सागर। पुलिस की विशेष टीम ने सागर शहर के बीचोबीच भूतेश्वर कॉलोनी की एक धर्मशाला में हो रहे बाल विवाह को रुकवाया है. मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बताया कि यहां इतवारी टोरी निवासी नाबालिग युवक और नाबालिग युवती का विवाह कराया जा रहा था. मौके पर दोनों के परिवार भी मौजूद थे. पुलिस की टीम को देखकर कुछ लोग वहां से भाग खड़े हुए, हालांकि बाद में दोनों ही परिवार बच्चों के बालिग होने के बाद ही शादी करवाने की बात को मान गए.
बुंदेलखंड से बाल विवाह का कलंक अब तक दूर नहीं हो सका है जहां जागरूकता के तमाम प्रयासों के दावे की पोल खोलती अनेकों तस्वीरें सामने आती रहती हैं. शुक्रवार रात भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां शहर के इतवारी टोरी क्षेत्र के 2 परिवार अपने नाबालिग बच्चों की शादी करवा रहे थे. इस दौरान शादी की सूचना किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में दे दी. जिसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम भगत सिंह वार्ड स्थित एक धर्मशाला में पहुंची जहां शादी की रस्में शुरू हो चुकी थी. पुलिस की टीम को पहुंचता देख कुछ रिश्तेदार वहां से भाग खड़े हुए. जबकि दोनों परिवार से नाबालिक बच्चों के पहचान पत्र मंगवाए गए जिसमें युवक और युवती दोनों ही नाबालिग थे. काफी मशक्कत के बाद टीम के साथ वहां पहुंची ज्योति तिवारी ने दोनों परिवारों को समझा-बुझाकर बच्चों के बालिग होने के बाद ही शादी करने की बात कही है.
इस दौरान पुलिस की टीम ने स्थानीय पार्षद और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी उनके क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह के लिए फटकार लगाई है. गौरतलब है कि केवल सागर में ही इस बार 100 से ज्यादा बाल विवाह रुकवाये जा चुके हैं आलम यह है कि पुलिस ने आरक्षक ज्योति तिवारी के साथ पूरी टीम गठित की है जो क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह को रुकवाने का काम कर रही है. लेकिन इस दौरान बाल विवाह के यह आंकड़े सरकार की जागरूकता अभियान और महिला बाल विकास की पोल खोलने के लिए काफी है.