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शिव के अनूठे मंदिर में करें एक साथ 108 शिवलिंग का अभिषेक, इसको लेकर है पौराणिक मान्यता

Shivaratri 2022 Date: सागर में भगवान विश्वनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर में स्‍थापित शि‍वलिंग की वि‍शेषता यह है कि‍, यहां पर जलाभिषेक से भक्‍त को 108 शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल का पुण्‍य मि‍लता है. जानिए इसकी पौराणिक कथाएं.

vishwanath temple where 108 shivling seen together
सागर के शिव मंदिर में करें एक साथ 108 शिवलिंग का अभिषेक
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Published : Feb 17, 2023, 5:28 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 10:57 PM IST

सागर विश्वनाथ मंदिर

सागर। बुंदेलखंड अपनी कला, संस्कृति और वैभव शाली इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. सागर जिले में ऐसे कई ऐतिहासिक और प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, जो यहां की कला और वैभवशाली इतिहास की कहानी अपने आप में कहते हैं. सागर में करीब साढ़े 4 हजार साल पुराना ऐतिहासिक स्थल एरन है, तो रहली में 11 सौ साल पुराना सूर्य मंदिर. इसी तरह राहतगढ़ में बीना नदी के किनारे बने ऐतिहासिक किले के पास भगवान विश्वनाथ का मंदिर है. इसके बारे में कहा जाता है कि, यह करीब 900 साल पुराना है. इस मंदिर की खासियत यह है कि, इसके प्राचीन शिवलिंग की जलहरी में 108 शिवलिंग स्थित है.

राहतगढ़ में स्थित प्राचीन मंदिर: महाशिवरात्रि के पावन पर्व को हिंदू धर्म के लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं. देशभर में जगह-जगह शिवजी के प्राचीन और मनोकामना सिद्ध मंदिर स्थित है, जिनको लेकर भक्तों की अटूट आस्था है. देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी कई विशेषताएं होने के बावजूद उनके बारे में लोगों को कम जानकारी रहती है. ऐसा ही ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर सागर-भोपाल रोड पर स्थित है. बीना नदी के किनारे बाबा विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर बुंदेलखंड में काफी प्रसिद्ध है. वैसे तो ये इलाका मुगलकालीन इतिहास के लिए जाना जाता है, लेकिन राहतगढ़ को महाभारत काल से जोड़ा जाता है. इसी वजह से मध्यकाल में आल्हा उदल से भी राहतगढ़ का इतिहास जुड़ा हुआ है.

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यहां के शिवलिंग पर जरूर करें अभिषेक: बीना नदी का पुराणों में भी उल्लेख है, जिसे पुराणों में "बीणा पाणिनि" कहा गया है. बीना नदी का वॉटरफॉल बरसात में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है. नदी के तट पर स्थित भगवान विश्वनाथ का मंदिर काफी प्राचीन और अपने आप में इलाके के समृद्ध इतिहास को समेटे हुए है. इस मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के हिसाब से किया गया है. इस मंदिर को पूरी तरह पत्थरों से निर्मित किया गया है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी विराजमान हैं और गर्भ ग्रह में बाबा विश्वनाथ विराजे हैं. इनकी जलहरी में 108 शिवलिंग है, इसे काफी दुर्लभ माना जाता है. मंदिर के पुजारी कहते हैं कि, "शिवलिंग पर एक बार अभिषेक करने से 108 शिवलिंग का अभिषेक अपने आप हो जाता है. वहीं मंदिर की एक परिक्रमा करने से 108 परिक्रमा करने का फल प्राप्त होता है."

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राहतगढ़ किले के साथ शिवलिंग का निर्माण: सागर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर बृजेश श्रीवास्तव का कहना है कि, मंदिर के इतिहास को लेकर लोग अलग-अलग तरह की जानकारी देते हैं. ऐतिहासिक प्रमाण और ग्रंथों के अनुसार मंदिर का निर्माण राहतगढ़ किले के साथ हुआ होगा. राहतगढ़ का विशाल किला जो बीना नदी के किनारे बना है, करीब 1000 साल पुराना है. किले के निर्माण की शैली और अन्य स्रोतों से मिली जानकारी से अंदाजा लगा सकते है कि, किले के समकालीन ही शिवलिंग का निर्माण हुआ होगा. इस इलाके में सिर्फ शिवलिंग स्थापित था या मंदिर भी बनाया गया था, इसके कोई अवशेष या प्रमाण नहीं मिलते हैं. फिलहाल जो मंदिर बना हुआ है वह शिवलिंग जितना पुराना नहीं है, वह बाद में बनाया गया है.

