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दुबई जेल में बंद यश तिवारी के माता-पिता की पीएम मोदी से अपील, बेटे की करा दें वतन वापसी

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Published : Jan 7, 2022, 11:53 AM IST

दुबई जेल में बंद यश तिवारी (Yash Tiwari arrested by Dubai Police) के माता पिता बेटे की वतन वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Parents appeal to PM Modi for return of Yash Tiwari) से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Parents appeal to PM Modi for return of Yash Tiwari
दुबई जेल में बंद यश तिवारी

सागर। शहर के सदर इलाके में रहने वाला 20 वर्षीय युवक पैसे कमाने का सपना लिए दुबई गया था, जोकि पिछले कुछ दिनों से दुबई की एक जेल में बंद है. उसके परिजन वापस लाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. युवक का आखिरी बार 22 दिन पहले फोन आया था, तब उसने बताया था कि उसका वीजा पासपोर्ट खो गया है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. सागर के सांसद-विधायक और कलेक्टर-एसपी के दफ्तर में चक्कर लगाकर परिजन थक चुके हैं. अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उनके बेटे को दुबई की जेल से रिहा कराकर वतन वापसी (Parents appeal to PM Modi for return of Yash Tiwari) कराएं.

जनता की जान से खेल रही सियासत! आवाम के लिए कोरोना गाइडलाइन, 'खास' तो संक्रमण फैलाने में मस्त

पैसा कमाकर घर खरीदना चाहता था युवक

पीड़ित यश तिवारी के पिता ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं. यश की मां दूसरे के घरों में काम करके पति की मदद करती हैं. परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते यश ने मां के साथ रहकर खाना बनाना सीखा और भोपाल के एक होटल में कुक का काम कर रहा था. वहां उसे दोस्तों के जरिए पता चला कि अगर वह दुबई में जाकर कुक का काम करेगा तो काफी कमाई होगी और उसकी गरीबी दूर हो जाएगी. पासपोर्ट-वीजा बनवाकर मार्च 2021 में दुबई चला गया और वहां काम करने लगा.

दुबई जेल में बंद यश तिवारी के माता-पिता की पीएम मोदी से अपील

टूरिस्ट वीजा पर दलाल ने भेज दिया दुबई

सागर से दुबई पहुंचकर यश एक होटल में काम करने लगा और घर पर पैसे भी भेजने लगा. कुछ दिन तक सब ठीक रहा. बाद में पता चला कि जिस एजेंट के माध्यम से दुबई गया था, उसने वर्किंग वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर उसे दुबई भेज दिया है. हालांकि, जिस होटल में वह काम कर रहा था, वहां के मैनेजमेंट ने वर्किंग वीजा बनवाने में मदद भी की, लेकिन पैसों की तंगी के चलते यश का वर्किंग वीजा नहीं बन पाया.

वर्किंग वीजा नहीं होने पर चली गई नौकरी

करीब 3 महीने पहले युवक ने अपने माता-पिता को बताया कि उसका नया वीजा जब तक नहीं मिलेगा, तब तक वह दुबई में काम नहीं कर पाएगा, इसलिए वह परेशान होकर इधर-उधर भटक रहा है और पार्क में सोकर रात गुजारता है. कई दिनों तक सिर्फ पानी ही पीकर गुजारा करना पड़ा.

पार्क में सोते हुए पुलिस ने किया गिरफ्तार

करीब 22 दिन पहले युवक की परिजनों से बातचीत बंद हो गई, तब परिजनों ने उसके दोस्तों से संपर्क किया. उसके दोस्तों ने बताया कि वीजा अवधि खत्म होने के कारण उसे पुलिस ने जेल में भेज (Yash Tiwari arrested by Dubai Police) दिया है. उसके दोस्तों ने परिजनों को यह भी बताया कि उसका नया वीजा बन चुका है, लेकिन पैसे की तंगी के कारण वीजा हासिल नहीं कर पा रहा है.

यश की वतन वापसी की गुहार लगा रहे परिजन

दुबई की जेल में बंद यश के माता-पिता उसकी वतन वापसी की फरियाद लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. परिजन सागर सांसद, स्थानीय विधायक और कलेक्टर से मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक युवक की वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिखी है. ऐसी स्थिति में युवक के परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Parents appeal to PM Modi for return of Yash Tiwari) से अपने बेटे की वापसी की गुहार लगा रहे हैं.

यश की वापसी के लिए गृह विभाग को लिखेंगे पत्र

इस मामले में जब परिजनों ने सागर कलेक्टर से मुलाकात की तो कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि गृह विभाग और केंद्र सरकार की एजेंसियों के माध्यम से युवक की वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगे.

सागर। शहर के सदर इलाके में रहने वाला 20 वर्षीय युवक पैसे कमाने का सपना लिए दुबई गया था, जोकि पिछले कुछ दिनों से दुबई की एक जेल में बंद है. उसके परिजन वापस लाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. युवक का आखिरी बार 22 दिन पहले फोन आया था, तब उसने बताया था कि उसका वीजा पासपोर्ट खो गया है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. सागर के सांसद-विधायक और कलेक्टर-एसपी के दफ्तर में चक्कर लगाकर परिजन थक चुके हैं. अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उनके बेटे को दुबई की जेल से रिहा कराकर वतन वापसी (Parents appeal to PM Modi for return of Yash Tiwari) कराएं.

जनता की जान से खेल रही सियासत! आवाम के लिए कोरोना गाइडलाइन, 'खास' तो संक्रमण फैलाने में मस्त

पैसा कमाकर घर खरीदना चाहता था युवक

पीड़ित यश तिवारी के पिता ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं. यश की मां दूसरे के घरों में काम करके पति की मदद करती हैं. परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते यश ने मां के साथ रहकर खाना बनाना सीखा और भोपाल के एक होटल में कुक का काम कर रहा था. वहां उसे दोस्तों के जरिए पता चला कि अगर वह दुबई में जाकर कुक का काम करेगा तो काफी कमाई होगी और उसकी गरीबी दूर हो जाएगी. पासपोर्ट-वीजा बनवाकर मार्च 2021 में दुबई चला गया और वहां काम करने लगा.

दुबई जेल में बंद यश तिवारी के माता-पिता की पीएम मोदी से अपील

टूरिस्ट वीजा पर दलाल ने भेज दिया दुबई

सागर से दुबई पहुंचकर यश एक होटल में काम करने लगा और घर पर पैसे भी भेजने लगा. कुछ दिन तक सब ठीक रहा. बाद में पता चला कि जिस एजेंट के माध्यम से दुबई गया था, उसने वर्किंग वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर उसे दुबई भेज दिया है. हालांकि, जिस होटल में वह काम कर रहा था, वहां के मैनेजमेंट ने वर्किंग वीजा बनवाने में मदद भी की, लेकिन पैसों की तंगी के चलते यश का वर्किंग वीजा नहीं बन पाया.

वर्किंग वीजा नहीं होने पर चली गई नौकरी

करीब 3 महीने पहले युवक ने अपने माता-पिता को बताया कि उसका नया वीजा जब तक नहीं मिलेगा, तब तक वह दुबई में काम नहीं कर पाएगा, इसलिए वह परेशान होकर इधर-उधर भटक रहा है और पार्क में सोकर रात गुजारता है. कई दिनों तक सिर्फ पानी ही पीकर गुजारा करना पड़ा.

पार्क में सोते हुए पुलिस ने किया गिरफ्तार

करीब 22 दिन पहले युवक की परिजनों से बातचीत बंद हो गई, तब परिजनों ने उसके दोस्तों से संपर्क किया. उसके दोस्तों ने बताया कि वीजा अवधि खत्म होने के कारण उसे पुलिस ने जेल में भेज (Yash Tiwari arrested by Dubai Police) दिया है. उसके दोस्तों ने परिजनों को यह भी बताया कि उसका नया वीजा बन चुका है, लेकिन पैसे की तंगी के कारण वीजा हासिल नहीं कर पा रहा है.

यश की वतन वापसी की गुहार लगा रहे परिजन

दुबई की जेल में बंद यश के माता-पिता उसकी वतन वापसी की फरियाद लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. परिजन सागर सांसद, स्थानीय विधायक और कलेक्टर से मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक युवक की वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिखी है. ऐसी स्थिति में युवक के परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Parents appeal to PM Modi for return of Yash Tiwari) से अपने बेटे की वापसी की गुहार लगा रहे हैं.

यश की वापसी के लिए गृह विभाग को लिखेंगे पत्र

इस मामले में जब परिजनों ने सागर कलेक्टर से मुलाकात की तो कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि गृह विभाग और केंद्र सरकार की एजेंसियों के माध्यम से युवक की वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगे.

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