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जनपद पंचायत सीईओ ने आंगनबाड़ी केंद्र में कराया बेटी का दाखिला

हाई फाई एजुकेशन की दौड़ के बीच प्रदेश के सतना जिले की जनपद पंचायत सीईओ प्रेरणा सिंह ने एक मिशाल पेश की है. प्रेरणा सिंह ने अपनी ढाई साल की बेटी का दाखिला आंगनबाड़ी में कराया है.

आंगनबाड़ी में बेटी का दाखिला कराकर पेश की मिसाल
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Published : Nov 24, 2019, 3:11 PM IST

सतना। जिले के रामनगर में पदस्थ जनपद सीईओ प्रेरणा सिंह ने अपनी ढाई साल की बेटी मणिकर्णिका सिंह का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में करवा कर आम जनता के बीच लोकसेवा की मिशाल पेश की है.दरअसल जनपद पंचायत सीईओ प्रेरणा सिंह बाल दिवस के दिन जनपद पंचायत मे हुए कार्यक्रम पर आंगनबाड़ी केंद्र इटमा कला पहुंची थी. जहां बच्चों की शानदार प्रस्तुतियों देखकर वो बहुत प्रभावित हुई थी. जिसके बाद मन ही मन उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला आंगनबाड़ी में कराने का फैसला कर लिया था. सीईओ प्रेरणा सिंह ने बेटी के दाखिला की फॉर्मेलटी पूरी कर उसे आंगनबाड़ी लेकर पहुंच गई. महज ढाई साल की मणिकर्णिका सिंह हर रोज आम बच्चों की तरह आंगनबाड़ी आती है वहां पढ़ती है बच्चों के साथ खेलती है और खाती है.

आंगनबाड़ी में बेटी का दाखिला कराकर पेश की मिसाल


सीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा कि जब किसी सरकारी अफसर के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं, तब स्कूलों के बिगड़े हालत और पढ़ाई के स्तर में खुद व खुद सुधार हो जाता है. शिक्षक समय से स्कूल आते है और संजीदगी से कक्षा में पहुंचते है और पढ़ाते भी है. यदि देश मे शिक्षा के स्तर को सुधारना है तो अधिकारियों को अपने बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में नहीं बल्की इन केंद्रों में करावाना होगा.


बता दें कि मध्यप्रदेश मे सरकारी स्कूलों की गिरते शिक्षा के स्तर और शिक्षक की कमी के बीच तत्कालिक खंडवा कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल ने अपनी 14 महीने की बच्ची का दाखिला आंगनबाड़ी में करवाया है. जिसके बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की थी.

सतना। जिले के रामनगर में पदस्थ जनपद सीईओ प्रेरणा सिंह ने अपनी ढाई साल की बेटी मणिकर्णिका सिंह का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में करवा कर आम जनता के बीच लोकसेवा की मिशाल पेश की है.दरअसल जनपद पंचायत सीईओ प्रेरणा सिंह बाल दिवस के दिन जनपद पंचायत मे हुए कार्यक्रम पर आंगनबाड़ी केंद्र इटमा कला पहुंची थी. जहां बच्चों की शानदार प्रस्तुतियों देखकर वो बहुत प्रभावित हुई थी. जिसके बाद मन ही मन उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला आंगनबाड़ी में कराने का फैसला कर लिया था. सीईओ प्रेरणा सिंह ने बेटी के दाखिला की फॉर्मेलटी पूरी कर उसे आंगनबाड़ी लेकर पहुंच गई. महज ढाई साल की मणिकर्णिका सिंह हर रोज आम बच्चों की तरह आंगनबाड़ी आती है वहां पढ़ती है बच्चों के साथ खेलती है और खाती है.

आंगनबाड़ी में बेटी का दाखिला कराकर पेश की मिसाल


सीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा कि जब किसी सरकारी अफसर के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं, तब स्कूलों के बिगड़े हालत और पढ़ाई के स्तर में खुद व खुद सुधार हो जाता है. शिक्षक समय से स्कूल आते है और संजीदगी से कक्षा में पहुंचते है और पढ़ाते भी है. यदि देश मे शिक्षा के स्तर को सुधारना है तो अधिकारियों को अपने बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में नहीं बल्की इन केंद्रों में करावाना होगा.


बता दें कि मध्यप्रदेश मे सरकारी स्कूलों की गिरते शिक्षा के स्तर और शिक्षक की कमी के बीच तत्कालिक खंडवा कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल ने अपनी 14 महीने की बच्ची का दाखिला आंगनबाड़ी में करवाया है. जिसके बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की थी.

Intro: हाई एजुकेशन की दौड़ के बीच प्रदेश की सीईओ लोकसेवा की मिसाल पेश करते नजर आई है,सीईओ ने ढाई साल की अपनी बेटी का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र मे करवाकर सरकारी स्कूलो से आम जनता के मोह भंग होने के बीच एक संदेश देने का काम किया है।
Body:मध्यप्रदेश मे सरकारी स्कूलों की गिरते शिक्षा के स्तर व शिक्षक की कमी के बीच तत्कालिक खंडवा कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल पति कटनी कलेक्टर पंकज जैन ने पहली बार अपनी 14 माह की बेटी पंखुड़ी का दाखिला आंगनवाड़ी में कराया था जिसके बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की थी,इसके बाद एक बार फिर सतना जिले के रामनगर में पदस्थ जनपद सीईओ प्रेरणा सिंह अपनी ढाई साल की बेटी मणिकर्णिका सिंह का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में करवा कर आम जनता के बीच लोकसेवा की मिसाल पेश की है।दरअसल जनपद पंचायत सीईओ प्रेरणा सिंह बाल दिवस के दिन जनपद पंचायत मे हुये कार्यक्रम पर आंगनबाड़ी केंद्र इटमा कला में पढ़ने वाले बच्चो की शानदार प्रस्तुतियों से प्रभावित हो गई और उन्होंने मन ही मन अपनी बेटी का दाखिला कराने का फैसला कर लिया।सीईओ प्रेरणा सिंह ने बेटी के दाखिला की फॉर्मेलटी पूरी कर बेटी मणिकर्णिका सिंह को आंगनवाड़ी ले कर पहुँच गई।महज ढाई साल की मणिकर्णिका सिंह हर रोज आम बच्चो की तरह आंगनवाड़ी आती है वहाँ पढ़ती है बच्चो के साथ खेलती है खाती है।मणिकर्णिका सिंह के दाखिला के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था शिक्षा का स्तर मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था को चार चाँद लग गये है।सीईओ प्रेरणा सिंह कहना है की जब किसी सरकारी अफसर के बच्चे सरकारी स्कूलो मे पढ़ाई करते है तब स्कूलों के बिगड़े हालत और पढ़ाई के स्तर मे खुद व खुद सुधार हो जाता है,शिक्षक समय से स्कूल आते है संजीदगी से कक्षा में पहुँचते है और पढ़ाते भी है,यदि देश मे शिक्षा के स्तर को सुधारना है तो अधिकारियों को अपने बच्चो का एडमिशन निजी स्कूलों में नही बल्की इन केंद्रों में कराना होगा।Conclusion:बाइट:-- प्रेरणा सिंह,सीईओ-रामनगर।
बाइट:-- ज्योत्सना जायसवाल, आगनवाड़ी सहायीका-इटमा कला, रामनगर-सतना।
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