सतना। चित्रकूट में जारी चिंतन शिविर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 50 टॉप लीडर संगठन की दशा और दिशा पर मंथन कर रहे हैं. 9 जुलाई से शुरू हुई यह बैठक 13 जुलाई तक चलेगी. इस बैठक में कोरोना के दौरान किए गए कामों का ब्यौरा लिया जा रहा है, साथ ही संगठन के विषयों पर चर्चा की जा रही है. अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
मंगलवार को होगा चिंतन शिविर का समापन
9 से 13 जुलाई तक आयोजित की गई बैठक में 9 और 10 जुलाई को क्षेत्र प्रचारकों की बैठक का आयोजन किया गया था. 10 और 11 जुलाई को प्रांत प्रचारकों की बैठक का आयोजन किया गया था. आज आयोजित बैठक में क्षेत्र प्रचारकों और प्रांत प्रचारकों की बैठक से निकले निष्कर्ष पर चर्चा की गई साथ ही संघ की भविष्य की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया. मंगलवार को चिंतन शिविर का समापन किया जाएगा.
4 दिनों में कई मुद्दों पर हुआ मंथन
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चिंतन शिविर में चार दिन के दौरान कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर आंकलन किया गया. इसके अलावा डिजिटल और फिजिकल नेटवर्क को मजबूत करने और यूपी चुनाव के एजेंडे पर विचार किया गया. बैठक में पीएम और सीएम की बिगड़ी इमेज को कंट्रोल करना, केरल, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में राष्ट्रवाद की भावना को प्रकट करने के लिए काम करने पर विचार किया गया.
RSS की बैठक में तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियों पर चर्चा, ढाई लाख कार्यकर्ता होंगे प्रशिक्षित
तीसरी लहर के लिए कार्यकर्ता होंगे प्रशिक्षित
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए राष्ट्रव्यापी श्रमिक प्रशिक्षण का आयोजन करेगा. इसमें प्रशिक्षित होने के बाद कार्यकर्ता लगभग 2.5 लाख स्थानों तक पहुंचेंगे. यह प्रशिक्षण अगस्त माह में पूरा कर लिया जाएगा, इसके बाद सितंबर से हर गांव और बस्ती में जन जागरण के माध्यम से लोगों तक पहुंचा जाएगा. इस प्रशिक्षण में विशेष रूप से बच्चों और माताओं को कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों और उपायों को शामिल किया गया है.
किले में तब्दील है सतना और चित्रकूट
संघ के इस महामंथन के लिए संगठन के प्रमुख मोहन भागवत के अलावा 50 शीर्ष नेता भी आए हैं. इनकी सुरक्षा के लिए डीआरआई के आरोग्यधाम को हाई सिक्योरिटी जोन में तब्दील किया गया है. संघ के इस चिंतन शिविर की सुरक्षा में 400 से ज्यादा जवानों को लगाया गया है. सतना और चित्रकूट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.