सागर विश्वनाथ मंदिर

सागर। बुंदेलखंड अपनी कला, संस्कृति और वैभव शाली इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. सागर जिले में ऐसे कई ऐतिहासिक और प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, जो यहां की कला और वैभवशाली इतिहास की कहानी अपने आप में कहते हैं. सागर में करीब साढ़े 4 हजार साल पुराना ऐतिहासिक स्थल एरन है, तो रहली में 11 सौ साल पुराना सूर्य मंदिर. इसी तरह राहतगढ़ में बीना नदी के किनारे बने ऐतिहासिक किले के पास भगवान विश्वनाथ का मंदिर है. इसके बारे में कहा जाता है कि, यह करीब 900 साल पुराना है. इस मंदिर की खासियत यह है कि, इसके प्राचीन शिवलिंग की जलहरी में 108 शिवलिंग स्थित है.

राहतगढ़ में स्थित प्राचीन मंदिर: महाशिवरात्रि के पावन पर्व को हिंदू धर्म के लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं. देशभर में जगह-जगह शिवजी के प्राचीन और मनोकामना सिद्ध मंदिर स्थित है, जिनको लेकर भक्तों की अटूट आस्था है. देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी कई विशेषताएं होने के बावजूद उनके बारे में लोगों को कम जानकारी रहती है. ऐसा ही ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर सागर-भोपाल रोड पर स्थित है. बीना नदी के किनारे बाबा विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर बुंदेलखंड में काफी प्रसिद्ध है. वैसे तो ये इलाका मुगलकालीन इतिहास के लिए जाना जाता है, लेकिन राहतगढ़ को महाभारत काल से जोड़ा जाता है. इसी वजह से मध्यकाल में आल्हा उदल से भी राहतगढ़ का इतिहास जुड़ा हुआ है.

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यहां के शिवलिंग पर जरूर करें अभिषेक: बीना नदी का पुराणों में भी उल्लेख है, जिसे पुराणों में "बीणा पाणिनि" कहा गया है. बीना नदी का वॉटरफॉल बरसात में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है. नदी के तट पर स्थित भगवान विश्वनाथ का मंदिर काफी प्राचीन और अपने आप में इलाके के समृद्ध इतिहास को समेटे हुए है. इस मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के हिसाब से किया गया है. इस मंदिर को पूरी तरह पत्थरों से निर्मित किया गया है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी विराजमान हैं और गर्भ ग्रह में बाबा विश्वनाथ विराजे हैं. इनकी जलहरी में 108 शिवलिंग है, इसे काफी दुर्लभ माना जाता है. मंदिर के पुजारी कहते हैं कि, "शिवलिंग पर एक बार अभिषेक करने से 108 शिवलिंग का अभिषेक अपने आप हो जाता है. वहीं मंदिर की एक परिक्रमा करने से 108 परिक्रमा करने का फल प्राप्त होता है."

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राहतगढ़ किले के साथ शिवलिंग का निर्माण: सागर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर बृजेश श्रीवास्तव का कहना है कि, मंदिर के इतिहास को लेकर लोग अलग-अलग तरह की जानकारी देते हैं. ऐतिहासिक प्रमाण और ग्रंथों के अनुसार मंदिर का निर्माण राहतगढ़ किले के साथ हुआ होगा. राहतगढ़ का विशाल किला जो बीना नदी के किनारे बना है, करीब 1000 साल पुराना है. किले के निर्माण की शैली और अन्य स्रोतों से मिली जानकारी से अंदाजा लगा सकते है कि, किले के समकालीन ही शिवलिंग का निर्माण हुआ होगा. इस इलाके में सिर्फ शिवलिंग स्थापित था या मंदिर भी बनाया गया था, इसके कोई अवशेष या प्रमाण नहीं मिलते हैं. फिलहाल जो मंदिर बना हुआ है वह शिवलिंग जितना पुराना नहीं है, वह बाद में बनाया गया है.

Last Updated : Feb 17, 2023, 10:57 PM IST
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