही किसानों को बीज मिल पा रहा है, ऐसे में अधिकांश किसान बीज के बिना ही वापस लौट रहे हैं, जिन किसानों को बीज दिया जा रहा है, उनसे पैसा तो लिया जा रहा है लेकिन प्रूफ के तौर कोई भी रसीद नहीं दी जा रही है, किसानों को बिना रसीद के यहां पर बीज का वितरण किया जा रहा है और कृषि अधिकारी किसानों के सब्सिडी की बात कह रहे हैं बिना रसीद के किसानों को सब्सिडी कैसे संभव है.
पूर्व सीएम का लगा है पोस्टर
कार्यालय में सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार तो चली गई, लेकिन इस कार्यालय में अभी भी पूर्व सीएम कमलनाथ के पोस्टर लगे हुए हैं, इस बारे में जब कृषि अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पोस्टर में योजनाओं की विस्तार से जानकारी है, इसलिए यह पोस्टर नहीं हटाया गया, जब योजना के बारे में बात की गई तो कृषि अधिकारी ने बताया की सरकार तो बदल गई लेकिन योजनाएं अभी भी वहीं चल रही हैं इसलिए यह पोस्टर नहीं हटाए गए.
सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन
वहीं कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां तक की कृषि विभाग में सभी अधिकारी बिना मास्क और सैनिटाइजर के काम कर रहे हैं, इतना ही नहीं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मीडिया का कैमरा देखने के बाद मास्क पहन रहे हैं, इसके अलावा बीज वितरण केंद्र में किसानों द्वारा भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लोग ऐसे भीड़ में एक दूसरे से संपर्क में आ रहे हैं, जैसे कोरोना का कोई डर ही नहीं.