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निगम अधिकारियों पर घोटाले का आरोप, पार्षदों ने की जांच की मांग - जांच की कर रहे मांग

सतना में पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों पर मिलीभगत कर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.

Councilors accuse Satna Municipal Corporation of scamming
सतना नगर निगम
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Published : Dec 25, 2019, 9:51 PM IST

सतना। शहर के पार्षदों और महापौर ने नगर निगम पर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. बीते साल शहर के प्रमुख चौराहों का सौंदर्यीकरण का निर्माण कार्य नगर निगम ने कराया था, जिसमें लागत से ज्यादा पैसों का उपयोग किया गया. इस बात के चलते पार्षद और महापौर सभी ने इसकी जांच के लिए मांग की है.

निगम अधिकारियों पर घोटाले का आरोप

सतना नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख चौराहे पानी लाल चौक, लालता चौक, सिविल लाइन चौराहा और धवारी चौराहा का बीते साल सौंदर्यीकरण और चौराहों पर मूर्तियां लगाने का कार्य किया गया है. शहर के पानी लाल चौक और लालता चौक में बीच चौराहे पर में स्टेच्यू लगाए गए हैं तो वहीं धवारी चौराहे में फब्बारे, और सिविल लाइन चौराहे में सेल्फी प्वाइंट का निर्माण कार्य कराया गया है.


इन चौराहों में लगी कीमत 20 लाख 40 लाख और 80 लाख अलग-अलग कीमतों से इसका निर्माण कार्य कराया गया है. लेकिन चौराहे की वास्तविकता देखकर निर्माण कार्य में लगाए गए पैसे का उपयोग नहीं दिख रहा है. आरोप है कि सभी चौराहों का निर्माण कार्य में राशि का गोलमाल किया गया है.


पार्षदों का कहना है कि इस मामले की जांच को लेकर एमआईसी में कई बार प्रस्ताव भी रखा गया है. कमिश्नर, महापौर और विभागीय अधिकारियों सभी से शिकायत की है लेकिन आज तक इसकी जांच नहीं हो सकी, क्योंकि ये घोटाला सबने मिलजुलकर किया है.


सतना महापौर ममता पांडे का कहना है कि शहर के जो चौराहे बनाए गए हैं. अलग-अलग कीमत से लाखों रुपए लगाकर बनाए गए हैं, जिसकी हम लोकायुक्त से जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी. इस बारे में निगम कमिश्नर अमन वीर सिंह ने कहा कि हमें इसकी जानकारी मिली है और इस मामले की पूरी जांच कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

सतना। शहर के पार्षदों और महापौर ने नगर निगम पर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. बीते साल शहर के प्रमुख चौराहों का सौंदर्यीकरण का निर्माण कार्य नगर निगम ने कराया था, जिसमें लागत से ज्यादा पैसों का उपयोग किया गया. इस बात के चलते पार्षद और महापौर सभी ने इसकी जांच के लिए मांग की है.

निगम अधिकारियों पर घोटाले का आरोप

सतना नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख चौराहे पानी लाल चौक, लालता चौक, सिविल लाइन चौराहा और धवारी चौराहा का बीते साल सौंदर्यीकरण और चौराहों पर मूर्तियां लगाने का कार्य किया गया है. शहर के पानी लाल चौक और लालता चौक में बीच चौराहे पर में स्टेच्यू लगाए गए हैं तो वहीं धवारी चौराहे में फब्बारे, और सिविल लाइन चौराहे में सेल्फी प्वाइंट का निर्माण कार्य कराया गया है.


इन चौराहों में लगी कीमत 20 लाख 40 लाख और 80 लाख अलग-अलग कीमतों से इसका निर्माण कार्य कराया गया है. लेकिन चौराहे की वास्तविकता देखकर निर्माण कार्य में लगाए गए पैसे का उपयोग नहीं दिख रहा है. आरोप है कि सभी चौराहों का निर्माण कार्य में राशि का गोलमाल किया गया है.


पार्षदों का कहना है कि इस मामले की जांच को लेकर एमआईसी में कई बार प्रस्ताव भी रखा गया है. कमिश्नर, महापौर और विभागीय अधिकारियों सभी से शिकायत की है लेकिन आज तक इसकी जांच नहीं हो सकी, क्योंकि ये घोटाला सबने मिलजुलकर किया है.


