सागर। बीना पुलिस द्वारा एक अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए बीना सिविल अस्पताल भेजा गया था. जिसे अस्पताल के कर्मचारियों ने खराब पड़े डीप फ्रीजर में रख दिया था. शव पूरी तरह से सड़ गया था. इस मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सागर के लिए नोटिस जारी किया है और घटना से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन मांगा है. इधर, कलेक्टर ने बीएमओ को तत्काल हटाने का आदेश जारी किया है.
कलेक्टर ने बीएमओ को हटाया: कलेक्टर दीपक आर्य ने BMO (खंड चिकित्सा अधिकारी) डॉ. संजीव अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से हटाकर डॉ. अरविद गौर को आगामी आदेश तक पदस्थ करने के आदेश जारी किए हैं. घटना की जांच के लिए कलेक्टर ने 3 सदस्यीय समिति गठित की है. कलेक्टर ने जांच समिति से दो दिन में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा है. जांच समिति में डॉ.जे एस धाकड़, डॉ. शेखर श्रीवास्तव, डॉ. विकास यादव शामिल हैं. कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि खंड चिकित्सा अधिकारी को संपूर्ण घटना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और नोटिस का जवाब एक दिवस में देना होगा.
आयोग ने लिया संज्ञान: मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन ने बीना के सिविल अस्पताल के मर्चुरी के डीप फ्रीजर में पोस्टमार्टम के लिए रखे शव में कीड़े पड़ने के मामले में सिविल अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही पर संज्ञान लेकर सीएमएचओ सागर से प्रकरण के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है. मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ से ये भी पूछा है कि सिविल अस्पताल का डीप फ्रीजर कब खरीदा गया था. इसके रखरखाव की क्या व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी. इसके अलावा डीप फ्रीजर का एनुअल मेंटेनेंस कान्ट्रैक्ट (एएमसी) वगैरह है या नहीं है.