सागर। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने दुनिया से बहुत कुछ छीना है. इस महामारी ने बहुत कुछ सिखाया भी है. सागर केंद्रीय जेल (Sagar Central Jail) के कैदियों ने कोरोना महामारी से सीख लेकर जेल के अंदर एक ऐसी नर्सरी तैयार की है, जिसमें आपको हर तरह के पौधे मिल जाएंगे. खासकर इस नर्सरी में आयुर्वेद गुणों वाले औषधीय पौधों (medicinal plants) को तैयार किया जा रहा है. इस नर्सरी के जरिए जेल के कैदियों की सेहत का ध्यान भी दिया जा रहा है, और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए औषधीय जड़ी बूटियों के काढ़े भी पिलाए जा रहे हैं.
पौधों की बिक्री से जेल को हो रही आमदनी
दूसरी तरफ नर्सरी के पौधों की बिक्री के जरिए सागर केंद्रीय जेल को काफी आमदनी भी हो रही है. नर्सरी की चारों तरफ वाहवाही हो रही है और जिले भर के हर विकासखंड में इसी नर्सरी के पौधों के जरिए ऑक्सीजन वाटिका भी तैयार की गई है. आगामी प्रिजनर मीट हैदराबाद (Prisoner Meet Hyderabad) में होने वाली है. सागर केंद्रीय जेल के कैदियों की इस पहल को प्रिजनर मीट में भी शामिल किया जा सकता है.
कोरोना काल में आया नर्सरी का आइडिया
सागर केंद्रीय जेल के अष्टकोण अधिकारी नागेंद्र चौधरी बताते हैं कि पिछले साल कोरोना के संक्रमण को देखते हुए हमारे तत्कालीन जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी के दिमाग में विचार आया था कि सागर केंद्रीय जेल की क्षमता से अधिक 1700-1800 कैदी जेल में रहते हैं. सश्रम कारावास वाले कैदियों के लिए हमें काम मुहैया कराना होता है. कोरोना काल (Corona Era) में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जब लोगों ने आयुर्वेद और औषधीय पौधों की तरफ रुख किया, तो हमारे मन में विचार आया कि हम जेल में औषधीय पौधों और अन्य पौधों की एक नर्सरी तैयार कर सकते हैं.
जिसके जरिए कैदियों को सेहतमंद रखने में मदद मिलेगी और नर्सरी के पौधों की बिक्री करके आमदनी बढ़ाई जाएगी. इस विचार पर आगे काम करते हुए हम लोगों ने केंद्रीय जेल परिसर में औषधीय पौधों की नर्सरी (Medicinal Plant Nursery) की शुरुआत की. आज केंद्रीय जेल परिसर में हर तरह के पौधे मिल जाएंगे. केंद्रीय जेल परिसर की नर्सरी में करीब 53 किस्म के पौधे मौजूद हैं.
कोरोना काल में कैदियों को पिलाया गिलोय का काढ़ा
सागर केंद्रीय जेल में कैदियों की क्षमता से ज्यादा मात्रा होने के कारण कोरोना संक्रमण के दौर में 3 दर्जन से ज्यादा कैदी कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive in sagar jail) हो गए थे. इसके अलावा डेढ़ दर्जन जेल कर्मी भी कोरोना संक्रमित थे. इन परिस्थितियों को देखते हुए जेल की नर्सरी के गिलोय का काढ़ा तैयार कर रोजाना बंदियों को काढ़ा पिलाया, जिससे तेजी से फैल रहे संक्रमण पर काबू पाया जा सका. कोरोना काल में कैदियों को सेहतमंद रखने के लिए नर्सरी के पपीते के अलावा आंवला, पुदीना और धनिया की चटनी भी कैदियों को खिलाई गई.
नर्सरी में हैं 53 किस्म के पौधे
जेल के अष्टकोण अधिकारी नागेंद्र चौधरी ने बताया कि जेल परिसर की नर्सरी में दो लाख से ज्यादा पौधे तैयार किए गए हैं, जिनमें 53 किस्म के पौधे नर्सरी में मौजूद हैं. इसके अलावा हमने कई फलदार पौधे (Fruitful Plant) भी नर्सरी में तैयार किये गए हैं. ताइवान पपीते के 1000 पौधे तैयार किए गए हैं. इसके अलावा अश्वगंधा, आंवला, मीठी नीम, एलोवेरा, शतावरी, जामुन, इमली, नींबू, गुलाब, तुलसी, सेवंती, कटहल, अशोक, केला और कई तरह के पौधे तैयार किए गए हैं.
ऑक्सीजन वाटिका में अहम भूमिका निभा रहे नर्सरी के पौधे
जेल में तैयार की गई व औषधीय पौधों की नर्सरी जिले के हर विकासखंड में बनाई गए ऑक्सीजन वाटिका (Oxygen Vatika) के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई है. जिले के सभी 11 विकास खंडों में ऑक्सीजन वाटिका के लिए जेल की नर्सरी से ही पौधे खरीदे गए थे. काफी कम दामों पर जनपद पंचायतों के लिए पौधे उपलब्ध कराए गए थे, जिनके जरिए हर विकासखंड में ऑक्सीजन वाटिका बनाई गई है.
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हैदराबाद प्रिजनर मीट में हो सकता है नर्सरी का प्रदर्शन
आगामी समय में हैदराबाद में राष्ट्रीय स्तर की प्रिजनर मीट का आयोजन होने जा रहा है. मध्य प्रदेश के कैदियों द्वारा तैयार की गई चीजों का इस मीट में प्रदर्शन किया जाएगा. मध्य प्रदेश जेल मुख्यालय सागर केंद्रीय जेल के कैदियों द्वारा बनाई गई नर्सरी के पौधों का प्रदर्शन हैदराबाद प्रिजनर मीट में कर सकती है.