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गरीबोंं के आशियाने पर चला बुलडोजर, 16 मकान गिराए गए

मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशानुसार सतना में भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीनों पर 16 मकानों को गिराया गया. इस कार्रवाई में कुछ गरीबों के मकान भी गिर गए. लेकिन उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई.

Bulldozer on the shelter of the poor
गरीबोंं के आशियाने पर बुलडोजर
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Published : Dec 29, 2019, 10:00 PM IST

सतना । प्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने कुछ समय पहले भू माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए थे. लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों की सतना जिले में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

गरीबोंं के आशियाने पर बुलडोजर


मामला सतना शहर के बदखर क्षेत्र का है, जहां जिला प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में सरकारी जमीनों पर बने 16 मकानों को गिराया गया. साथ ही सिमरिया रोड में किए गए कब्जे को भी हटाया गया. लेकिन इस कार्रवाई में जिन गरीबों के मकान गिराए गए, उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई. प्रशासन ने गरीबों के आशियाने में बुलडोजर तो चलवा दिया. लेकिन अब गरीब ठंड से परेशान हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद भी कोई उनकी सुनने वाला नहीं.

निष्कर्ष में ये बात सामने आ रही है कि जिस भूमाफिया ने इस जमीन पर कब्जा कर गरीबों को बेचा था, उस भूमाफिया का जिला प्रशासन पता तक नहीं लगा सका और गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलवा दिया.

सतना । प्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने कुछ समय पहले भू माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए थे. लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों की सतना जिले में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

गरीबोंं के आशियाने पर बुलडोजर


मामला सतना शहर के बदखर क्षेत्र का है, जहां जिला प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में सरकारी जमीनों पर बने 16 मकानों को गिराया गया. साथ ही सिमरिया रोड में किए गए कब्जे को भी हटाया गया. लेकिन इस कार्रवाई में जिन गरीबों के मकान गिराए गए, उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई. प्रशासन ने गरीबों के आशियाने में बुलडोजर तो चलवा दिया. लेकिन अब गरीब ठंड से परेशान हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद भी कोई उनकी सुनने वाला नहीं.

निष्कर्ष में ये बात सामने आ रही है कि जिस भूमाफिया ने इस जमीन पर कब्जा कर गरीबों को बेचा था, उस भूमाफिया का जिला प्रशासन पता तक नहीं लगा सका और गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलवा दिया.

Intro:एंकर --
मध्य प्रदेश की मुखिया कमलनाथ ने भू माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए थे. लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों की सतना जिले में धज्जियां उड़ाई जा रहे हैं. मामला सतना शहर के अब बदखर क्षेत्र का है जहां आज जिला प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में सरकारी जमीनों पर बनाए गए 16 मकानों को गिराने की कार्रवाई की गई. साथ ही सतना सिमरिया रोड में किए गए कब्जे को भी हटाया गया. लेकिन इस कार्यवाही में जिन गरीबों के मकान गिराए गए इस कड़ाके की ठंड पर बिना वैकल्पिक व्यवस्था की है प्रशासन ने गरीबों के आशियाने में बुलडोजर चलवा दिया वहीं करीब आप प्रशासन से सहायता की गुहार लगा रहा है. लेकिन उसके बावजूद भी कोई भी सुनने वाला नहीं ।


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सतना के बदखर के 1 एकड़ 46 डिसमिल जमीन जिस पर भू माफिया द्वारा कब्जा कर गरीब मजदूरों को बेच दिया गया था. गरीब मजदूर इस जमीन पर सन 2008 से गुजर-बसर कर रहे थे. और इस जमीन पर तकरीबन 16 घरों में अधिकांश ऐसे लोग हैं जो मेहनत की पूंजी लगाकर कर्ज लेकर निर्माण करवा चुके थे. गरीब मजदूर नगर निगम का टैक्स और बिजली का बिल बकायदा अदा कर रहे थे. इसके पहले भी जब गरीबों ने ना मकान बनाना शुरू किया था तो पूर्व तहसीलदार द्वारा जुर्माना लगाकर सभी मकानों को बनने के लिए छोड़ गया. और अब जब गरीबों ने अपना आशियाना बना लिया तो आज जिला प्रशासन ने उन गरीबों की बिना वैकल्पिक व्यवस्था की है आशियाने पर बुलडोजर चलवा दिया गया. जिला प्रशासन कहां मानता है कि सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा हटाने की मुहिम में शहर के अवैध कॉलोनियों भूल गए.और गरीबों पर कहर बनकर टूट रहा है. और इसके साथ ही शहर के नामचीन प्रॉपर्टी डीलर रामसिया कुशवाहा की भी 35 फीट की बाउंड्री पर भी बुलडोजर चलाया गया. वहीं दूसरी कार्यवाही सतना सिमरिया मार्ग जो की 40 फुट की सड़क पर किसानों और भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया गया था उसे भी कब्जा मुक्त कराया गया. लेकिन इस पूरे कार्यवाही में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस कड़ाके की ठंड में जिन गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलाया गया उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई. गरीब बेसहारा लॉकअप प्रशासन को दोषी मानते हुए न्याय की गुहार लगा रहा है. इस पूरे मामले पर जब सतना एसडीएम पीएस त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नगर निगम टैक्स और बिजली का बिल जमा करने से किसी का सरकारी जमीन पर पट्टा नहीं हो जाता. लेकिन एसडीएम साहब ने वैकल्पिक व्यवस्था पर कहा कि वह नगर निगम देखेगा और नगर निगम को अभी तक कोई भी सूचना नहीं दी गई.इसमें साफ तौर पर नजर आ रहा है कि जिस भूमाफिया ने इस जमीन पर कब्जा कर गरीबों को बेचा था उस भूमाफिया का जिला प्रशासन पता तक नहीं लगा सका और गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलवा दिया. सतना जिले में भू माफिया के कार्यवाही क्या सिर्फ गरीबों के आशियाने पर की जानी है. यह तो प्रदेश के मुखिया के आदेशों की धज्जियां उड़ाने जैसा है ।


Conclusion:byte --
संजीव पांडेय -- पीड़ित गरीब ।
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निशा देवी -- पीड़ित गरीब।
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पीएस त्रिपाठी -- एसडीएम सतना ।
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