नई दिल्ली : भारत के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन 20 साल तक देश की बागडोर संभाले रहे. मुंबई के अस्पताल में उनकी गहन देखभाल की जा रही थी और उसी में उन्होंने अंतिम सांस ली.
कंपनी की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया कि 'हम श्री रतन नवल टाटा को बहुत दुख के साथ अंतिम विदाई दे रहे हैं, जो वास्तव में एक असाधारण नेता थे, जिनके अतुल्य योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है.
बता दें, रतन को खेलों के प्रति अपने प्रेम के लिए भी जाना जाता था और वे अक्सर भारतीय क्रिकेटरों और एथलीटों का समर्थन करते थे. कई क्रिकेटरों को टाटा समूह से समर्थन मिला. अतीत में, फारुख इंजीनियर को टाटा मोटर्स ने सपोर्ट किया था, जबकि एयर इंडिया ने मोहिंदर अमरनाथ, संजय मांजरेकर, रॉबिन उथप्पा और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों को भी सपोर्ट किया था.
इंडियन एयरलाइंस जो टाटा समूह से भी जुड़ी थी, ने जवागल श्रीनाथ, हरभजन सिंह, युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ जैसे खिलाड़ियों को अपना समर्थन दिया था. शार्दुल ठाकुर (टाटा पावर) और जयंत यादव (एयर इंडिया) अन्य दो प्रमुख खिलाड़ी हैं जिन्हें टाटा ग्रुप की तरफ से मदद. इन्हीं क्रिकेटरों ने देश का खूब मान बढ़ाया.
बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर (टाटा स्टील) को भी टाटा समूह से सहायता मिली. रतन टाटा का नेतृत्व विवादों से भी घिरा रहा, क्योंकि इसमें अरबपति शापूरजी पल्लोनजी परिवार के वंशज साइरस मिस्त्री के साथ कड़वाहट भरी दुश्मनी भी शामिल थी, जिन्हें 2016 में टाटा संस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. टाटा समूह के अनुसार, मिस्त्री उन व्यवसायों को पटरी पर लाने में सक्षम नहीं थे जो खराब प्रदर्शन कर रहे थे.