सागर। डॉक्टर हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के लॉ, थिएटर और म्यूजिक डिपार्टमेंट के छात्रों ने इन तीनों विभागों में पीएचडी शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कुलपति कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. छात्रों का आरोप है कि पिछले 10 सालों से इन तीनों विभागों में शोध कार्य बंद है, जिससे मास्टर्स कर चुके छात्र पीएचडी करने से वंचित हो रहे हैं.
इस विषय में छात्रों ने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है, जिस पर हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से तीन माह में शोध कार्य बंद होने पर स्पष्टीकरण मांगा है. छात्र करीब 7 घंटे तक कुलपति कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते रहे, जिसके बाद वहां सिविल लाइन थाना प्रभारी उपमा सिंह सहित पुलिस बल भी पहुंच गया. घंटों की मशक्कत के बावजूद भी प्रभारी कुलपति जनक आही छात्रों से मिलने और उनकी समस्याएं सुनने के लिए बाहर नहीं आई. जिससे छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता रहा.
थाना प्रभारी उपमा सिंह ने जब प्रभारी कुलपति से छात्रों के विषय में चर्चा की, तो उन्होंने तीन छात्रों को अंदर आकर बात करने के लिए कहा, लेकिन छात्र कुलपति से बातचीत की पूरी वीडियोग्राफी कराने या फिर सार्वजनिक तौर पर बात करने पर अड़े रहे.
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सुबह 12:00 बजे से लगातार विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद शाम करीब 7:00 बजे रजिस्ट्रार और पुलिस ने मध्यस्थता कर छात्रों को 1 सप्ताह में इस विषय पर बैठक कर निर्णय लेने की बात कही. जिसके बाद किसी तरह छात्रों का धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ. हालांकि छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर 1 सप्ताह में उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई, तो वे आगे उग्र प्रदर्शन और आत्मदाह तक करने को मजबूर होंगे. इस दौरान मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी तरह की मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया.