सागर। जब अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा हो और मध्य प्रदेश में एक तरहसे चुनावी बिगुल बज चुका हो. ऐसे में कोई मंत्री करोड़ों रुपए खर्च कर विशाल परिसर में राम नाम जप यज्ञ कराए, तो समझ सकते हैं कि सिर्फ भक्त और श्रद्धालुओं को नहीं, राजनेताओं को भी "श्री राम" के नाम का कितना बड़ा सहारा है. हम बात कर रहे हैं सागर के सलैया में आयोजित होने वाले श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ 1008 कुंडीय यज्ञ की, जो राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के परिवार द्वारा आयोजित किया जा रहा है. आयोजन की भव्यता देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि धार्मिक अनुष्ठान में कितना पैसा खर्च हो रहा है. 24 अप्रैल से 4 मई तक चलने वाले महायज्ञ का आयोजन संत आत्मानंद दास त्यागी "नेपाली बाबा" के सानिध्य में संपन्न होगा. यज्ञ के लिए करीब डेढ़ सौ एकड़ परिसर का समतलीकरण किया गया है. नदी के ऊपर मिट्टी का बांध बनाया गया और कुआं खोदा गया है. यज्ञ के लिए 1008 कुंड बनाए गए हैं.
अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन: विश्व कल्याण और शांति के लिए श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ 1008 कुंडीय का आयोजन 24 अप्रैल से 4 मई तक सागर शहर से लगे सलैया के शारदा माता मंदिर प्रांगण में किया जाएगा. महायज्ञ संत आत्मानंद दास त्यागी "नेपाली बाबा" के सानिध्य में संपन्न होगा. सलैया में आयोजित होने जा रहा यह महायज्ञ अपने आप में अनूठा भव्य और ऐतिहासिक है. आयोजन समिति के अध्यक्ष राजस्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई और सागर जिला पंचायत के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत का कहना है कि पूर्व के अनुभवों और नेपाली बाबा के आयोजनों में होने वाली भीड़ से अंदाजा लगाया जा रहा है कि 25 से 30 लाख धर्म प्रेमी लोग भव्य महायज्ञ में शामिल होंगे. प्रतिदिन 50 हजार धर्म प्रेमी बंधुओं के भोजन की व्यवस्था की गई है और 5 मई को यज्ञ स्थल पर विशाल भंडारा आयोजित होगा. सागर के धार्मिक अनुष्ठान के इतिहास में आयोजन को एक कीर्तिमान माना जा रहा है.
महायज्ञ में क्या होगा खास: सीताराम नाम जप यज्ञ समिति के अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा राजपूत ने बताया कि महायज्ञ परम तपस्वी संत आत्मानंद दास त्यागी नेपाली बाबा के सानिध्य में संपन्न होगा. यह उनका 191 महायज्ञ है, इसके पहले नेपाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश के कई स्थानों पर नेपाली बाबा महायज्ञ कर चुके हैं. 150 एकड़ के भूभाग पर महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है. 5 एकड़ में ही यज्ञशाला निर्मित की गई है. 24 अप्रैल को आयोजित कलश यात्रा में शामिल जजमान और उनके परिजन 1500 के काफिले से बरमान जाकर नर्मदा जल लेकर आएंगे. महायज्ञ के दौरान 1008 भजन मंडली लगातार 9 दिन 9 रात तक सीताराम नाम जप का गायन करती रहेगी. महायज्ञ वाल्मीकि रामायण में उल्लेखित हवन प्रक्रिया के तहत संपन्न होगा. जिसमें 24000 श्लोक हैं. हवन कर्ता दंपत्ति रामाय स्वाहा के मंत्र से आहुति देंगे, जिसके लिए 1008 कुंड तैयार किए गए हैं. हर कुंड में 11 जोड़ी सहित कुल 2376 धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं एक साथ आहुति देंगे.
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क्या कहना है नेपाली बाबा का: संत आत्मानंद दास त्यागी "नेपाली बाबा" का कहना है कि यह आयोजन विश्वकल्याण और विश्व शांति के लिए किया जा रहा है. बीमारियों का प्रकोप हो रहा है, प्रकोप से निर्वृत्त होने और विश्व शांति के लिए यह यज्ञ किया जा रहा है. सब को शांति मिले और सब को सुख मिले, इसलिए यज्ञ किया जा रहा है. आहुति यज्ञ और कीर्तन 9 दिन और 9 रात चलेंगे और यज्ञ की बाकी क्रियाएं 14 मई तक चलेगी.
क्या कहना है आयोजन समिति का: राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सागर जिला पंचायत के अध्यक्ष भाई हीरा सिंह राजपूत का कहना है कि विश्वकल्याण और मानव सेवा के लिए बहुत बड़ा राम नाम जप यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. इसमें सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. करीब 2 महीने से हमारी तैयारी चल रही है और लगातार बैठकों का सिलसिला चल रहा है. यहां लगभग 100 एकड़ जमीन पर तरह-तरह के विस्तार किए गए हैं. हमने नदी में मिट्टी का डैम बनाया है और कुंआ खोदा है. जमीन का समतलीकरण किया जा रहा है. 1008 कुंडीय यज्ञ हो रहा है, 1008 भजन मंडली आ रही हैं. गुरुदेव की कृपा से हर कार्य का बहुत अच्छे से संपादन हो रहा है. धार्मिक अनुष्ठान जब होता है,तो लाखों लोग प्रतिदिन आएंगे. दर्शन करने, घूमने, यज्ञ स्थल देखने और जिनके परिजन यज्ञ में बैठेंगे, वह लोग आएंगे.