सतना महापौर ममता पांडे का कहना है कि शहर के जो चौराहे बनाए गए हैं. अलग-अलग कीमत से लाखों रुपए लगाकर बनाए गए हैं, जिसकी हम लोकायुक्त से जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी. इस बारे में निगम कमिश्नर अमन वीर सिंह ने कहा कि हमें इसकी जानकारी मिली है और इस मामले की पूरी जांच कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

Intro:एंकर --
सतना नगर निगम द्वारा विगत वर्ष शहर के प्रमुख चौराहों का सौंदर्यीकरण का निर्माण कार्य कराया गया था जिसमें लागत से ज्यादा पैसों का उपयोग किया गया है इस बात के चलते नगर निगम पार्षद महापौर सभी ने इसकी जांच के लिए मांग की है और इसमें किए गए विभाग के अधिकारियों के द्वारा घोटाले की जांच करने के लिए बात कही. पर यह पूरा निर्माण कार्य होने के बाद विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है और नगर निगम में इन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों के चलते पैसे का गलत उपयोग हो रहा है और अधिकारियों की जेब भर रही है ।


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सतना नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख चौराहे पानी लाल चौक लालता चौक सिविल लाइन चौराहा धवारी चौराहा का विगत वर्ष सौंदर्यीकरण का निर्माण कार्य और चौराहे में स्टेचू लगाने का कार्य किया गया है. शहर के पानी लाल चौक और लालता चौक में बीच चौराहे में स्टेचू लगाए गए हैं तो वही धवारी चौराहे में वाटर फब्बारे, और सिविल लाइन चौराहे में सेल्फी प्वाइंट का निर्माण कार्य कराया गया है. इन चौराहे में लगी कीमत 20 लाख 40 लाख और 80 लाख अलग-अलग कीमतों से इसका निर्माण कहां कराया गया है. लेकिन चौराहे की वास्तविकता देखकर निर्माण कार्य में लगाए गए पैसे का उपयोग नहीं दिख रहा है. सभी चौराहों का निर्माण कर मैं पैसों का गोलमाल किया गया है. वहीं नगर निगम पार्षदों का कहना है कि कि हम पार्षद इस मामले की जांच को लेकर एमआईसी में कई बार प्रस्ताव भी रखा है कमिश्नर महापौर और विभागीय अधिकारियों सभी से शिकायत की है लेकिन आज तक इसकी जांच नहीं हो सकी जांच भी क्यों हो क्योंकि विभागीय अधिकारियों ने संविदा कार के साथ मिलकर पैसों का गोलमाल किया है. वही इस बारे में सतना महापौर ममता पांडे का कहना है कि शहर के जो चौराहे बनाए गए हैं अलग-अलग कीमत से लाखों रुपए लगाकर बनाए गए हैं जिसकी हम लोकायुक्त जांच कराएंगे और इसमें जो भी दोषी होगा उस पर हम कारवाही करवाएंगे. वही इस बारे में जब नगर निगम कमिश्नर अमन वीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमें इसकी जानकारी प्राप्त हुई है और इस मामले की पूरी जांच कराएंगे और जांच के बाद ही हम कुछ कह पाएंगे ।

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सुशील सिंह -- वार्ड पार्षद सतना ।
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ममता पांडेय -- महापौर सतना ।
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अमनवीर सिंह -- कमिश्नर नगर निगम सतना ।



Conclusion:vo --
बहरहाल सतना नगर निगम में भ्रष्ट अधिकारियों और संविदा कारों की मिलीभगत के चलते लगातार घोटाले पर घोटाले किए जा रहे हैं. इसी के तहत सतना शहर के प्रमुख चौराहों में भी लागत से ज्यादा पैसे से चौराहे बनाए गए हैं जिसकी जांच के लिए पार्षद आपत्ति जता रहे हैं. लेकिन इससे विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि नगर निगम में हो रहे निर्माण कार्यों के घोटालों का जिम्मेदार आखिर कौन है ।
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