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बराबरी या बदलाव! घोड़ी पर होकर सवार 'बन्नो' चली पिया के द्वार - Deepa Valleja of wedding procession

एमपी के सतना जिले के कृष्णनगर में रहने वाले वलेजा परिवार की इकलौती बेटी दीपा की आज बारात निकली.

Deepa Valleja of wedding procession
दीपा वलेजा की निकली बारात
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Published : Feb 5, 2021, 8:54 PM IST

सतना। अभी तक आपने दूल्हे की बारात जाते हुए देखा होगा लेकिन सतना जिले में एक चौका देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां दूल्हे की जगह दुल्हन की बारात गाजे-बाजे और धूमधाम के साथ घर से निकाली गई. समाज के अंदर रीति रिवाज के अनुसार आप लोगों ने देखा होगा कि अक्सर घोड़ी में सवार दूल्हे की बारात बड़े धूमधाम से घरों से निकाली जाती है, लेकिन क्या कभी आपने यह देखा या सुना हैं कि दुल्हन की बारात घोड़ी में सवार धूमधाम से निकाली गई हो. आपका जवाब होगा नहीं. लेकिन हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के सतना जिले की जहां शहर के कृष्ण नगर के रहने वाले वलेजा परिवार की इकलौती बेटी. जिसकी बारात घोड़ी में सवार होकर निकली गई है.

समाज को मैसेज देने के लिए निकाली बारात

इस परिवार में 25 सालों में पहली बारात निकाली गई है. इन तस्वीरों को देख कर आप खुद दंग रह जाएंगे. नरेश वलेजा की इकलौती बेटी दीपा वालेजा की बारात उनके पूरे परिवार ने बड़े धूमधाम से गाजे बाजे के साथ आतिशबाजी के साथ निकाली गई. बेटी की बारात निकालने का बस एक मात्र की उद्देश्य था कि समाज में बेटी-बेटा दोनों एक समान होते हैं. बेटियां किसी से कम नहीं होती है. बेटी दीपा वलेजा को घोड़ी पर बैठा देखकर माता पिता के साथ-साथ समाज और परिवार के लोगों के अंदर बेहद खुशी नजर आई. इस नई पहल की शुरुआत को लेकर वलेजा समाज के लोग भी उनकी प्रशंसा कर रहे हैं.

दीपा वलेजा की निकली बारात

बेटियां नहीं किसी पर बोझ

इस बारे में जब दीपा की मां से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बेटा और बेटी दोनों एक समान होते हैं. हमारा सपना था कि हमारे घर में हमारी एकलौती बेटी की बारात घोड़ी में सवार होकर बड़े धूमधाम से निकाली जाएगी और हमारे परिवार में 25 सालों बाद पहली बारात निकाली गई और वह बरात हमारी बेटी की हैं. वहीं इस बारे में जब दुल्हन दीपा से बात की गई तब उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती, लेकिन हमारे माता-पिता और परिवार ने मिलकर मुझे एक बड़ा सरप्राइस दिया है. मुझे इस बहुत खुशी है और मैं यह मैसेज देना चाहती हूं कि समाज पर बेटी और बेटे का भेदभाव नहीं करना चाहिए और बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए.

Dipa Valleja of wedding procession
दीपा वलेजा की बारात में बाराती

वलेजा परिवार की चारों ओर प्रशंसा

इस बारात को देखकर वलेजा समाज के समाजसेवी भी नरेश वलेजा की प्रशंसा कर रहे हैं. जहां उन्होंने ने बेटा और बेटी में भेदभाव न करते हुए, बेटी को बेटे के बराबर का दर्जा दिया और बेटी की बारात धूमधाम ने निकालकर समाज के अंदर एक अच्छा मैसेज दिया है. बहरहाल आज भी समाज के अंदर कुरीतियों के चलते लोग बेटियों को बोझ समझते हैं, लेकिन सतना जिले में वलेजा परिवार ने समाज के अंदर बेटी की बरात निकालकर, बेटे और बेटी के भेदभाव को ना करने का एक अच्छा मैसेज दिया है.

सतना। अभी तक आपने दूल्हे की बारात जाते हुए देखा होगा लेकिन सतना जिले में एक चौका देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां दूल्हे की जगह दुल्हन की बारात गाजे-बाजे और धूमधाम के साथ घर से निकाली गई. समाज के अंदर रीति रिवाज के अनुसार आप लोगों ने देखा होगा कि अक्सर घोड़ी में सवार दूल्हे की बारात बड़े धूमधाम से घरों से निकाली जाती है, लेकिन क्या कभी आपने यह देखा या सुना हैं कि दुल्हन की बारात घोड़ी में सवार धूमधाम से निकाली गई हो. आपका जवाब होगा नहीं. लेकिन हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के सतना जिले की जहां शहर के कृष्ण नगर के रहने वाले वलेजा परिवार की इकलौती बेटी. जिसकी बारात घोड़ी में सवार होकर निकली गई है.

समाज को मैसेज देने के लिए निकाली बारात

इस परिवार में 25 सालों में पहली बारात निकाली गई है. इन तस्वीरों को देख कर आप खुद दंग रह जाएंगे. नरेश वलेजा की इकलौती बेटी दीपा वालेजा की बारात उनके पूरे परिवार ने बड़े धूमधाम से गाजे बाजे के साथ आतिशबाजी के साथ निकाली गई. बेटी की बारात निकालने का बस एक मात्र की उद्देश्य था कि समाज में बेटी-बेटा दोनों एक समान होते हैं. बेटियां किसी से कम नहीं होती है. बेटी दीपा वलेजा को घोड़ी पर बैठा देखकर माता पिता के साथ-साथ समाज और परिवार के लोगों के अंदर बेहद खुशी नजर आई. इस नई पहल की शुरुआत को लेकर वलेजा समाज के लोग भी उनकी प्रशंसा कर रहे हैं.

दीपा वलेजा की निकली बारात

बेटियां नहीं किसी पर बोझ

इस बारे में जब दीपा की मां से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बेटा और बेटी दोनों एक समान होते हैं. हमारा सपना था कि हमारे घर में हमारी एकलौती बेटी की बारात घोड़ी में सवार होकर बड़े धूमधाम से निकाली जाएगी और हमारे परिवार में 25 सालों बाद पहली बारात निकाली गई और वह बरात हमारी बेटी की हैं. वहीं इस बारे में जब दुल्हन दीपा से बात की गई तब उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती, लेकिन हमारे माता-पिता और परिवार ने मिलकर मुझे एक बड़ा सरप्राइस दिया है. मुझे इस बहुत खुशी है और मैं यह मैसेज देना चाहती हूं कि समाज पर बेटी और बेटे का भेदभाव नहीं करना चाहिए और बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए.

Dipa Valleja of wedding procession
दीपा वलेजा की बारात में बाराती

वलेजा परिवार की चारों ओर प्रशंसा

इस बारात को देखकर वलेजा समाज के समाजसेवी भी नरेश वलेजा की प्रशंसा कर रहे हैं. जहां उन्होंने ने बेटा और बेटी में भेदभाव न करते हुए, बेटी को बेटे के बराबर का दर्जा दिया और बेटी की बारात धूमधाम ने निकालकर समाज के अंदर एक अच्छा मैसेज दिया है. बहरहाल आज भी समाज के अंदर कुरीतियों के चलते लोग बेटियों को बोझ समझते हैं, लेकिन सतना जिले में वलेजा परिवार ने समाज के अंदर बेटी की बरात निकालकर, बेटे और बेटी के भेदभाव को ना करने का एक अच्छा मैसेज दिया है.

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