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दलितों के मकानों पर चला बुलडोजर, सागर में दिग्विजय सिंह धरने पर बैठे - सागर समाचार

सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रेपुरा गांव में प्रशासन की औचक कार्रवाई देखने को मिली, जिसमें राजस्व और वन अमले की टीम ने लोगों के घरों पर बुलडोजर चला दिया. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भी गांव में पहुंचे और प्रशासन का कार्रवाई पर सवाल खड़े किए.

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सागर प्रशासन की कार्रवाई
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Published : Jun 22, 2023, 11:01 PM IST

Updated : Jun 23, 2023, 4:03 PM IST

सागर प्रशासन की कार्रवाई

सागर। प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के रैपुरा गांव में बुधवार दोपहर वन और राजस्व अमले की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर बुलडोजर चला दिया और लोगों के मकान तहस-नहस कर दिए. प्रशासन की कार्रवाई इतनी असंवेदनशील थी कि लोगों को अपना सामान भी निकालने का मौका नहीं दिया. ये बात जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पता चली, तो दिग्विजय सिंह आज रेपुरा गांव पहुंचे और उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की. दरअसल वन भूमि पर करीब 60 साल से काबिज 16 परिवारों को हटाने की कार्रवाई की थी। जिनमें से 6 परिवारों के ऐसे मकान हटाए गए, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए थे. इस बात से नाराज होकर दिग्विजय सिंह गांव में ही धरने पर बैठ गए और जब कलेक्टर एसपी और डीएफओ ने जाकर उनसे बातचीत की और उनकी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन दिया तब जाकर दिग्विजय सिंह ने धरना समाप्त कर भोपाल की तरफ रुख किया.

क्या है मामला: दरअसल रेपुरा गांव में पिछले 50 सालों से वन भूमि पर कई परिवार काबिज है. बुधवार के दिन अचानक भारी पुलिस बल के साथ राजस्व और वन विभाग का अमला रेपुरा गांव पहुंचा और 16 दलित परिवारों के मकानों पर बुलडोजर चला दिया। लोगों को हटाने की कार्रवाई असंवेदनशील थी कि लोगों को अपना सामान तक निकालने का मौका नहीं दिया. कई लोगों का सामान तहस-नहस हो गया और उन्हें पूरी रात खुले आसमान के बीच गुजारनी पड़ी. रैपुरा गांव के लोगों का कहना है कि वन भूमि पर पिछले 60 सालों से काबिज हैं. यहां पर उनकी तीसरी पीढ़ी निवास कर रही है. ना हमें कोई नोटिस दिया गया और ना ही हमें बुलडोजर चलानते वक्त इतना समय दिया गया कि अपना जरूरत का सामान भी निकाल ले। अचानक से भारी पुलिस बल के साथ वन विभाग की टीम आई और हमारे मकानों पर बुलडोजर चलाना शुरु कर दिया.

दिग्विजय सिंह ने रात में की पीड़ितों से बात और सुबह पहुंच गए गांव: राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में की गई कार्रवाई की जानकारी कांग्रेस जनों द्वारा दिग्विजय सिंह को दी गई. दिग्विजय सिंह ने रात में ही पीड़ित परिवार के लोगों से बात की और सुबह भोपाल से निकलकर करीब 2 बजे रेपुरा पहुंच गए. रैपुरा गांव में उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी परेशानी समझी. वन विभाग और प्रशासन की कार्रवाई से दिग्विजय सिंह इतने नाराज नजर आए कि वह मौके पर ही धरने पर बैठ गए और उन्होंने कह दिया कि जब कलेक्टर एसपी और डीएफओ आकर बात करेंगे तभी मैं घर से हटूंगा.

