सागर। केंद्रीय जेल सागर में हत्या के मामले में सजा काट रही एक 42 वर्षीय महिला की मौत का मामला सामने आया है. महिला कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद गुरुवार को ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से इलाज कराने के बाद जेल पहुंची थी, लेकिन सुबह उसे फिर सांस लेने में तकलीफ हुई. जेल प्रशासन द्वारा उसे दोबारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
क्या है मामला
सागर जिले की गढ़ाकोटा थाना क्षेत्र की निवासी एक 42 वर्षीय महिला सागर केंद्रीय जेल में हत्या के आरोप में सजा काट रही थी. महिला को 2009 में सजा सुनाई गई थी, लेकिन कोरोना काल में 300 दिन की पैरोल पर गई थी. 31 जनवरी को अपनी पैरोल खत्म कर लौटी थी और उसे नियम अनुसार कोरोना टेस्ट के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद महिला को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ही एडमिट कराया गया था. 18 फरवरी को उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर जेल भेज दिया गया था. महीला कैदी को सुबह 7 बजे अचानक उसे सांस लेने में तकलीफ हुई, जेल स्थित अस्पताल में इलाज कराने के बाद उसे दोबारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजा गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पैरोल पर जेल से बाहर गया एक और कैदी फरार
क्या कहता है जेल प्रशासन
सागर केंद्रीय जेल के अधीक्षक संतोष सोलंकी का कहना है कि करीब 300 दिन के पैरोल के बाद 31 जनवरी को महिला जेल दाखिल होने के लिए उपस्थित हुई थी. जेल की प्रक्रिया के तहत उसे एक कोविड-19 के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. रिपोर्ट पाजीटिव पाए जाने पर उसे मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती कराया गया था. लगातार इलाज के बाद 18 फरवरी को महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.आज सुबह उसे जेल में सांस लेने में तकलीफ हुई, तो जेल में प्राथमिक इलाज के बाद उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां 8:10 पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.