सागर। लाखा बंजारा झील के गेट खोलने पर देखा गया कि पहले झील का हरा प्रदूषित पानी मोंगा बधान से बाहर निकलता था. लेकिन अब झील में इकट्ठा साफ पानी मोंगा बधान के स्लूज गेटों से निकल रहा है. बता दें कि शहर के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक झील का कायाकल्प लाखा बंजारा लेक रिजूवनेशन एंड लेक फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना में सागर स्मार्ट सिटी द्वारा किया जा रहा है. सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चेअरमैन कलेक्टर दीपक आर्य ने लाखा बंजारा झील का निरीक्षण किया. उन्होंने मोंगा बंधान की तरफ जलभराव स्तर की जानकारी ली.
स्लूज गेटों को खुलवाकर परीक्षण : मोंगा बंधान में लगे स्लूज गेटों की तरफ जलस्तर 520.50 लेवल तक पहुंचने पर स्लूज गेटों को खुलवाकर परीक्षण कराया गया. फिलहाल 520.50 लेवल पर जल स्तर पहुंचने पर गेटों को खोला गया है. ये पहले ही तय किया गया था कि 520.50 लेवल यानि कुल क्षमता का 50 प्रतिशत ही पहले साल झील को भरा जाएगा. स्लूज गेटों को खोले जाने पर देखा गया कि झील का साफ पानी मोंगा बधान से बाहर निकल रहा है. जिससे साफ है कि झील में साफ पानी इकट्ठा होने लगा है.
ऐसे बनी लाखा बंजारा झील स्वच्छ : गौरतलब है कि पिछले कई सालों तक झील में मिलने वाले छोटे-बड़े नाले-नालियों का और घरों से सीधे झील में मिलने वाले सीवरेज के कारण झील में अत्यधिक प्रदूषित हरा पानी एकत्र हो रहा था. मोंगा बधान से भी हरा प्रदूषित पानी ही बहकर खेतों में पहुंचता था. लैब रिपोर्ट के अनुसार ये गंदा पानी किसी भी काम का नहीं था. फिलहाल परियोजना के तहत झील के चारों ओर परिधि में पाइपलाइन बिछाकर सभी नाले-नालियों को टैप करने के बाद इनके गंदे पानी और सीवरेज को झील में मिलने से रोकते हुए सीधे मोंगा बधान से बाहर निकाला जा रहा है. मोंगा बधान और पाइपलाइन से आने वाले पानी में साफ अंतर देखने को मिल रहा है. पहले झील का हरा प्रदूषित पानी मोंगा बधान से बाहर निकलता था. आज झील में इकट्ठा साफ पानी मोंगा बधान के स्लूज गेटों से निकल रहा है. Sagar Smart city mission, Hard work of Smart City Mission, level of Lakha Banjara increased, Water also clean