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सागर: ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट का मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किया लोकार्पण - chief minister shivraj singh chauhan

शहर को कचरा मुक्त बनाने और संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधीन करीब 6 साल पहले स्वीकृत हुआ 71 करोड़ रुपयों की लागत से बना महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का लोकार्पण नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किया.

Waste Management Plant Launched
अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट का लोकार्पण
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Published : Aug 17, 2020, 1:37 AM IST

सागर। कोरोना संकट के दौरान सागर को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में कचरे से मुक्ति दिलाने वाला अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट सौंपा गया है. शहर को कचरा मुक्त बनाने और संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधीन करीब 6 साल पहले स्वीकृत हुआ 71 करोड़ रुपयों की लागत से बना महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का लोकार्पण नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किया.

अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट की लॉचिंग

कचरा मुक्त बनेगा संभाग

इस अवसर पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब तक इंदौर, भोपाल, जबलपुर और कटनी में इस तरह के प्लांट संचालित हैं. लेकिन उन सब में भी हमारे सागर का यह प्लांट आधुनिकतम उपकरणों और मशीनों से लैस है. मसवासी ग्रंट में करीब 71 करोड़ में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई के तहत प्लांट बनकर तैयार हो गया है. इसमें अलग-अलग आधा दर्जन से ज्यादा इकाइयां तैयार की गई हैं. सागर नगर निगम के आधीन तैयार यह प्लांट पूरे संभाग को कचरा मुक्त बनाएगा. जिसमें गीले- सूखे कचरे को अलग-अलग तरीके से एग्रीगेट करके इससे खाद तैयार की जाएगी. सबसे अहम बात यह है कि प्रदेश का यह पहला एनिमल कार कर्ज प्लांट भी यही लगाया गया है. जहां मृत मवेशियों के शवों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज किया जाएगा.

डोर टू डोर योजना

इस दौरान सांसद राज बहादुर सिंह ने कहा कि सागर में बीती निगम परिषद के कार्यकाल के दौरान इसे स्वीकृत किया गया था. हैदराबाद की रिंक एनवायरमेंट कंपनी के अधीन सागर एमएसडब्ल्यू सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से इसके लिए अनुबंध किया गया था. साल 2015 से सागर में योजना के तहत डोर टू डोर योजना के तहत घरों से कचरा कलेक्शन का काम प्रारंभ किया गया था. जो वर्तमान में सभी 48 वार्डों में विधिवत चल रहा है.

Minister Bhupendra Singh launching the waste management plant
अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट को लॉच करते मंत्री भूपेंद्र सिंह

बीमारियों से मिलेगी निजात

केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण और स्वच्छ भारत अभियान में सागर कई वर्षों से अंडर 50 में शामिल रहा है. यह प्लांट शुरू होने के बाद सागर नगर निगम और सागर शहर देश में टॉप टेन शहरों में शुमार हो जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि सागर में कचरा उत्पादन पॉइंट घरों, दुकानों, सभी तरह की व्यवसायिक इकाइयां, अस्पताल में होटल, शादी घर से लेकर तमाम जगह से निकलने वाले कचरे को निगम की डोर टू डोर कचरा गाड़ियां दरवाजे से संग्रहित करेगी. सड़कों पर कचरा नहीं आएगा और सागर की सड़कें कचरा मुक्त होगी. इससे गंदगी खत्म होगी और सागर स्वच्छ होगा. वहीं कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों से निजात मिलेगी और स्वस्थ सागर का सपना साकार होगा.

देश में कचरे से खाद बनाने वाले अब तक के आधुनिक प्लांट के रूप में यह शुमार होगा. धामोनी मार्ग पर स्थित मसवासी ग्रंट में स्थित प्लांट पूर्ण रूप से तैयार हो चुका है. रविवार को इसी के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के द्वारा इस प्लांट का शुभारंभ हुआ. इस दौरान सागर सांसद राज बहादुर सिंह, सागर विधायक शैलेंद्र जैन और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया भी मौजूद रहे.

सागर। कोरोना संकट के दौरान सागर को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में कचरे से मुक्ति दिलाने वाला अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट सौंपा गया है. शहर को कचरा मुक्त बनाने और संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधीन करीब 6 साल पहले स्वीकृत हुआ 71 करोड़ रुपयों की लागत से बना महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का लोकार्पण नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किया.

अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट की लॉचिंग

कचरा मुक्त बनेगा संभाग

इस अवसर पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब तक इंदौर, भोपाल, जबलपुर और कटनी में इस तरह के प्लांट संचालित हैं. लेकिन उन सब में भी हमारे सागर का यह प्लांट आधुनिकतम उपकरणों और मशीनों से लैस है. मसवासी ग्रंट में करीब 71 करोड़ में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई के तहत प्लांट बनकर तैयार हो गया है. इसमें अलग-अलग आधा दर्जन से ज्यादा इकाइयां तैयार की गई हैं. सागर नगर निगम के आधीन तैयार यह प्लांट पूरे संभाग को कचरा मुक्त बनाएगा. जिसमें गीले- सूखे कचरे को अलग-अलग तरीके से एग्रीगेट करके इससे खाद तैयार की जाएगी. सबसे अहम बात यह है कि प्रदेश का यह पहला एनिमल कार कर्ज प्लांट भी यही लगाया गया है. जहां मृत मवेशियों के शवों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज किया जाएगा.

डोर टू डोर योजना

इस दौरान सांसद राज बहादुर सिंह ने कहा कि सागर में बीती निगम परिषद के कार्यकाल के दौरान इसे स्वीकृत किया गया था. हैदराबाद की रिंक एनवायरमेंट कंपनी के अधीन सागर एमएसडब्ल्यू सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से इसके लिए अनुबंध किया गया था. साल 2015 से सागर में योजना के तहत डोर टू डोर योजना के तहत घरों से कचरा कलेक्शन का काम प्रारंभ किया गया था. जो वर्तमान में सभी 48 वार्डों में विधिवत चल रहा है.

Minister Bhupendra Singh launching the waste management plant
अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट को लॉच करते मंत्री भूपेंद्र सिंह

बीमारियों से मिलेगी निजात

केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण और स्वच्छ भारत अभियान में सागर कई वर्षों से अंडर 50 में शामिल रहा है. यह प्लांट शुरू होने के बाद सागर नगर निगम और सागर शहर देश में टॉप टेन शहरों में शुमार हो जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि सागर में कचरा उत्पादन पॉइंट घरों, दुकानों, सभी तरह की व्यवसायिक इकाइयां, अस्पताल में होटल, शादी घर से लेकर तमाम जगह से निकलने वाले कचरे को निगम की डोर टू डोर कचरा गाड़ियां दरवाजे से संग्रहित करेगी. सड़कों पर कचरा नहीं आएगा और सागर की सड़कें कचरा मुक्त होगी. इससे गंदगी खत्म होगी और सागर स्वच्छ होगा. वहीं कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों से निजात मिलेगी और स्वस्थ सागर का सपना साकार होगा.

देश में कचरे से खाद बनाने वाले अब तक के आधुनिक प्लांट के रूप में यह शुमार होगा. धामोनी मार्ग पर स्थित मसवासी ग्रंट में स्थित प्लांट पूर्ण रूप से तैयार हो चुका है. रविवार को इसी के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के द्वारा इस प्लांट का शुभारंभ हुआ. इस दौरान सागर सांसद राज बहादुर सिंह, सागर विधायक शैलेंद्र जैन और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया भी मौजूद रहे.

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