सतना। जिले में करोड़ों रुपये की लागत से बनाई हवाई पट्टी की हालत खराब है. रनवे की कई बार मरम्मत करवाई गई. लेकिन घटिया गुणवत्ता की वजह से इसमें कभी सुधार ही नहीं हो पा रहा है. हवाई पट्टी के नाम पर करोड़ों का फंड निकाला जाता है, टेंडर होते हैं और ये फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है. इसके अलावा हवाई पट्टी पर सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती जा रही है.
घटिया निर्माण कराया गया
1828.60 मीटर लंबी हवाई पट्टी में 5 करोड़ 37 लाख 47 हजार रुपये की लागत से रनवे की मरम्मत करवाई गई थी. ये निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. हवाई पट्टी पर हुए डामरीकरण में कम्पेक्सन, ग्रेडिंग में डामर की मात्रा और डामर के थिकनेस कम पाए जाने के साथ हवाई पट्टी का सरफेस भी प्लेन उतारने के लायक नहीं है.
अधिकारी सुनने को तैयार नहीं
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मकसूद अहमद ने इसको लेकर कई सवाल उठाए हैं. साथ ही अधिकारियों पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बार-बार गुणवत्ताहीन कार्य कराया जाता है. मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई हो.
सांसद ने भी जताई चिंता
वहीं इस मामले में सांसद गणेश सिंह का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में शिकायत की थी. उसके बाद मामला सामने आया था. इसकी जांच की जा रही है. ये चिंता का विषय है कि हवाई पट्टी के निर्माण में इस तरह की लापरवाही बरती जाए. इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
कब बनाई गई थी हवाई पट्टी
सतना हवाई पट्टी द्वितीय विश्व युद्ध के समय सामरिक दृष्टि से विकसित की गई थी. यहां दो बार हवाई सेवा शुरू की गई पर ठोस नीति के अभाव में दोनों बार असफलता हाथ लगी. इसके पीछे कारण था कि इसके माध्यम से भोपाल व इंदौर को जोड़ा गया. इन बड़े शहरों से लोग सतना आते नहीं थे. सतना से शाम को उड़ान होने कारण स्थानीय व्यापारी व उद्यमी को लाभ नहीं था. वे ट्रेन मार्ग को ज्यादा बेहतर मानते रहे. इसका परिणाम रहा कि सेवा फेल हो गई.