आखिरकार सागर कलेक्टर एसपी और डीएफओ मौके पर पहुंचे और उन्होंने पूरी कार्रवाई के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने प्रशासन के सामने कई मांगे रखी, जिनमें पीड़ित परिवारों को आवासीय पट्टा देकर उनके मकान नए सिरे से बनवाए जाने, असंवेदनशील कार्रवाई पर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने, नए मकान बन जांने तक पीड़ित परिवारों के रहने और खाने का इंतजाम करने और वन भूमि पर काबिज लोगों के अतिक्रमण पर सागर जिले में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देने के अलावा, वन अधिकार कानून के तहत कराए गए सर्वे की रिपोर्ट की मांग की है. दिग्विजय सिंह कलेक्टर के मौखिक आश्वासन पर नहीं माने और लिखित में जब कलेक्टर से आश्वासन दिया तब धरने से हटे.

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क्या कहना है कलेक्टर का: जिला कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी जो परिवार प्रभावित हुए हैं और जिनके मकान तोड़े गए हैं उनकी रहने और खाने का इंतजाम किया जा रहा है और इन परिवार के लोगों को मुख्यमंत्री व अधिकार योजना के तहत आवासीय पट्टा दिया जाएगा और वह वैधानिक भूमि पर अपना आवास बना सकेंगे.

हम जाति की राजनीति नहीं करते हैं: स्थानीय विधायक और शिवराज सरकार के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घटनाक्रम को लेकर कहा है कि रेपुरा गांव में वन विभाग द्वारा जो बिना नोटिस दिए कार्रवाई की गई है ये कार्रवाई बिना नोटिस तामील कराए की गई है. इसलिए जिला कलेक्टर द्वारा रेंजर को तत्काल हटा दिया गया है. इस बारे में मैंने मुख्यमंत्री से भी बात की है और उन्होंने कहा है कि पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी। वही मैं दिग्विजय सिंह जी से कहना चाहता हूं कि सुरखी में हम लोग जात-पात की राजनीति नहीं करते हैं. हमारे यहां चाहे दलित वर्ग के लोग हो या किसी दूसरे वर्ग के लोग हो, सब के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाता है. सब एक थाली में खाना खाते हैं मैं दिग्विजय सिंह कहना चाहता हूं कि आप जल्दी ट्वीट कर देते हैं और जल्दी कहीं भी पहुंच जाते हैं. दलितों के नाम पर राजनीति ना करें.

सागर प्रशासन की कार्रवाई

सागर। प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के रैपुरा गांव में बुधवार दोपहर वन और राजस्व अमले की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर बुलडोजर चला दिया और लोगों के मकान तहस-नहस कर दिए. प्रशासन की कार्रवाई इतनी असंवेदनशील थी कि लोगों को अपना सामान भी निकालने का मौका नहीं दिया. ये बात जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पता चली, तो दिग्विजय सिंह आज रेपुरा गांव पहुंचे और उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की. दरअसल वन भूमि पर करीब 60 साल से काबिज 16 परिवारों को हटाने की कार्रवाई की थी। जिनमें से 6 परिवारों के ऐसे मकान हटाए गए, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए थे. इस बात से नाराज होकर दिग्विजय सिंह गांव में ही धरने पर बैठ गए और जब कलेक्टर एसपी और डीएफओ ने जाकर उनसे बातचीत की और उनकी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन दिया तब जाकर दिग्विजय सिंह ने धरना समाप्त कर भोपाल की तरफ रुख किया.

क्या है मामला: दरअसल रेपुरा गांव में पिछले 50 सालों से वन भूमि पर कई परिवार काबिज है. बुधवार के दिन अचानक भारी पुलिस बल के साथ राजस्व और वन विभाग का अमला रेपुरा गांव पहुंचा और 16 दलित परिवारों के मकानों पर बुलडोजर चला दिया। लोगों को हटाने की कार्रवाई असंवेदनशील थी कि लोगों को अपना सामान तक निकालने का मौका नहीं दिया. कई लोगों का सामान तहस-नहस हो गया और उन्हें पूरी रात खुले आसमान के बीच गुजारनी पड़ी. रैपुरा गांव के लोगों का कहना है कि वन भूमि पर पिछले 60 सालों से काबिज हैं. यहां पर उनकी तीसरी पीढ़ी निवास कर रही है. ना हमें कोई नोटिस दिया गया और ना ही हमें बुलडोजर चलानते वक्त इतना समय दिया गया कि अपना जरूरत का सामान भी निकाल ले। अचानक से भारी पुलिस बल के साथ वन विभाग की टीम आई और हमारे मकानों पर बुलडोजर चलाना शुरु कर दिया.

