सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॅालेज (बीएमसी) सागर में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमित रावत को अंर्तराष्ट्रीय बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन प्रोफेशलन डेवलपमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर में आयोजित गरिमामय समारोह में डॉ. रावत को बिल गेट्स फाउंडेशन द्वारा अवॉर्ड प्रदान किया गया. यह अवार्ड उनकी महत्वपूर्ण रिसर्च 'कोविड एसोसिएटेड हेपेटाइटिस इन चिल्ड्रन' के लिए प्रदान किया गया है. डॉ. रावत सहित इंडिया से 4 लोगों को उनके बेहतर काम के लिए अवार्ड प्रदान किए गए हैं. इनमें 3 डॉक्टर शामिल हैं.
8 महीने बाद मिली मान्यता: प्रो. डॉ. सुमित रावत ने बताया है कि, कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे हेपेटाइटिस का शिकार हो रहे थे. बीएमसी में ऐसे बच्चों की संख्या लगातार बढ़ने लगी, तो मैंने बच्चों की बीमारी को लेकर रिसर्च शुरू की. रिसर्च में पता चला कि हेपेटाइटिस उन्हीं बच्चों को हो रहा है. जो कोरोना संक्रमित रहे हैं या फिर कोरोना संक्रमित के संपर्क में रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ ने रिसर्च को नकारा: इन बच्चों कोरोना की एंटीबॉडी की जांच की गई तो पता चला कि सभी बच्चों में 100% कोरोना एंटीबॉडी है, जबकि सामान्य बच्चों में सिर्फ 35% पाई गई थी. इससे साफ हो गया कि हेपेटाइटिस उन्हीं बच्चों को हो रहा है, जो कोरोना संक्रमित रहे हैं. रिसर्च को मैंने डब्ल्यूएचओ के लिए भेजा, लेकिन पहले डब्ल्यूएचओ ने रिसर्च को नकार दिया. बाद में जब ये स्थिति दुनिया के दूसरे देशों में बनी और मेरी रिसर्च को आधार बनाकर इलाज हुआ. तब जाकर मेरी रिसर्च को मान्यता मिली और डब्ल्यूएचओ ने भी रिसर्च को आधार बनाकर बच्चों के इलाज की गाइडलाइन जारी की.
रावत को बधाईयों का सिलसिला: डॉ. सुमित रावत की रिसर्च को भारत सहित अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया. इसके बाद बिल गेट्स के ख्यात फाउंडेशन बिल एंड मेलिंडा ने उनका चयन प्रोफेशनल डेव्हलपमेंट अवार्ड के लिए किया था. मंगलवार को डॉ. सुमित रावत को क्वालालम्पुर में समारोह पूर्वक यह अवार्ड, प्रमाण-पत्र, मोमेंटो व एक हजार डॉलर की राशि प्रदान कर सम्मानित की गयी. डॉ. सुमित रावत की सफलता पर उन्हें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज परिवार और चिकित्सा जगत की हस्तियों ने बधाई दी.