सागर। मध्य प्रदेश का इकलौता केंद्रीय विश्वविद्यालय इन दिनों हिंदूवादी संगठनों के हंगामे के अखाड़ा बना हुआ है. दरअसल, सागर के डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के छात्रावास में छात्र गणेश प्रतिमा स्थापित करना चाहते थे, लेकिन विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन ने इसकी अनुमति नहीं दी और छात्रों को हाॅस्टल के बाहर गणेश प्रतिमा स्थापित करनी पड़ी. तब से शहर के हिंदुवादी संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चीफ वार्डन को पद से हटाने के साथ-साथ बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. इसी सिलसिले में आज विश्व हिंदु परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया और चीफ वार्डन का पुतला दहन करते हुए पद से हटाने की मांग की है.
क्या है मामला: दरअसल, डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के टैगोर छात्रावास के छात्र 19 सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन छात्रावास में गणेश प्रतिमा स्थापित करना चाहते थे, लेकिन विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन डाॅ राजेश गौतम ने विश्वविद्यालय के नियमों का हवाला देते हुए प्रतिमा स्थापना की अनुमति नहीं दी और छात्रों को छात्रावास के बाहर प्रतिमा स्थापित करना पड़ी. इसी बात को लेकर शहर के हिंदुवादी संगठन जमकर नाराज हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी सिलसिले में आज विश्व हिंदु परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर में चीफ वार्डन का पुतला जलाया और विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया. सुरक्षा के मद्देनजर मुख्य कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया गया था, लेकिन उग्र छात्रों ने गेट तोड़ दिया और मुख्य कार्यालय में घुसकर जमकर हंगामा किया.
क्या चाहते हैं हिंदुवादी संगठन: इस मामले में हिंदुवादी संगठनों का आरोप है कि विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन डाॅ राजेश गौतम वामपंथी विचारधारा को बढ़ावा देते हैं और हर धार्मिक त्यौहार का विरोध करते हैं. हमारी मांग है कि उन्हें पद से हटाया जाए और उनकी ऊपर सख्त कार्रवाई की जाए.
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क्या कहना है विश्वविद्यालय प्रशासन का: विश्वविद्यालय के मीडिया अधिकारी डॉ विवेक जायसवाल पहले ही बता चुके हैं कि धार्मिक आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर चुका है. जिसमें कहा गया है कि कोई भी छात्र अगर कोई धार्मिक गतिविधि करना चाहते हैं, तो विश्वविद्यालय परिसर नहीं, बल्कि किसी धार्मिक स्थान या अपने आवास पर करे. विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसी आधार पर चीफ वार्डन ने प्रतिमा स्थापना की अनुमति नहीं दी थी.