सागर। जिले की नरयावली विधानसभा से लगातार तीन बार से भाजपा के विधायक और मौजूदा प्रत्याशी प्रदीप लारिया को दान में मिली जमीन के मामले में सियासत तेज हो गयी है. इस मामले में विधायक की पत्नी को जमीन दान करने वाली उनकी सरहज सामने आयी है और उन्होंने अपनी सफाई पेश की है. इस मामले में कांग्रेस नेता सुरेन्द्र चौधरी जहां जांच की मांग पर कायम है. दूसरी तरफ विधायक की पत्नी के नाम पर जमीन करने वाली उनकी भाभी ने वीडियो जारी कर कहा है कि ये आरोप निराधार है मेरे यहां कोई संतान नहीं थी और मैनें विधायक की पत्नी को बेटी की तरह पाला और शादी भी कराई. इसलिए मैनें उन्हें जमीन दान की है. इन आरोपों से मन आहत हुआ है, इसलिए मानहानि की कार्रवाई करूंगा.
वहीं बीजेपी विधायक ने कहा है, "सुरेन्द्र चौधरी सीधे-सीधे चुनाव नहीं लड सकते हैं, इसलिए ये पैंतरा खेला है. दान करने वाले परिजनों ने पक्ष रख दिया है. मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा.
क्या आरोप है बीजेपी विधायक पर: नरयावली विधायक प्रदीप लारिया पर करोड़ों की बेशकीमती जमीन की वसीयत दानपत्र के जरिए कराने के आरोप लगे हैं. खास बात ये है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकायुक्त को चिट्ठी लिखकर जांच की मांग की है. बीजेपी विधायक पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर बेशकीमती जमीन का दान ससुराल पक्ष के लोगों से कराया है. उनके बेटे अंशुल लारिया और पत्नी रेणु लारिया के नाम पर 25 एकड़ जमीन,जिसकी कीमत करीब 25 करोड़ बताई जा रही है.
विधायक पर आरोप लगा है कि उन्होंने ये जमीन भ्रष्टाचार से अर्जित पैसे से खरीदी है. पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने सौदे का लेखा जोखा पेश करते हुए बताया कि प्रदीप लारिया की पत्नी रेणु लारिया को श्रीमती कौशल्या जाटव ने दानपत्र के जरिए वसीयत की है. जो विधायक की पत्नी की भाभी और विधायक की सरहज हैं. कौशल्या जाटव के पति कैलाश जाटव एलआईसी एजेंट हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि करोड़ों की कीमत की जमीन खरीदकर दान कर दें. दूसरी वसीयत विधायक प्रदीप लारिया की सास इंद्राणी लारिया ने विधायक के बेटे अंशुल लारिया के नाम पर की है.
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पूर्व मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप: आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी का कहना है कि अभी अभी मामला हमारे संज्ञान में आया है. भाजपा के नरयावली के विधायक प्रदीप लारिया के परिवार में उनके पुत्र और उनकी पत्नी के नाम पर जो वसीयत की गयी है. मैं समझता हूं कि ये वसीयत उन परिवारों के द्वारा की गयी है, जिनकी अपनी क्षमताएं है. बावजूद इसके विधायक के बेटे अंशुल लारिया और विधायक की पत्नी को जो वसीयत करके बेशकीमती जमीन दी गयी है. इसकी जांच होना चाहिए, जांच में दूध का दूध पानी का पानी सामने आएगा.
लगभग 25 एकड जमीन है और करोडों रूपए की जमीन है. प्रथम दृष्टया देखने में आता है कि विधायक प्रदीप लारिया के सुपुत्र अंशुल लारिया को उनके नानी के द्वारा जमीन दी जा रही है. दूसरी जमीन में प्रदीप लारिया की सरहज उनकी पत्नी यानि अपनी ननद को वसीयत कर रही है. ये बडा जांच का विषय है कि आखिरकार ऐसी कौन सी आवश्यकता आन पडी कि उनको वसीयत करना पड़ रही है. क्या कारण रहे हैं, कि जमीन की वसीयत करनी पड रही है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि सुचिता और सुशासन की बात करते हैं, तो अपने विधायक की वसीयत की जांच कराएं. इस मामले में साफ है कि जो लो सक्षम नहीं है, वो वसीयत कर रहे हैं. पहले भी एक मंत्री ने इसी तरह से बेशकीमती जमीन दान करवायी है.
क्या कहना है वसीयत करने वाली बीजेपी विधायकी की सरहज: इस मामले के सामने आने के बाद विधायक प्रदीप लारिया की सरहज ने वीडियो जारी कर सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है कि मेरे यहां संतान नहीं थी. मैनें अपनी ननद को बेटी की तरह पाला और उनकी शादी भी मैंने की है. मेरे पति एलआईसी में विकास अधिकारी थे और उन्होंने उसी की कमाई से जमीन खरीदी थी. हमारे पास संतान नहीं थी और रेणु को हम बेटी मानते थे, तो बीमार होने पर मेरे पति ने कहा था कि जमीन रेणु के नाम पर दान करना है, तो हम लोगों ने कर दी. सोशल मीडिया पर जो कुछ चल रहा है, वो गलत है. इस तरह के आरोपों से मुझे ठेस लगी है और मैं मानहानि का दावा करूंगी.
क्या कहना है बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया का: इन आरोपों पर नरयावली विधायक प्रदीप लारिया का कहना है कि सुरेन्द्र चौधरी आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करते है. यहां से एक बार 15-20 साल पहले विधायक बने थे. एक बार ही विधायक बने और मंत्री बने. एक बार में ही उन्होंने विधानसभा में इतना विष फैला दिया कि लोगों के ऊपर झूठी एफआईआर कराने का काम किया. गांव-गांव में उनके बारे में लोग जानते हैं. मैं समझता हूं कि अब उनको लगता है कि सीधे-सीधे चुनाव नहीं जीता जा सकता है और ना लड सकते हैं. तो उन्होंने नया पैंतरा खेला है. इस मामले में परिजनों ने अपना पक्ष रख दिया है. इस मामले में मैनें कानूनी सलाह ली है और मैं मानहानि का दावा करूंगा.