सागर। प्रहलाद सिंह के परिजन उम्मीद तोड़ चुके थे कि 22 साल पहले लापता उनका भाई शायद ही लौटे, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था. सालों से भटकते हुए प्रहलाद का भाई एक साल पहले सागर एसपी के पास पहुंचा और एसपी अतुल सिंह ने जब इस मामले को गंभीरता से लिया तो आज प्रहलाद न सिर्फ वतन वापसी कर रहा है, बल्कि आज भारत-पाक सीमा के रास्ते अपने परिजनों के साथ सागर जिले के गौरझामर के खामखेड़ा पहुंचेगा. आइए जानते हैं कौन है प्रहलाद और 22 साल बाद कैसे हो सकी वतन वापसी.
पाकिस्तानी जेल में कैद रहा प्रहलाद सिंह राजपूत
सागर जिले की गौरझामर तहसील के खामखेड़ा गांव के प्रहलाद सिंह पिता कुंजीलाल राजपूत का जन्म 17 अप्रैल 1965 को खामखेड़ा की घोसी पट्टी पर हुआ था, प्रहलाद सिंह शुरुआत से ही थोड़ा मानसिक विक्षिप्त था. प्रहलाद सिंह की उम्र जब 33 साल थी तो प्रहलाद सिंह अचानक अपने घर से लापता हो गया. प्रहलाद सिंह के परिजनों ने उसको ढूंढ़ने की काफी कोशिश की, लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.
30 अगस्त को प्रहलाद सिंह की होगी वतन वापसी, 22 साल से पाकिस्तानी जेल में है बंद
16 साल बाद पता चला कि प्रहलाद पाकिस्तान की जेल में कैद
पीडब्ल्यूडी में कार्यरत प्रहलाद सिंह के बड़े भाई वीर सिंह राजपूत ने बताया कि 1998 में उनका भाई लापता हुआ था, उन्होंने अपने भाई की काफी तलाश की, पर कोई कामयाबी नहीं मिली. 2014 में समाचार पत्र के जरिए जानकारी मिली कि प्रहलाद पाकिस्तान की जेल में कैद है. जैसे ही इसके बारे में पता चला तो उन्होंने कलेक्टर एसपी हर स्तर पर भाई की वापसी और पता लगाने के लिए आवेदन दिया, काफी लंबे समय तक कुछ जानकारी नहीं मिली.
पाकिस्तान सरकार ने 17 कैदियों की जानकारी भारत भेजी
सागर पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने बताया कि 2015 में पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को सूचित किया था कि हमारे पास ऐसे 17 बंदी हैं, जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और अपना नाम पता भी ठीक ढंग से नहीं बता पा रहे हैं. इस जानकारी को जब प्रहलाद के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी से 2015 में मिलान किया गया तो प्रहलाद नाम का एक व्यक्ति पाकिस्तान में बंदी था, उसके नाम के अलावा पता और अन्य जानकारियां नहीं मिल पा रही थी.
प्रहलाद की वापसी के लिए सागर एसपी बने फरिश्ता
2015 में जब प्रहलाद के परिजनों को भरोसा हो गया कि पाकिस्तान में बंदी प्रहलाद ही उनका भाई है तो वो लगातार वापसी के लिए प्रयास करते रहे, 5 साल तक उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. 2020 में प्रहलाद के भाई वीर सिंह राजपूत ने सागर एसपी अतुल सिंह से मुलाकात की. तब उन्होंने प्रहलाद के परिजनों के किए जा रहे दावों की जांच पड़ताल की तो पता चला कि 2015 में पाकिस्तान सरकार द्वारा भेजी गई जानकारी और प्रहलाद की गुमशुदगी की जानकारी में कई समानताएं हैं. उन्होंने पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रयास किए और विदेश मंत्रालय को जानकारी भेजी.
जून 2021 में विदेश मंत्रालय ने शुरू की जांच
एसपी के विशेष प्रयासों के चलते जब पुलिस मुख्यालय के जरिए विदेश मंत्रालय को जानकारी भेजी गई तो जून 2021 में विदेश मंत्रालय ने प्रहलाद के मामले में जांच पड़ताल शुरू की. जून 2021 में एसपी द्वारा विदेश मंत्रालय ने प्रहलाद की जांच पड़ताल शुरू कराई. प्रहलाद के गांव वालों के बयान लिए गए और प्रहलाद के परिजनों और स्कूल के अलावा प्रहलाद से संबंधित सभी जानकारियां विदेश मंत्रालय ने मंगवाई थी, जिसे एसपी कार्यालय द्वारा भेजी गई थी, इन्हीं सबूतों के आधार पर माना गया कि पाकिस्तान में कैद प्रहलाद सागर जिले के गौरझामर के खामखेड़ा गांव का निवासी है.
डेढ़ महीने पीओके में फिर रावलपिंडी जेल में कैद रहा प्रहलाद
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रहलाद को पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा पकड़ा गया था, जिसे करीब डेढ़ महीने तक पीओके में रखने के बाद रावलपिंडी की जेल में भेज दिया गया था. फिलहाल प्रहलाद रावलपिंडी की जेल में ही कैद था. 30 अगस्त को प्रहलाद को बाघा अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान सरकार भारत सरकार को सौंपेगी. सागर पुलिस की एक टीम प्रहलाद के परिजनों को लेकर अमृतसर पहुंच गई है, जहां प्रहलाद की उसके परिजनों से मुलाकात होगी और औपचारिकताओं के बाद प्रहलाद को परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा.