सागर। शहर की प्यास बुझाने वाले राजघाट बांध परियोजना को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गयी है. सागर शहर ही नहीं बल्कि आसपास के सैलानियों का आकर्षण का केंद्र रहने वाला राजघाट अब खूबसूरत पर्यटन केंद्र के रूप में आकार लेगा. मध्यप्रदेश सरकार के पर्यटन बोर्ड ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं. राजघाट बांध के 12 एकड़ इलाके में पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. पर्यटन बोर्ड ने डीपीआर निर्माण हेतु निविदा स्वीकृत कर दी है और एजेंसी द्वारा डीपीआर निर्माण का काम शुरू कर दिया है.
खूबसूरत पर्यटन क्षेत्र बनेगा राजघाट: विधायक शैलेन्द्र जैन ने बताया कि ''सागर शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में राजघाट बांध को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से पर्यटन मंडल ने डीपीआर निर्माण हेतु निविदा स्वीकृत कर दी है और एजेंसी द्वारा डीपीआर निर्माण का काम शुरू कर दिया है.'' गौरतलब है कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान सागर विधायक शैलेंद्र जैन के प्रश्न के उत्तर में पर्यटन विभाग निगम ने उत्तर दिया था कि राजघाट क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार हेतु कोई भी कार्यवाही प्रचलन में नहीं है. परंतु वहीं दूसरी ओर विभाग के मंडल ने डीपीआर निर्माण का टेंडर लगाया था.
विधायक ने विधानसभा में उठाई थी मांग: 2021 में विधानसभा में विधायक शैलेंद्र जैन ने राजघाट बांध में सैलानियों की उपस्थिति को देखते हुए पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग उठाई थी. जिस पर अब पर्यटन विकास मंडल ने राजघाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से 5 करोड़ की लागत से रिसोर्ट निर्माण करने के लिए स्वीकृति दी है. इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए विभाग ने निविदा भी जारी कर दी है. राजघाट से लगे क्षेत्र में 12 एकड़ भूमि पर निर्माण किया जाएगा.
पीपीपी मोड पर तैयार होगा प्रोजेक्ट: गौरतलब है कि वर्ष 2021 में विधानसभा बजट सत्र में विधायक शैलेन्द्र जैन ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर से राजघाट क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की थी. जिस पर उन्होंने सर्वे कराकर इसका निर्णय लेने की बात कही थी. इसके बाद सर्वे के लिए टीम गठित की गई. टीम ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि यहां एक अच्छा पर्यटन स्थल विकसित किया जा सकता है, क्योंकि यह एक बहुत बड़ी वाटर बॉडी है, जो शहर के काफी पास है. बड़ी संख्या में सैलानियों का यहां आना-जाना होता है. सर्वे के बाद पर्यटन मंत्रालय द्वारा भूमि के हस्तांतरण के लिए अनुमति चाही गई थी. इसके लिए भी भूमि की अनुमति भेज दी गई थी. यह प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा.
वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाओं को मिलेगा बढ़ावा: विधायक शैलेन्द्र जैन ने बताया कि ''राजघाट डेम पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के बाद बरसात के समय पर्यटन इसकी भव्यता का अद्भुत आनंद ले ही सकेंगे, साथ ही साल के बाकी दिनों में भी यह पर्यटकों की पहली पसंद साबित हो सकेगा. यहां पर लोग बहुत सारी गतिविधियों का मजा ले सकेंगे. बोट राइडिंग, तीरंदाजी, वाटर स्कूटर का भी आनंद ले सकते हैं. इसके विकसित होने से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.