सागर। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में रेल सुविधा भले ही बेहतर ना हो, लेकिन सड़क परिवहन के मामले में बुंदेलखंड नए आयाम गढ़ रहा है. वैसे भी देश के बीचों-बीच एमपी के बुंदेलखंड से कई महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे और फोरलेन निकलते हैं. जो पूरे देश को जोड़ने का काम करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा घोषित इकोनामिक कॉरिडोर में एमपी और यूपी को जोड़ने में बुंदेलखंड का सागर और छतरपुर जिला महत्वपूर्ण कड़ी बनने जा रहा है.
दरअसल भोपाल-कानपुर, भोपाल-लखनऊ और भोपाल-वाराणसी इकोनामिक कॉरिडोर को जोड़ने के लिए बुंदेलखंड अहम कड़ी के तौर पर सामने आया है. वैसे भी सागर कानपुर नेशनल हाईवे के जरिए यूपी से एमपी के बड़े शहर जुड़े हैं. अब सागर से कबरई तक समानांतर फोरलेन बनने से बुंदेलखंड को फोर-टू-सिक्स लेन सड़क की सौगात मिलने वाली है. जो एमपी और यूपी के बड़े शहरों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी. करीब 4 हजार करोड़ से ज्यादा लागत की सड़क 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी. इस सड़क से एमपी और यूपी के बीच व्यापारिक गतिविधियां बढ़ने के एमपी और यूपी के कई पर्यटन केंद्रों की बेहतर कनेक्टिविटी होगी.
भोपाल-लखनऊ इकॉनॉमिक कारीडोर को जोड़ेगा सागर-कबरई फोरलेन
सागर ग्रीनफील्ड लिंक रोड की लंबाई 232.7 किमी होगी. ये सड़क एमपी-यूपी के बड़े शहरों को जोड़ने का काम करेगा. ये फोरलेन सड़क बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर से बंडा,दलपतपुर, शाहगढ़, बड़ामलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा होकर बनाया जा रहा है. पहले से बने सागर-कानपुर हाइवे का फोरलेन में विस्तार का डीपीआर अप्रैल 2023 में ही मंजूर हो चुका था. अब सागर से यूपी के कबरई तक 232.7 किमी लंबा फोरलेन अलग-अलग चरणों में बनाया जा रहा है. जिसकी अनुमानित लागत 4290 करोड़ है. कबरई से कानपुर और कानपुर से लखनऊ फोरलेन पहले ही बन चुका है. अब सागर कबरई फोरलेन के जरिए यूपी और एमपी के बड़े शहर भोपाल-लखनऊ कॉरीडोर से जोडऩे की योजना है.
इन जगहों पर फ्लाईओवर और बायपास
सागर कबरई फोरलेन निर्माण में बड़े शहरों और कस्बों को यातायात में बाधा ना पहुंचे. इसके लिए फ्लाईओवर और बायपास का निर्माण किया जा रहा है. सागर, छतरपुर और गढ़ाकोटा में फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा बंडा, शाहगढ़, बड़ामलहरा, हीरापुर, गुलगंज, छतरपुर, गढ़ीमलहरा, ऊजरा, श्रीनगर और महोबा में बाइपास बनाए जाएंगे.
एमपी-यूपी में बढ़ेगा व्यावसाय और पर्यटन
भोपाल-लखनऊ कॉरीडोर के जरिए एमपी और यूपी के बीच व्यावसाय और पर्यटन में विस्तार होगा. खासकर सीमेंट व्यावसाय को गति मिलेगी. इसके अलावा खनिज परिवहन में आसानी होगी. साथ ही एमपी-यूपी के बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों को काफी फायदा होगा. सांची, खजुराहो जैसे विश्व पर्यटन स्थल तक पहुंच आसान होगी, तो ओरछा, चित्रकूट जैसे पर्यटन केंद्र में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. एमपी की कानपुर, लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज पहुंच आसान होगी.
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इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए देश के सबसे पिछड़े इलाके को विकसित करने की कोशिश
इस खास प्रोजक्ट के जरिए कोशिश हो रही है कि आर्थिक तौर पर भारत के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार होने वाले बुंदेलखंड के 13 जिलों का तेज विकास हो. साथ ही इस इलाके में इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स के जरिए रोजगार के बड़े मौके लोगों को मुहैया कराना.