दिग्विजय सिंह ने रात में की पीड़ितों से बात और सुबह पहुंच गए गांव: राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में की गई कार्रवाई की जानकारी कांग्रेस जनों द्वारा दिग्विजय सिंह को दी गई. दिग्विजय सिंह ने रात में ही पीड़ित परिवार के लोगों से बात की और सुबह भोपाल से निकलकर करीब 2 बजे रेपुरा पहुंच गए. रैपुरा गांव में उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी परेशानी समझी. वन विभाग और प्रशासन की कार्रवाई से दिग्विजय सिंह इतने नाराज नजर आए कि वह मौके पर ही धरने पर बैठ गए और उन्होंने कह दिया कि जब कलेक्टर एसपी और डीएफओ आकर बात करेंगे तभी मैं घर से हटूंगा.

आखिरकार सागर कलेक्टर एसपी और डीएफओ मौके पर पहुंचे और उन्होंने पूरी कार्रवाई के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने प्रशासन के सामने कई मांगे रखी, जिनमें पीड़ित परिवारों को आवासीय पट्टा देकर उनके मकान नए सिरे से बनवाए जाने, असंवेदनशील कार्रवाई पर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने, नए मकान बन जांने तक पीड़ित परिवारों के रहने और खाने का इंतजाम करने और वन भूमि पर काबिज लोगों के अतिक्रमण पर सागर जिले में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देने के अलावा, वन अधिकार कानून के तहत कराए गए सर्वे की रिपोर्ट की मांग की है. दिग्विजय सिंह कलेक्टर के मौखिक आश्वासन पर नहीं माने और लिखित में जब कलेक्टर से आश्वासन दिया तब धरने से हटे.

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क्या कहना है कलेक्टर का: जिला कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी जो परिवार प्रभावित हुए हैं और जिनके मकान तोड़े गए हैं उनकी रहने और खाने का इंतजाम किया जा रहा है और इन परिवार के लोगों को मुख्यमंत्री व अधिकार योजना के तहत आवासीय पट्टा दिया जाएगा और वह वैधानिक भूमि पर अपना आवास बना सकेंगे.

हम जाति की राजनीति नहीं करते हैं: स्थानीय विधायक और शिवराज सरकार के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घटनाक्रम को लेकर कहा है कि रेपुरा गांव में वन विभाग द्वारा जो बिना नोटिस दिए कार्रवाई की गई है ये कार्रवाई बिना नोटिस तामील कराए की गई है. इसलिए जिला कलेक्टर द्वारा रेंजर को तत्काल हटा दिया गया है. इस बारे में मैंने मुख्यमंत्री से भी बात की है और उन्होंने कहा है कि पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी। वही मैं दिग्विजय सिंह जी से कहना चाहता हूं कि सुरखी में हम लोग जात-पात की राजनीति नहीं करते हैं. हमारे यहां चाहे दलित वर्ग के लोग हो या किसी दूसरे वर्ग के लोग हो, सब के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाता है. सब एक थाली में खाना खाते हैं मैं दिग्विजय सिंह कहना चाहता हूं कि आप जल्दी ट्वीट कर देते हैं और जल्दी कहीं भी पहुंच जाते हैं. दलितों के नाम पर राजनीति ना करें.

Last Updated : Jun 23, 2023, 4:03 PM IST
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