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दहेज के लिए गर्भवती महिला को घर से निकाला, परामर्श के दौरान की मारपीट

दहेज के लिए ससुराल वालों ने गर्भवति महिला पर गर्भपात कराने के लिए दबाव बनाया. पीड़िता नहीं मानी तो ससुराल वालों ने पीड़िता को कोरोना काल के दौरान घर से निकाल दिया. सुलह के लिए परामर्श केंद्र पर आई महिला के साथ पुलिस आरक्षक ननद ने महिला के साथ मारपीट की.

Pregnant woman assaulted
गर्भवती महिला से मारपीट
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Published : Feb 19, 2021, 5:12 AM IST

सागर। महिला थाना में स्थित जिला परामर्श केंद्र में गर्भवती महिला के साथ उसकी पुलिस आरक्षक ननद और ससुराल पक्ष द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है. दरअसल पीड़ित गर्भवती महिला ने खुरई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि, जब से वह गर्भवती हुई है, तब से उसके ससुराल पक्ष के लोग गर्भपात कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं और दहेज की मांग कर रहे हैं. महिला ससुराल पक्ष की प्रताड़ना के चलते मायके चली गई थी. ससुराल वाले महिला को मायके से वापस भी नहीं बुला रहे.

शिकायत के बाद दोनों पक्षों के लिए आज जिला स्तरीय परामर्श केंद्र बुलाया गया. जहां यह मारपीट की घटना हुई है. इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक को शिकायत किए जाने पर ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है.

गर्भवती महिला से मारपीट
  • क्या है मामला?

खुरई की पीड़िता का विवाह 25 फरवरी 2020 को मकरोनिया के शिव नगर कॉलोनी निवासी शुभम गोस्वामी के साथ हुआ था. पीड़िता का कहना है कि शादी में 15 लाख रुपए सहित घर गृहस्थी का सामान दिया गया था. शादी के वक्त बताया गया था कि शुभम पुलिस में आरक्षक के पद पर कार्यरत है, लेकिन शादी के बाद पता चला कि शुभम गोस्वामी बेरोजगार है. इसी बीच महिला गोस्वामी गर्भवती हो गई. लेकिन जैसे ही उसके ससुराल पक्ष को महिला के गर्भवती होने का पता चला तो वह उसे गर्भपात कराने और दहेज लाने की मांग करने लगे.

  • कोरोना काल में गर्भवती महिला को घर से निकाला

गर्भवती होने के साथ ससुराल पक्ष की प्रताड़ना बढ़ गई और प्रताड़ना का आलम यह हुआ कि 25 अप्रैल 2020 को जब लॉकडाउन लगा हुआ था. तब गर्भवती महिला को घर से बाहर निकाल दिया. महिला ने अपने परिवारजनों को स्थिति से अवगत कराया. फिर परिवारजनों ने खुरई थाने में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई.

पहले 'लव' फिर शादी, अब 'जिहाद' के नाम पर जुल्म

  • परामर्श के दौरान आरक्षक ननद ने की मारपीट

पीड़ित महिला का आरोप है कि खुरई थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे महिला थाना सागर में परामर्श के लिए बुलाया गया. जहां पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर कार्यरत उसकी ननद मीनू गोस्वामी थाने में ही मौजूद थी. ननद पीड़िता पर सुलह के लिए दबाव डाल रही थी. लेकिन जब सुलह की स्थिति नहीं बनी, तो पुलिस आरक्षक ननद ने अपनी गर्भवती भाभी के साथ थाने में ही मारपीट की.

  • ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह का कहना है कि पीड़िता की रिपोर्ट पर उसके पति, ननद और सास-ससुर के खिलाफ धारा 498 ए, धारा 406 और 3-4 दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीड़िता के साथ थाने में मारपीट के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले दोनों पक्षों की परामर्श कराई जा रही थी. लेकिन दोनों पक्षों में सुलह नहीं हुई और दोनों पक्षों के बीच महिला थाना परिसर में ही विवाद हो गया.

सागर। महिला थाना में स्थित जिला परामर्श केंद्र में गर्भवती महिला के साथ उसकी पुलिस आरक्षक ननद और ससुराल पक्ष द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है. दरअसल पीड़ित गर्भवती महिला ने खुरई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि, जब से वह गर्भवती हुई है, तब से उसके ससुराल पक्ष के लोग गर्भपात कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं और दहेज की मांग कर रहे हैं. महिला ससुराल पक्ष की प्रताड़ना के चलते मायके चली गई थी. ससुराल वाले महिला को मायके से वापस भी नहीं बुला रहे.

शिकायत के बाद दोनों पक्षों के लिए आज जिला स्तरीय परामर्श केंद्र बुलाया गया. जहां यह मारपीट की घटना हुई है. इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक को शिकायत किए जाने पर ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है.

गर्भवती महिला से मारपीट
  • क्या है मामला?

खुरई की पीड़िता का विवाह 25 फरवरी 2020 को मकरोनिया के शिव नगर कॉलोनी निवासी शुभम गोस्वामी के साथ हुआ था. पीड़िता का कहना है कि शादी में 15 लाख रुपए सहित घर गृहस्थी का सामान दिया गया था. शादी के वक्त बताया गया था कि शुभम पुलिस में आरक्षक के पद पर कार्यरत है, लेकिन शादी के बाद पता चला कि शुभम गोस्वामी बेरोजगार है. इसी बीच महिला गोस्वामी गर्भवती हो गई. लेकिन जैसे ही उसके ससुराल पक्ष को महिला के गर्भवती होने का पता चला तो वह उसे गर्भपात कराने और दहेज लाने की मांग करने लगे.

  • कोरोना काल में गर्भवती महिला को घर से निकाला

गर्भवती होने के साथ ससुराल पक्ष की प्रताड़ना बढ़ गई और प्रताड़ना का आलम यह हुआ कि 25 अप्रैल 2020 को जब लॉकडाउन लगा हुआ था. तब गर्भवती महिला को घर से बाहर निकाल दिया. महिला ने अपने परिवारजनों को स्थिति से अवगत कराया. फिर परिवारजनों ने खुरई थाने में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई.

पहले 'लव' फिर शादी, अब 'जिहाद' के नाम पर जुल्म

  • परामर्श के दौरान आरक्षक ननद ने की मारपीट

पीड़ित महिला का आरोप है कि खुरई थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे महिला थाना सागर में परामर्श के लिए बुलाया गया. जहां पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर कार्यरत उसकी ननद मीनू गोस्वामी थाने में ही मौजूद थी. ननद पीड़िता पर सुलह के लिए दबाव डाल रही थी. लेकिन जब सुलह की स्थिति नहीं बनी, तो पुलिस आरक्षक ननद ने अपनी गर्भवती भाभी के साथ थाने में ही मारपीट की.

  • ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह का कहना है कि पीड़िता की रिपोर्ट पर उसके पति, ननद और सास-ससुर के खिलाफ धारा 498 ए, धारा 406 और 3-4 दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीड़िता के साथ थाने में मारपीट के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले दोनों पक्षों की परामर्श कराई जा रही थी. लेकिन दोनों पक्षों में सुलह नहीं हुई और दोनों पक्षों के बीच महिला थाना परिसर में ही विवाद हो गया.

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