सतना। कोलगवां में पदस्थ रहे रिश्वतखोर प्रधान आरक्षक को विशेष कोर्ट ने 4 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. केस को कमजोर करने की एवज में प्रधान आरक्षक ने पैसे की मांग की थी.
केस कमजोर करने के लिए मांगी थी रिश्वत
सतना के कोलगवां थाने में 13 अप्रैल 2016 को शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त रीवा से शिकायत की थी, कि उसके खिलाफ कोलगवां थाने में मारपीट का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले पर प्रधान आरक्षक ने फरियादी से केस को कमजोर करने के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी. जिसकी शिकायत पर रीवा लोकायुक्त ने कार्रवाई की थी.
शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक को पकड़ा था. पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज का आरोपी प्रधान आरक्षक को कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट ने उसे आरोपी पाते हुए 4र साल की सजा और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.